प्रिया सरोज बोलीं- रिंकू से अरेंज नहीं, लव मैरिज:अखिलेश कहेंगे तो मछलीशहर से विधानसभा लड़ूंगी; अभी रागिनी यहां से MLA

प्रिया सरोज बोलीं- रिंकू से अरेंज नहीं, लव मैरिज:अखिलेश कहेंगे तो मछलीशहर से विधानसभा लड़ूंगी; अभी रागिनी यहां से MLA

लोकसभा में सबसे युवा महिला सांसद प्रिया सरोज ने पहली बार क्रिकेटर रिंकू सिंह से अफेयर और अपनी आगे की राजनीति पर बेबाकी से बात रखी। उनका अफेयर 2022 में शुरू हुआ था। जल्द ही दोनों शादी करेंगे। प्रिया सरोज सपा के कद्दावर नेता तूफानी सरोज की बेटी हैं। वह मछलीशहर से सांसद हैं। उनकी रिंकू से अरेंज मैरिज है या लव मैरिज? शादी कब होगी? शादी के बाद कहां जाने का प्रोग्राम है? मोदी पसंद हैं या योगी? दैनिक भास्कर के इन सवालों के उन्होंने जवाब दिए। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: रिंकू से लव मैरिज होगी या अरेंज?
प्रिया सरोज: लव हुआ, जो शायद अरेंज मैरिज में कंवर्ट हुआ। हम लोग बहुत दिनों से सही समय का इंतजार कर रहे थे। वह सही समय 2024 के बाद आया। मैं खुद अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। क्योंकि, साल-2022 में हम लोग मिले थे। तभी से सही समय का इंतजार कर रहे थे। सवाल: पहली मुलाकात कब, कहां और कैसे हुई?
प्रिया सरोज: 2022 में मुलाकात हुई थी। हमारे घरवालों को इसके बारे में पता था। लेकिन, उस समय मैंने ज्यूडिशियल प्रिपरेशन की कोचिंग जॉइन की थी। उस समय हम दोनों ही रेडी नहीं थे। सवाल: रिंकू से शाहरुख खान भी प्रभावित हैं। क्या आप उन्हें इनवाइट करेंगी?
प्रिया सरोज: 2023 रिंकू सिंह का आईपीएल का अच्छा सीजन गया है। उसी समय शाहरुख खान ने उनसे शादी में आने के लिए कहा था। सगाई के समय उनका शूट चल रहा था, इसलिए वो नहीं आ पाए थे। अभी तो मुझे खुद नहीं पता कि शादी कब हो रही है? सवाल: पहले शादी नवंबर में होनी थी, उसे शिफ्ट किया गया है। कोई खास वजह?
प्रिया सरोज: इसका कारण ये है कि उस समय लोकसभा का विंटर सेशन चल रहा होगा। क्रिकेट में डोमेस्टिक गेम चल रहे होते हैं। अभी एशिया कप में भी रिंकू का नाम है। ऐसे में तय हुआ कि जब समय मिलेगा, तब आराम से शादी करेंगे। सवाल: शादी के बाद कहां घूमने जाने का इरादा है?
प्रिया सरोज: अभी कुछ सोचा नहीं है। जहां रिंकू ले जाएंगे, वहां जाएंगे। सवाल: आप सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। क्षेत्र से भी लगाव है, कैसे मैनेज कर पाती हैं?
प्रिया सरोज: ये मेरे लिए थोड़ा कठिन है। सत्र के दौरान ज्यादातर मैं उस समय सुप्रीम कोर्ट में अपना टाइम दे पाती हूं, जब सदन स्थगित हो। मेरी प्राथमिकता, मेरे क्षेत्र की जनता है। सवाल: वकालत आसान है या राजनीति?
प्रिया सरोज: ये सवाल थोड़ा मुश्किल है। मैं यही कहूंगी कि दोनों प्रोफेशन काफी अलग है। लेकिन, दोनों प्रोफेशन का उद्देश्य यही है कि न्याय होना चाहिए। समाजसेवा करते रहना चाहिए। मेरे लिए ये अच्छा है कि पहले मैं वकील हूं, फिर सांसद बनी हूं। सवाल: लोकसभा में आपकी पार्टी की 5 महिला सांसद हैं, क्या ये पर्याप्त हैं?
