फॉरेस्ट क्लियरेंस के शर्त 9 का तो उल्लंघन किया ही गया है। इसके अलावा एनटीपीसी द्वारा सड़क मार्ग से कोयला परिवहन करने में भी भारी गड़बड़ी किया जा रहा है, जिससे यह इनकार नहीं किया जा सकता है कि कोयले की बिक्री खुले बाजार में बेच कर खनिज की अवैध बिक्री और खनिज से प्राप्त राजस्व का नुकसान किया जा रहा है। जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। वन विभाग ने एनटीपीसी के कोयला ट्रांसपोर्टिंग में काफी गड़बड़ियों को भी पकड़ा था। कई तरह की गड़बड़ी सामने आई थी। वन विभाग ने जांच में पाया कि लोडिंग प्वाइंट से डेस्टिनेशन प्वाइंट तक अधिकतम 30 किमी की दूरी के लिए परिवहन अनुमति पत्र मान्य रहने का अधिकतम समय कुछ घंटा होना चाहिए। जबकि परिवहन अनुमति पत्र में मान्य रहने का समय 24 से 30 घंटा दिया गया। जो सही नहीं है। किसी भी परिस्थिति में परिवहन चालान का अनुमति की वैधता कुछ घंटा से अधिक नहीं होनी चाहिए। क्राइम रिपोर्टर|रांची पकरी बरवाडीह कोल परियोजना में फॉरेस्ट क्लियरेंस की शर्त का उल्लंघन किया गया है। यह बात पश्चिमी वन प्रमंडल हजारीबाग और पूर्वी वन प्रमंडल हजारीबाग के दो सदस्यीय कमेटी की संयुक्त जांच रिपोर्ट में सामने आई है। बड़कागांव निवासी शनिकांत की शिकायत पर यह जांच की गई। जांच रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इस कोल परियोजना में एजेंसी (एनटीपीसी) को हाथियों व अन्य जीवों के सुगम आवागमन के लिए बाणदाग रेलवे साइडिंग तक कन्वेयर सिस्टम से कोयला ले जाना था। लेकिन शर्त का उल्लंघन कर सड़क मार्ग से भी कोयला का परिवहन किया गया। जो फारेस्ट क्लियरेंस की शर्त संख्य 9 का उल्लंघन है। जबकि इसमें कोई भी संशोधन नहीं हुआ है। उक्त शर्त वन्य जीवों के सुगम आवागमन के उद्देश्य के लिए दिया गया था। जिसका पूर्ण रूप से उल्लंघन हो रहा है और वन्य जीवों का आवागमन प्रभावित हो रहा है। उक्त वन क्षेत्र में शेड्यूल एक जो अति संरक्षित वन्य प्राणी होते है। यहीं नहीं फारेस्ट क्लियरेंस को लेकर दो सदस्यीय जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट 27 फरवरी 2025 को दी। उक्त रिपोर्ट को डीएफओ मौन प्रकाश ने 22 जुलाई 2025 को एनजीटी में दिए हलफनामा में संलग्न ही नहीं किया। दो वर्ष पूर्व भारत सरकार के वन पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय रांची भी केंद्र को भेजे रिपोर्ट में फारेस्ट क्लियरेंस की शर्त का उल्लंघन किए जाने का उल्लेख कर चुका हैं।
जांच रिपोर्ट में खुलासा… पकरी बरवाडीह कोल प्रोजेक्ट में फॉरेस्ट क्लियरेंस की शर्तों का किया गया उल्लंघन
