अखिलेश यादव स्कूल के दोस्तों से मिले:बोले-बचपन की यादें ताजा हुईं; सरकार को नसीहत- अमेरिका से अच्छे संबंध रखें, चीन से सावधान रहें

अखिलेश यादव स्कूल के दोस्तों से मिले:बोले-बचपन की यादें ताजा हुईं; सरकार को नसीहत- अमेरिका से अच्छे संबंध रखें, चीन से सावधान रहें

बचपन की यादें ताजा हो गई। बचपन की यादें होती हैं, यादों का बचपन नहीं होता। उम्र के साथ-साथ यादें बड़ी होती जाती हैं। जिम्मेदारी बढ़ती जाती है। अपने स्कूल के शताब्दी समारोह में आकर अपनत्व का ही नहीं, जिम्मेदारी का भी गहरा एहसास हुआ। अच्छे स्कूल प्रकाश स्तंभ जैसे होते हैं, जो जीवन में हमेशा, हर राह को रोशन करते रहते हैं। ऐसे शिक्षालय, शिक्षक और शिक्षा के लिए हृदय से आभार जिसने देशप्रेम, अनुशासन, मानवता, सौहार्द, करुणा और जनसेवा का शाश्वत पाठ पढ़ाया। ये बातें शनिवार रात सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आगरा में कहीं। वे राजस्थान के धौलपुर स्थित राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल की ओर से मुगल होटल में आयोजित शताब्दी समारोह में पहुंचे थे। अखिलेश ने स्कूल के पुराने दोस्तों से मुलाकात की। अखिलेश ने मीडिया से बातचीत में भाजपा पर करारा हमला बोला। कहा- अमेरिका ने जो टैरिफ लगाया है, वह BJP के मुंह पर लगा है। हमसे तो आप टैरिफ को लेकर सवाल पूछ रहे हो, लेकिन BJP के लोगों से पूछोगे तो उनका मुंह बंद हो जाएगा। अमेरिका से अच्छे संबंध बनाकर चीन से सावधान रहें : अखिलेश
भारत-चीन की नजदीकी की चर्चाओं के बीच अखिलेश ने कहा- चीन से सावधान रहना पड़ेगा। चीन से चौकन्ना रहना पड़ेगा। अमेरिका से हमें व्यापारिक संबंध मजबूत बनाने चाहिए। आज भी सबसे ज्यादा हमारे बच्चे पढ़ने कहीं जाते हैं, तो वे अमेरिका जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर भारत के लोग अमेरिका में रह रहे हैं। अमेरिका जैसे बड़े देश से आपको संबंध अच्छे बनाकर चीन से सावधान रहना पड़ेगा। GST में संशोधन करना भाजपा सरकार की नाकामी
हाल ही में केंद्र सरकार के GST में किए संशोधन पर अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- इस सरकार को इतने सालों के बाद GST में संशोधन करना पड़ रहा है। इसका यही मैसेज है कि इस सरकार ने जानबूझ कर जनता से टैक्स वसूला। ये जो टैक्स वसूला गया, वह आखिरकार किसके मुनाफे में जुड़ा? इससे अस्पताल बना होता, सड़क बनी होती, बिजली के संसाधन पर खर्च किया होता तो बिजली सस्ती होती। इस सरकार की नाकामी है, जो GST में संशोधन करना पड़ रहा है। जनता समझ गई है कि ये सरकार अपने ही फैसले को बदलती है। पहले नोट बंदी की..ये कहकर कि भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, काला धन वापस आ जाएगा। लेकिन सच्चाई तो ये है कि भ्रष्टाचार बढ़ा है। आगरा में लोग घंटों ट्रैफिक में फंसे रहते हैं
अखिलेश ने कहा- आगरा जैसे स्मार्ट सिटी में लोग घंटों ट्रैफिक में फंसे रहते हैं। जो मेट्रो सपा सरकार ने स्वीकृत की थी, उसको अभी तक BJP सरकार आगे नहीं बढ़ा पाई। तेजी से काम किया होता तो आज आगरा में मेट्रो का एक नेटवर्क दिखाई देता। ये वर्ल्ड क्लास सिटी है। आपको याद होगा कि जब BJP सरकार बननी थी तो इसी शहर में उनके बड़े नेता ने कहा था कि टूरिज्म आगरा और देश को हमेशा वर्ल्ड इकोनॉमी दे सकता है। अब बताइए वो फैसले कहां हैं? वोट चोरी के सवाल पर ये कहा
