मुजफ्फरपुर में पुलिस पर आरोप लगे हैं। एक दलित युवक ने मनियारी थाना के एएसआई और ड्राइवर पर न सिर्फ थाने में बेरहमी से पिटाई करने का, बल्कि गाली देने और झूठे केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़ित का कहना है मैं आज भी सहमा हुआ हूं, अगर मैंने सच बोला तो मुझे ही अपराधी बना देंगे। रघुनाथपुर मधुबन निवासी सचिन कुमार ने आवेदन में बताया कि 5 सितंबर की रात करीब 11:30 बजे पारिवारिक विवाद हुआ। दोनों पक्षों ने 112 नंबर पर कॉल किया। मौके पर पुलिस पहुंची, समझौता कराया और वापस चली गई।
आरोप है कि थोड़ी देर बाद ड्राइवर राजीव कुमार, एएसआई अमरेन्द्र कुमार सिंह, महिला और पुरुष सिपाही पहुंचे और सचिन को घर से बुलाकर गाड़ी में बैठा लिया। परिजनों से कहा गया सिर्फ पूछताछ होगी, फिर छोड़ देंगे, लेकिन उसे सीधे थाने के हाजत में बंद कर दिया गया। सचिन का आरोप है कि रात में उसे हाजत से निकालकर बाथरूम के पास ले जाया गया। ड्राइवर राजीव ने हाथों पर चार डंडे मारे। चौकीदार ने दोनों हाथ पकड़कर जांघ और कमर पर लाठी बरसाई एएसआई और ड्राइवर ने गालियां दी। परिजन के आने के बाद छोड़ा
पीड़ित का दावा है कि ड्राइवर राजीव उस समय शराब के नशे में था। उसने धमकी दी अगर ये बात बाहर निकली तो तुम्हें गांजा और पिस्टल के झूठे केस में फंसा दूंगा। सुबह परिजन और ग्रामीण थाना पहुंचे, लेकिन प्रभारी ने पीड़ित को न छोड़कर उसके पिता का आधार कार्ड पर हस्ताक्षर कराया और तब छोड़ा। डर से सचिन ने वहां कुछ नहीं बताया।
सदर अस्पताल में इलाज, अब जांच की मांग
घर लौटने के बाद जब दर्द बढ़ा तो उसने घटना की पूरी जानकारी परिजन को दी। शाम को परिजन उसे सदर अस्पताल लेकर गए, जहां उसका इलाज हुआ।
सचिन ने अनुसूचित जनजाति थाना प्रभारी को लिखित आवेदन देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है। पीड़ित परिवार ने ग्रामीण एसपी से मिलकर लिखित शिकायत की है। ग्रामीण एसपी राजेश कुमार प्रभाकर ने बताया है कि पीड़ित युवक ने मुलाकात की है, आवेदन के आधार पर जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस और चालक पर मारपीट का आरोप:पीड़ित ने कहा- झूठे केस में फंसाने की दी धमकी, ग्रामीण एसपी से की शिकायत
