सरकार की नई दिशा कार्यक्रम के तहत 10 साल पहले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली त्रिलोचन सिंह अब इस दुनिया में नहीं है। जेल से निकलने के बाद उसकी मौत हो गई, लेकिन उसकी पत्नी ठाकुरमुनी देवी को एक दशक बाद जमीन का टुकड़ा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यह संभव हुआ है रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री की पहल पर। दरअसल, सोमवार को डीसी के जनता दरबार में त्रिलोचन की पत्नी ठाकुरमुनी फरियाद लेकर पहुंची थी। उन्होंने डीसी को बताया कि आत्मसमर्पण के बाद सरकार की ओर से नगड़ी में उन्हें चार डिसमिल जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन जमीन ऐसी जगह है, जहां कोई आता जाता नहीं। नक्सली संगठन से अलग होकर आत्मसमर्पण करने से पार्टी के लोग भी नाराज थे। ऐसे में उक्त सुनसान जगह पर घर बनाकर रहना संभव नहीं था। डीसी ने नगड़ी सीओ को फोन क दूसरे स्थान पर जमीन देने का निर्देश दिया। उत्तराधिकार का मामला जनता दरबार में राकेश कुमार चौधरी की जमीन के उत्तराधिकार से जुड़ा मामला आया। इस पर डीसी ने सदर सीओ को फोन लगाकर कहा शिकायत मिली है कि आवेदक को बार-बार अंचल का चक्कर लगाने के लिए विवश किया जा रहा है। अपने कार्यालय की छवि खराब मत होने दीजिए। जब आवेदक अंचल कार्यालय पहुंचा तो सक्सेशन का पेपर उन्हें मिल गया। इसी तरह अन्य समस्याओं का समाधान भी किया गया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की पत्नी को 10 साल बाद मिलेगा जमीन का टुकड़ा, पूरा होगा घर का सपना