प्रिया सरोज: पूरे यूपी में सपा में सबसे अधिक महिला सांसद हैं। मेरे राष्ट्रीय अध्यक्ष युवाओं को आगे बढ़ाते हैं, महिलाओं को आगे बढ़ाते हैं। मुझे लगता है कि अगर कोई महिलाओं को आगे बढ़ा रहा है, तो मेरी पार्टी आगे बढ़ा रही है। आप संख्या देख सकते हैं। मुझे लगता है कि ये कभी पर्याप्त नहीं रहेगा। जितनी अधिक महिलाएं रहेंगी, उतना ही अच्छा रहेगा। सवाल: यूपी में डेढ़ साल में विधानसभा चुनाव होना है। सपा कितनी सीटें जीत सकती है?
प्रिया सरोज: हमारी सरकार बन रही है। इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। जनता हमारे साथ खड़ी है। हर वर्ग हमारे साथ है। क्योंकि जनता भी ये समझ रही है कि कोई हमारे साथ खड़ा है, तो वो हमारी पार्टी है। हम लोग तैयार हैं, चुनाव लड़ने के लिए। जनता भी तैयार है, इन्हें भगाने के लिए। सवाल: मछलीशहर से विधायक रागिनी सोनकर के साथ कैसे रिश्ते हैं?
प्रिया सरोज: बहुत अच्छे रिश्ते हैं। हमारे पिताजी ने 2022 में रागिनी का सपोर्ट किया। हमारे कार्यकर्ताओं ने उनका सपोर्ट किया और उनको जिताया है। तब भी सपोर्ट था, आज भी सपोर्ट है और कल भी सपोर्ट रहेगा। मुझे खुशी होती है कि मछलीशहर में 2 महिलाएं क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। खुशी इस बात की है कि कहीं जाते हैं, तो लोग कहते हैं कि इस क्षेत्र में दो महिलाएं हैं। वो विधानसभा में जनता की सेवा कर रही हैं और लोकसभा में कर रही हूं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जिसको साइकिल पर बिठा कर क्षेत्र में भेजेंगे, हम लोग उसको जिताकर विधानसभा भेजेंगे। सवाल: रागिनी ने कहा है कि मैं मछलीशहर क्षेत्र से सांसद बनना पसंद करूंगी?
प्रिया सरोज: देखिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का जो फैसला होगा, वो मेरा फैसला होगा। सवाल: रागिनी आपकी मंगनी में भी नहीं दिखीं, कोई खास वजह?
प्रिया सरोज: कोई वजह नहीं है। वो हमारा बहुत छोटा कार्यक्रम था। हमारी पार्टी के भी बहुत से लोग नहीं आ पाए थे। सिर्फ 100 लोगों का कार्यक्रम था। लेकिन, जब शादी होगी तब सभी को बुलाऊंगी। सवाल:आप शेड्यूल कास्ट से आती हैं। इसे मायावती का वोट बैंक माना जाता है?
प्रिया सरोज: भाजपा के कार्यकाल में सबसे अधिक बाबा साहेब का और उनके द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान हुआ है। इसका जवाब देना जरूरी है। 2027 में जनता जवाब देने के लिए बैठी है। सबको पता है कि 2027 में कोई भाजपा से बदला ले सकता है, तो वह समाजवादी पार्टी ही है। यही पार्टी बदला ले सकती है। जनता हमारे साथ खड़ी है, हर वर्ग के लोग हमारे साथ खड़े हैं। जो संविधान को नहीं मानते, जनता उनको नहीं मानती। सवाल: वोट चोरी के मुद्दे पर आपकी क्या राय है?
प्रिया सरोज: ये किसी नेता का नहीं जनता का मुद्दा है, देश का मुद्दा है। मुझे लगता है, जिस तरह से चुनाव आयोग ने जवाब दिया, मुझे लगा कि वे भाजपा को डिफेंड कर रहे थे। वे कह रहे थे कि क्या किसी माताओं-बहनों का वीडियो दिखाना सही है। इश पर मैं कहूंगी कि सही है। किसी माता और बहन को बुरा नहीं लग रहा। जो महिलाएं घूंघट में जाती हैं, उनका भी घूंघट देखा जाता है। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। बशर्ते आपका मन और आपका दिल साफ हो। सवाल: कोई ऐसा नेता जो अपनी भाषा शैली और व्यक्तित्व से आपको प्रभावित करता हो?