अखिलेश ने कहा- जहां तक सवाल वोट चोरी का है, आपको अपना वोट बचना होगा। वोट बचाएंगे तो लोकतंत्र बचेगा। इसलिए हमारी जनता से अपील है कि अपना वोट बचाएं। वोट बचेगा तो उनके सर्टिफिकेट बचेंगे, राशन कार्ड बचेगा, नौकरी बचेगी। बाबा भीमराव अंबेडकर का दिया हुआ संविधान बचेगा। मिलिट्री स्कूल के कार्यक्रम में आए थे
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव धौलपुर के मिलिट्री स्कूल के पढ़े थे। आगरा के मुगल होटल में उसी स्कूल का शताब्दी समारोह आयोजित किया गया था। इसमें वे तमाम लोग पहुंचे थे, जो मिलिट्री स्कूल में पढ़े थे। वे इस कार्यक्रम में लगभग ढाई घंटे रुके। अब अखिलेश की पढ़ाई और CM बनने तक का सफर संक्षेप में जानिए- अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई, 1973 को यूपी के इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ। पिता मुलायम सिंह यादव, खुद एक तेजतर्रार नेता थे और राजनीति के शिखर पर विराजमान थे। लेकिन बेटे अखिलेश की परवरिश सिर्फ सत्ता के गलियारों में नहीं, मिलिट्री स्कूल और इंजीनियरिंग लैब में भी हुई। सैफई से पढ़ाई की शुरुआत करने के बाद वो राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल गए। इसके बाद उन्होंने कर्नाटक के मैसूर के एक कॉलेज से एनवायरन्मेंटल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। फिर हायर एजुकेशन के लिए ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी गए और मास्टर्स की डिग्री हासिल की। 24 नवंबर, 1999 को अखिलेश-डिंपल शादी के बंधन में बंधे। 27 साल की उम्र में बने सांसद
मास्टर डिग्री लेकर लौटे अखिलेश ने राजनीति को बतौर पेशा नहीं, बल्कि जुनून के तौर पर चुना। साल 2000 में कन्नौज लोकसभा सीट से उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचे। वहां उन्होंने खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण समिति में सदस्य के रूप में काम किया। इसके बाद 2004 और 2009 में भी कन्नौज से सांसद बने। सबसे कम उम्र के सीएम बने
साल 2012 में अखिलेश ने सपा की चुनावी कमान संभाली। उस वक्त पार्टी की कमान मुलायम सिंह यादव के हाथ में थी, लेकिन रणनीति अखिलेश की थी। वे पार्टी के यूथ के अध्यक्ष थे। उन्हें जिम्मेदारी मिली युवाओं को जोड़ने की, साइकिल को फिर से रफ्तार देने की। सपा को पूर्ण बहुमत मिला। सबको उम्मीद थी कि नेताजी फिर सीएम बनेंगे, लेकिन पार्टी ने सबको चौंकाते हुए 38 साल के अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बना दिया। वह उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। ——————— ये खबर भी पढ़िए- ‘साहब हाथ पकड़ते हैं, कमरे में ले जाते हैं’: ACS के खिलाफ IGRS और PMO तक शिकायतें, महिलाएं बोलीं- छुट्‌टी में भी कमरे में बुलाया जाता है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर महिला सुरक्षा को लेकर चर्चा कर रहे थे। एंटी रोमियो स्क्वॉड को एक्टिव करने की बात कह रहे थे। इधर, उनकी ही सरकार के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी पर महिलाओं ने गंभीर आरोप लगाए। 1991 बैच के आईएएस और अपर मुख्य सचिव (उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण तथा रेशम विभाग) बी.एल. मीणा पर विभाग की कई महिला अफसरों और संविदा पर कार्यरत कर्मियों ने उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने इन मामलों की शिकायत पीएमओ, यूपी सरकार के जनसुनवाई पोर्टल और IGRS के जरिए दर्ज कराई है। पढ़ें पूरी खबर…

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