घरों में घुटने भर पानी भरा, बाल्टी से निकालते रहे लोग, स्थिति भयावह
ये है राजधानी रांची की तस्वीर। इस शहर के निवासियों से नगर निगम सालाना 100 करोड़ रुपए होल्डिंग टैक्स वसूलता है। इसके अलावा बेहतर नागरिक सुविधा देने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार सालाना करोड़ों का फंड देती है। इसके बावजूद शहर की ऐसी स्थिति है कि यहां गली-गली पानी जमा है। दर्जनों मुहल्लों के लोग अपने घरों में कैद हैं। बच्चे खेलने के लिए बाहर नहीं निकल सकते हैं। सड़कों पर पैदल चलने से पहले कई बार सोचना पड़ रहा है। शहर की ऐसी स्थिति सिर्फ एक दिन की बारिश से हुई। शुक्रवार की देर रात से शनिवार तक करीब 120 एमएम बारिश में पूरा शहर डूबा। नगर निगम की बदइंतजामी की वजह से घरों में कमर तक पानी भर गया। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद प्रशासन की भी नींद नहीं टूटी। इसका नतीजा हुआ कि शहर पानी-पानी हो गया। दरअसल, हाईकोर्ट ने मानसून से पहले ही नालियों से अतिक्रमण हटाने, नालियों की सफाई कराने आैर नदियों के कैचमेंट एरिया को अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद निगम-प्रशासन ने अतिक्रमण नहीं हटाया। इस वजह से स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ने से करीब 30 मुहल्लों में पानी भर गया। गली-गली तालाब जैसा दिखने लगा। अरगोड़ा आैर हरमू में स्थित कुंज विहार, साकेत विहार, अशोक विहार सहित एक दर्जन कॉलानियां डूब गई। लेकिन निगम स्तर से पानी निकालने के लिए किसी तरह का प्रयास नहीं किया गया। भारी बारिश के कारण नामकुम में पुल के ऊपर बह रही थी नदी, कई घंटे तक दोनों तरफ फंसे रहे लोग स्वर्णरेखा नदी ऊफनाई पिपरटोली कुंज विहार हटिया श्मशान घाट साकेत विहार अरगोड़ा तालाब के सामने पिपरटोली कुंज विहार में जलजमाव से लोग परेशान रहे। स्थानीय संजय कुमार ने बताया कि सड़क पर लबालब पानी होने के कारण बाहर का कोई काम नहीं कर पाए। दूसरी तरफ मोहल्ले में सुबह करीब 7:30 बजे से बिजली नहीं है। शाम 7 बजे बिजली विभाग के अशोकनगर ऑफिस में फोन किए थे। बताया गया कि ऐहतियातन ट्रांसफार्मर का जम्फर खोला गया है। जब पानी घटेगा, तभी बिजली बहाल की जाएगी।
स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर बढ़ा, 30 मुहल्ले बने तालाब, कुंज विहार-साकेत विहार डूबे