प्रिया सरोज: मेरे राष्ट्रीय अध्यक्ष। ऐसा नहीं है कि आप कहें वो हमारी पार्टी के लीडर हैं। अगर आप उनका भाषण सुनेंगे, तो वो काफी प्रभावशाली रहते हैं। जिस तरह ह्यूमर के साथ जवाब देते हैं, वो हर नेता नहीं दे पाता। वो सीखने वाली चीज है। सवाल: प्रधानमंत्री के 11 साल को आप किस तरह से देखती हैं?
प्रिया सरोज: जब वे 2014 में आए थे, तब लोगों ने बढ़-चढ़ कर उन्हें सपोर्ट किया और वोट किया। लोगों की उम्मीदें बहुत थीं। चुनाव जीतने के बाद से पीडीए का परिवार हो या युवा, हर कोई परेशान है। हमें लगता है कि 11 साल में लोगों ने बहुत कुछ सह लिया है, अब नहीं सहेंगे। मुझे लगता है कि पहले लोग ईश्यू पर वोट करते थे। लेकिन, अब धर्म के नाम पर और जाति के नाम पर वोट करते हैं, जो बहुत गलत चीज है। सवाल: नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ में कौन ज्यादा बेहतर नजर आता है?
प्रिया सरोज: बेहतर वो है, जो हर वर्ग के लोगों को साथ लेकर चले। जो समाज को साथ लेकर चले। धर्म को छोड़कर जो विकास के मुद्दों पर बात करे, वो व्यक्ति मेरे लिए सही है। सवाल: अगर आपको विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कोई सीट चुननी हो तो वो कौन-सी होगी?
प्रिया सरोज: मेरे पिता की जन्मभूमि, कर्मभूमि। मेरी जन्मभूमि मछलीशहर ही रही है। मैं पूरी जिंदगी इसी क्षेत्र की जनता की सेवा करूंगी। मैं यहीं रहूंगी, यही मेरा घर है। सवाल: लोग कहते हैं, सपा में परिवारवाद है, गुंडाराज है और योगी ने उसे खत्म किया?
प्रिया सरोज: मैं यही कहूंगी कि मीडिया ऐसा कहती है। धरातल पर लोग इसे सच नहीं मानते। सवाल: नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी को अगर एक शब्द में डिफाइन करना हो तो कैसे करेंगी?
प्रिया सरोज: नरेंद्र मोदी सोशल मीडिया पर ज्यादा दिखते हैं, धरातल पर कम दिखते हैं। राहुल गांधी धरातल पर ज्यादा दिखते हैं। सवाल: रिंकू सिंह से आपकी सगाई हुई, उसके बाद सरकार ने उनसे किनारा कर लिया?
प्रिया सरोज: ये शब्द ठीक नहीं है। किनारा नहीं किया है। मुझे लगता है कि ये उनका फैसला है। जिसको चाहें फेस बनाएं, जिसको चाहें न बनाएं। इस पर मैं कुछ कहना नहीं चाहती। सवाल: आप देश की सबसे युवा सांसद हैं। क्या कभी सोचा था कि ऐसा होगा?
प्रिया सरोज: सोचा तो नहीं था, लेकिन दिमाग में कहीं न कहीं ये जरूर था। मैंने बचपन से अपने पिता के साथ राजनीति को काफी करीब से समझा है। राजनीति में आने की भावना तो रही है। लेकिन, 25 साल की उम्र में सांसद बन जाऊंगी, ये खुद मैंने भी कभी नहीं सोचा था। जब मुझे टिकट मिला, उस समय भी मैं ज्यूडिशरी की ऑनलाइन क्लासेस ले रही थी। ये तो तय था कि मुझे राजनीति में जाना है। लेकिन, लेकिन इतनी जल्दी मौका मिल जाएगा, ये कभी नहीं सोचा था। सवाल: आप अपनी कामयाबी में सबसे बड़ा रोल मॉडल किसे मानती हैं?
