मेरठ में 62 साल के बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या:अंदर के कमरे में सो रही थी बहू और बेटी, सुबह नाड़े से खाट से बंधे मिले

मेरठ में 62 साल के बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या:अंदर के कमरे में सो रही थी बहू और बेटी, सुबह नाड़े से खाट से बंधे मिले

मेरठ में 62 साल के बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उनका शव घर की बैठक में चारपाई में पड़ा मिला। हाथ-पैर पायजामे के नाड़े से बंधे थे। शरीर के कई हिस्सों और गले में मारपीट के निशान मिले हैं सुबह 4 बजे बुजुर्ग की चीख सुनकर घर के अंदर सो रही बहू और बेटी के साथ पड़ोसी पहुंचे। बुजुर्ग को अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के समय घर का कीमती सामान भी बिखरा मिला है। परिजनों का आरोप है कि चोरों ने लूट के इरादे से तेजपाल की पीट-पीटकर हत्या कर दी। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले में पुरानी रंजिश और ब्याज के लेनदेन का एंगल, और प्रेम-प्रसंग के मामले को भी जांच में शामिल किया जा रहा है।
पूरा मामला भावनपुर थाना क्षेत्र के सियाल गांव का है। ब्याज पर पैसे देते थे तेजपाल
गांव निवासी तेजपाल किसान थे और ब्याज पर पैसे देने का काम करते थे। परिवार में 3 बेटे और 2 बेटियां हैं। बड़े बेटे सोनू की दो साल पहले हार्टअटैक से मौत हो चुकी है। अब घर में विधवा बहू शीतल एक बेटा राहुल उसकी पत्नी आरती और उसके तीन बच्चे साथ रहते हैं।
शनिवार रात तेजपाल घर की बैठक में खाट पर सो रहे थे। अंदर के कमरे में उसके बड़े बेटे की विधवा बहू शीतल, छोटी बेटी गुंजन और एक पोती सो रहे थे। इस कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। तेजपाल की पत्नी सरोज अपनी पोती नैंसी और पोते कुक्कू को लेकर मुरादनगर गणेश विसर्जन में गई थी। वहां विसर्जन के बाद ये तीनों लोग रात को तेजपाल की बड़ी बेटी के घर में रुक गए। पड़ोसी बोले- तेजपाल की चीख सुनाई दी। तेजपाल के एक पड़ोसी ने बताया कि सुबह लगभग चार से पांच बजे के आसपास तेजपाल की चीख सुनाई दी। मैं जानवरों को चारा दे रहा था। चीख सुनकर मैं तेजपाल के घर की ओर गया। मुख्य दरवाजा खोलने की कोशिश की वो बंद था हमने दरवाजा खटखटाया नहीं खुला। इसी बीच बहू शीतल और बेटी भी अपने कमरे से बाहर आए। बुजुर्ग की हालत देख बहू ने भी शोर मचाया।लेकिन अंदर से गेट में ताला लगा होने व चाबी न मिलने से गेट नहीं खुला। इसके बाद एक पड़ोसी दूसरे के घर से अंदर गया और ईंट से ताला तोड़कर गेट खोला। जिसके बाद सभी ने देखा सामने तेजपाल खाट पर बंधे पड़े है। उसके पैर चारपाई से बांधे थे और दोनों हाथों को उसी के पाजामे के नाडे से चारपाई से बांधा था। उस समय तेजपाल की सांस फूल रही थी,बोल नहीं पा रहे थे और पेट पर तीन जगह,पैरों पर हाथों पर पिटाई के निशान थे। शरीर अकड़ा हुआ था। लोगों ने सीपीआर देकर उनको अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि घटना के समय कमरों में सामान बिखरा पड़ा था। अलमारियां खुली हुई थीं और कपड़े-गहने इधर-उधर फेंके हुए थे। शरीर पर डंडों के नीले निशान मिले
परिजनों ने तुरंत थाना भावनपुर पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस टीम और एसएसपी मेरठ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है और मामला हत्या की धारा में दर्ज किया गया है।तेजपाल के शरीर पर जगह-जगह डंडों से पिटाई के नीले निशान पाए गए हैं। हालांकि ना किसी धारदार हथियार का इस्तेमाल हुआ और ना ही गोली मारी गई है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पीट-पीटकर ही तेजपाल की हत्या की गई है। सूचना पर पहुंचे एसएसपी ने मृतक के बेटे-बहू से बंद कमरे में लगभग एक घंटे तक बातचीत की है जिसमें पूरी जानकारी ली है। परिवार का आरोप – चोरों ने पिता को मार डाला
परिजनों का कहना है कि वारदात के पीछे चोरी का इरादा था। उनका आरोप है कि चोरों ने घर में घुसकर तेजपाल को मारा और जो कुछ भी कीमती मिला, समेट ले गए। घर में लूटपाट के साफ संकेत हैं। हालांकि पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है। परिवार से अलग रहने वाले तेजपाल के छोटे बेटे राहुल ने बताया कि रात 9:30 बजे मैंने अपने पिता को फोन किया था। मैंने उनसे कहा कि मैं आपके पास आ जाऊं। तो बोले, तू क्या करेगा, रात की बात है तू अपने पत्नी बच्चों के साथ रह। सुबह जगे तो उनकी मौत की सूचना मिली। एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने बताया कि थाना भावनपुर निवासी एक बुजुर्ग के घर में चोरी हुई है। उसे बांधकर चोर फरार हो गए हैं। उनका दो कमरों का घर है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बुजुर्ग को अस्पताल भेजा था। जहां उनको डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मृतक के परिजनों ने बताया कि बुजुर्ग गांव में ब्याज पर पैसे देने का काम करते थे। परिजनों से पूछताछ में गांव में कुछ रंजिश की बात सामने आई है जिसको भी चेक किया जा रहा है। परिजनों से तहरीर मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अब तक की पड़ताल में क्या-क्या सामने आया? ——————————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी में 2 लाख शिक्षकों की नौकरी खतरे में:जब भर्ती हुए तब TET नहीं, अब पास करना अनिवार्य; बोले- पढ़ाएं या खुद पढ़ें 1992 में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक अब्दुल मजीद की मौत हो गई। उनके बेटे अब्दुल राशिद को मृतक आश्रित पर नौकरी मिली। 20 साल के अब्दुल 12वीं पास थे। उस वक्त शिक्षक बनने के लिए 12वीं पास ही न्यूनतम अर्हता थी। पढ़ें पूरी खबर…

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