KGMU की ऑफिसर को जज बनकर इंप्रेस किया:कानपुर में 59 लाख लेकर भागा; मैट्रिमोनियल साइट्स पर हुई थी मुलाकात

KGMU की ऑफिसर को जज बनकर इंप्रेस किया:कानपुर में 59 लाख लेकर भागा; मैट्रिमोनियल साइट्स पर हुई थी मुलाकात

लखनऊ KGMU की नर्सिंग ऑफिसर से जज बनकर मेट्रोमोनियल साइट पर युवक ने शादी का प्रस्ताव रखा। लग्जरी कार के नाम पर 59.50 लाख रुपए लिए। फिर कानपुर में युवती को छोड़कर भाग निकला। लखनऊ निवासी युवती ने कानपुर के कर्नलगंज थाने में FIR दर्ज कराई है। पुलिस को प्राथमिक जांच में आरोपी के गाड़ी का नंबर और मोबाइल नंबर समेत अन्य सबूत मिले हैं। पुलिस की मानें तो जल्द ही आरोपी को अरेस्ट करके जेल भेजा जाएगा। जज बनकर नर्सिंग ऑफिसर को झांसे में लिया
लखनऊ की रहने वाली युवती KGMU में नर्सिंग ऑफिसर है। नर्सिंग ऑफिसर ने बताया- मेरे पिता ने मेरी शादी के लिए मेट्रोमोनियम साइट पर फरवरी में विज्ञापन दिया था। विज्ञापन देखकर एक व्यक्ति ने मेरे पिता से संपर्क किया और खुद को आजमगढ़ में तैनात जज वाराणसी निवासी अंशुमान विक्रम सिंह बताया। वर्तमान तैनाती सिविल जज (जूनियर डिवीजन) आजमगढ़ बताया। शातिर ने अपनी बातों से पिता को इंप्रेस किया। पिता को भरोसे में लेते हुए शादी की हामी भरवाकर मेरा नंबर हासिल कर लिया। जज होने के चलते मैंने भी उसका बायोडाटा देखा और हामी भर दी। इसके बाद मेरे पास जुलाई की शुरुआत में फोन आया। अपने को अंशुमान विक्रम सिंह ACJ (JD) सीतापुर बताया। पिता के जरिए संबंध की पहले से जानकारी होने के चलते मैंने भी बात शुरू कर दी। शातिर ने धीरे-धीरे बात शुरू की। फिर मेरा भी भराेसा जीत लिया। इसके बाद दोनों के बीच शादी को लेकर सहमति भी बन गई। लेकिन, मेरे पिता ने जब भी उससे बात करके घर आने और शादी संबंध की बात कही तो वह बहाने बनाकर टाल जाता था। 1 करोड़ की कार खरीदने के लिए झांसे में पैसे लिए
नर्सिंग ऑफिसर ने बताया- बातचीत के दौरान जुलाई के आखिरी सप्ताह में शातिर ने 1 करोड़ की कीमत वाली लग्जरी कार खरीदने की बात कही। बातों ही बातों में उसने मेरी आर्थिक स्थिति के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली थी। इसके बाद कहा कि मैं एक सरकारी न्यायिक अधिकारी हूं। अगर एक करोड़ की गाड़ी खरीदी और पैसों का हिसाब नहीं दे पाया तो फंस जाऊंगा। बातचीत करते-करते इतना लंबा समय हो गया था कि मैं उससे भावनात्मक तरीके से जुड़ गई थी। इस वजह से मैंने बताया कि मेरी सैलरी से सेविंग की गई 14 से 15 लाख रुपए बैंक अकाउंट में है। मैं उसे कार खरीदने के लिए मदद कर सकती हूं। इस पर उसने कहा कि मैं जिस पद पर हूं तुम्हारा चंद घंटे में ही अपने प्रभाव से 1 करोड़ का लोन करा सकता हूं। कुछ समय बाद तुम्हारे पूरे पैसे लौटा दूंगा। अब तो हम लोगों को एक साथ ही पूरी जिंदगी बितानी है। कुछ समय में हम लोगों की शादी भी पक्की हो जानी है। मैं उसकी बातों में आ गई और हामी भर दी। रुपयों से भरा बैग लेकर मैं कानपुर बस अड्‌डे पहुंची