प्रिया सरोज: रोल मॉडल हमेशा सबके पेरेंट्स होते हैं। मेरे लिए भी मेरे रोल मॉडल मेरे पिताजी ही रहे हैं, हमेशा से। मेरे दादा किसान थे। हमारे फादर के पास कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं था। वो फाइनेंशियल इतने स्टेबल नहीं थे। जीरो से उन्होंने शुरुआत की और संघर्ष किया। जब पहला चुनाव जीते थे, उस समय उनके पास पैसे नहीं थे, राजदूत से उन्होंने प्रचार किया था। उन्होंने मुझे यही सिखाया कि चुनाव लड़ने के लिए पैसे की जरूरत नहीं होती। बिना पैसे के भी चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है। 2014 के चुनाव में जब वे हार गए तो भी उन्होंने जनता के बीच में रहना नहीं छोड़ा। जनता के बीच में रहे, उनके सुख-दुख में रहे। उन्होंने जो मेहनत की है, उसी का फल मिला है मुझे। सवाल: अपने पिता के अनुभवों का कितना लाभ आपको मिला?
प्रिया सरोज: मैंने अपने पिता को बचपन से ही देखा है, लोगों की मदद करते हुए। लोगों के दुखों में साथ खड़े रहना। मुझे बचपन से ही आइडिया था कि एक एमपी की ड्यूटी क्या होती है। एक एमपी लोगों की कैसे मदद कर सकता है? कैसे क्षेत्र का विकास कर सकता है? मैं जब चुनाव लड़कर जीती, तो काफी चीजें मुझे पता थीं कि कैसे डील किया जाता है। पिताजी समय-समय पर मुझे गाइड करते हैं कि कैसे डील करना है? मेरे बचपन में जब पिता जी सांसद थे और दिल्ली में सत्र चलता था, तो वह शनिवार-रविवार को वापस क्षेत्र में चले जाते थे। अब मैं भी वही करती हूं। सवाल: सांसद बनने से पहले आपने कभी किसी चुनाव में हिस्सा लिया था?
प्रिया सरोज: नहीं मैंने कोई चुनाव नहीं लड़ा। 2022 के चुनाव में मैंने अपने पिताजी के लिए प्रचार किया और घर-घर जा कर वोट मांगे थे। सवाल: इस बार का लोकसभा सत्र काफी हंगामेदार रहा, क्या सोचती हैं?
प्रिया सरोज: सरकार की मंशा अगर साफ होती, तो सदन में विपक्ष को बोलने का मौका देती और हम लोग चर्चा करते । एसआईआर के मुद्दे पर सरकार ने हमें सदन में बोलने का मौका नहीं दिया। सदन में हम सब चर्चा करना चाहते थे। पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा था। सरकार ने हमें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया। सारे बिल बिना किसी डिस्कशन के पास कर दिया। एसआईआर का मुद्दा किसी पार्टी का नहीं, ये देश की जनता का मुद्दा है। इसके लिए हर व्यक्ति को खड़ा होना चाहिए। हमें लगता है कि जनता हमारे साथ है। सवाल: अपने क्षेत्र के विकास को लेकर आपकी कभी प्रधानमंत्री मोदी या अमित शाह से मुलाकात हुई?
प्रिया सरोज: नहीं, एक साल के कार्यकाल में ऐसा मौका अभी नहीं आया। लेकिन भविष्य में अगर ये मौका मिलेगा, तो अपने क्षेत्र की जनता के लिए जरूर जाऊंगी। ——————————– ये खबर भी पढ़ें… प्रिया सरोज की सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं रागिनी, बताया, ब्रजेश पाठक क्यों निशाने पर? ‘बतौर सांसद प्रिया सरोज से मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं। ये गर्व का विषय है कि उन्हें लोकसभा भेजने के लिए सभी 5 विधानसभाओं में सबसे अधिक मार्जिन मेरी सीट पर मिली थी। मछलीशहर मेरी कर्मभूमि है। मछलीशहर हमेशा मेरे दिल के सबसे करीब रहेगा। मौका मिला तो मैं हमेशा चाहूंगी कि मैं यहीं से लोकसभा का चुनाव लडूं।’ जौनपुर की मछलीशहर विधानसभा से समाजवादी पार्टी की पहली बार विधायक बनीं डॉ. रागिनी सोनकर ने यह बात कही। अपनी बेबाकी और तथ्यों से सत्ता पक्ष को सदन में कई बार बैकफुट पर लाने वाली रागिनी सोनकर ने डॉक्टरी छोड़कर राजनीति की राह पकड़ी। दैनिक भास्कर डिजिटल से खास बातचीत में उन्होंने सांसद प्रिया सरोज, अखिलेश यादव, सीएम योगी, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से लेकर पीडीए और 2027 के चुनाव तक हर मुद्दे पर खुलकर बात की। पढ़िए पूरी खबर

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