नर्सिंग ऑफिसर ने बताया- शातिर ने एक लखनऊ के व्यक्ति जिसका नाम सीमांत अग्रवाल का मोबाइल नंबर दिया। इसके बाद अपने अकाउंट से पूरी रकम निकालकर घर पर रखने को कहा। क्योंकि लोन के ओटीपी आने पर धोखाधड़ी होने की संभावना जताई। इसके चलते मैंने अपने अकाउंट से 30 जुलाई को 13 लाख रुपए और 4 अगस्त को 1 लाख रुपए कैश निकाल लिया। रक्षाबंधन वाले दिन 9 अगस्त 2025 को सीमांत अग्र‌वाल लखनऊ स्थित घर आया और लोन के सभी जरूरी दस्तावेज देने को कहा। मैंने अपना पैन कार्ड, आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज की कॉपी, फॉर्म-16 और पे-स्लिप, बैंक स्टेटमेंट समेत सभी जरूरी दस्तावेज उसे उपलब्ध करा दिया। इसके बाद अंशुमान विक्रम सिंह ने कहा कि मोबाइल पर जो भी ओटीपी आए उसे शेयर कर देना। इसके बाद इंडियन बैंक और आईसीआईसीआई बैंक अकाउंट में कुल 44 लाख 54 हजार रुपए आ गए। इसके बाद उसने कहा कि वह पहले वाराणसी और फिर कानपुर जाएगा। बैग में रखकर पूरी रकम कानपुर में लाने के लिए कहा। 1 सितंबर को 6 लाख, 4 सितंबर को 20 लाख और 4 सितंबर को 19.50 लाख रुपए निकाला। इन 59.50 लाख रुपयों को नीले बैग में रखकर 7 सितंबर 2025 को चारबाग बस अड्‌डे से दोपहर 2 बजे चलकर रोडवेज बस से रुपयाें से भरा बैग लेकर कानपुर झकरकटी बस अड्‌डे पर शाम 4 बजे पहुंची। खुद को जज बताने वाला फोन स्विच ऑफ करके भाग निकला
खुद को अंशुमान विक्रम सिंह बताने वाले ने 7 सितंबर को ही लखनऊ से कानपुर पहुंचने के बाद चुन्नीगंज बस अड्‌डा शनिदेव मंदिर के पास आने के लिए कहा। नर्सिंग ऑफिसर ने बताया- मैं रैपिडो कार से बस अड्‌डे से सीधे चुन्नीगंज शनिदेव मंदिर पर पहुंच गई। वहां पर वह बड़ी गाड़ी से पहुंचा था। उसने रुपयों से भरा बैग अपनी कार में रखवाया और मुझे भी बैठा लिया। इसके बाद उसने रेव-थ्री मॉल चलने के लिए कहा। मॉल के बाहर गली में अपनी कार खड़ी कर दी और नीले रंग का बैग जिसमें 59.50 लाख रुपए रखे हुए थे, गाड़ी छोड़कर पैदल ही रेव-थ्री मॉल पहुंचे। उसने फिल्म की दो टिकट खरीदी और दोनों मूवी देखने के लिए हॉल में पहुंच गए। इस दौरान मुझे काफी घबराहट हो रही थी, इस वजह से हम लोग 20 मिनट में ही मूवी हॉल से बाहर आ गए। शातिर ने मुझे रोका कि तुम यहीं पर रुको और मैं गाड़ी लेकर आता हूं। इसके बाद वापस लौटकर नहीं आया। पहले तो जाम का बहाना बनाता रहा और फिर एक बुलेट के शोरूम के पास बुलाया। इसके बाद उसने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया। अब मुझे ठगी का एहसास हुआ, तब मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। मैं इस घटना से सदमे में पहुंच गई और रातभर कानपुर सेंट्रल स्टेशन के वेटिंग हॉल में बैठी रही। इसके बाद ट्रेन से लखनऊ अपने घर पहुंची और परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी। DCP सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने कहा- बुधवार को नर्सिंग ऑफिसर अपने पिता के साथ कानपुर पहुंची। दोनों ने मुझसे मिलकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है। FIR दर्ज की है। शातिर के गाड़ी नंबर, मोबाइल नंबर समेत अन्य सबूतों के आधार पर तलाश की जा रही है। जल्द ही शातिर ठग को अरेस्ट करके जेल भेजा जाएगा। ———————— ये खबर भी पढ़िए- यूपी में कैमरे पर लाशों का सौदा: पोस्टमॉर्टम कर्मचारी-पुलिस की डील, बोले- एक लाश डेढ़ लाख में ‘महीने में 30 से 40 लाशें निकल जाती हैं। आप बहुत कम दे रहे हैं। अभी पुराना रिकॉर्ड देखा जाए… उस समय डेढ़ लाख का रेट चल रहा था। राममूर्ति वाले डेढ़ लाख रुपए देकर जाते थे।’ यह दावा है बरेली के पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी सुनील का। यूपी के बरेली में लाशों का सौदा हो रहा है। दैनिक भास्कर के हिडन कैमरे पर सुनील कह रहा है- जो पैसे आप हमें दोगे, हम तो नमक के बराबर रखते हैं। बाकी पैसे ऊपर अधिकारी को देने पड़ते हैं। लाशों के इस सौदे में पुलिस भी शामिल है। पढ़ें पूरी खबर…

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