औरंगाबाद में सोमवार को पंच सरपंच महासम्मेलन का आयोजन किया गया। शहर के ब्लॉक मोड़ स्थित सम्राट अशोक कन्वेंशन हॉल में आयोजित महासम्मेलन में जिले भर के पंच और सरपंच शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि न्यायपालिका व्यवस्था को मजबूत करने वाले और निचले स्तर के लोगों के विवादों का निपटारा करने वाले पंच सरपंच आज खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पंच सरपंच को सुविधा देने के लिए सरकार की घोषणा तो हुई लेकिन आज तक इसका लाभ उन्हें नहीं मिला। जनप्रतिनिधियों और नेताओं के माध्यम से मानदेय तो बढ़ाया गया, लेकिन सुरक्षा नहीं मिलने के कारण न्यायिक कार्यों का निष्पक्ष निष्पादन करने में डरे सहमे हैं। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व एमएलसी राजन सिंह ने कहा कि 2015 में जब चुनाव जीतकर एमएलसी बना था तो पंच सरपंच की जो भी समस्या थी उसे दूर करने का प्रयास किया था। मानदेय पांच सौ रुपए से बढ़ाकर आज 7500 तक किया गया। आने वाले समय में पंच सरपंच विधान परिषद के मतदाता भी बनेंगे। उन्होंने कहा कि सरपंच कोई साधारण व्यक्ति नहीं होता है। पंच सरपंच न्यायपालिका होता है, जिसे हमलोग सर्वोच्च स्थान देते हैं। सरकार भी न्यायपालिका व्यवस्था को मजबूत करने में लगी है। हम लोग भी इन्हें कैसे और सुविधा मिले इस पर काम करेंगे। 24 घंटा लोगों की सेवा करते हैं पंच सरपंच, फिर भी नहीं मिल रही सुविधा पंच सरपंच संघ के जिला अध्यक्ष पप्पू ज्वाला सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से जो घोषणा की गई है, वह पंच सरपंच को सुविधा नहीं मिल रही है। पंच सरपंच को स्वास्थ्य सुविधा के साथ-साथ मृत होने पर पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाना है। जो अब तक लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हम लोग न्याय व्यवस्था को मजबूत करने वाले प्रतिनिधि हैं। सरकारी कर्मी 8 घंटा ज्यादा से ज्यादा 12 घंटा तक कार्य कर सकते हैं, लेकिन हम लोग जनता के बीच में 24 घंटे सेवा प्रदान करते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि न्याय करने जब पंच सरपंच जाते हैं उस समय कुछ असामाजिक तत्व जैसे लोगों से खतरा भी रहता है। सरकार ने हथियार का लाइसेंस देने की घोषणा की है, लेकिन अब तक किसी को प्राप्त नहीं हुआ है। सरकार की ओर से अगर पंच सरपंच को सुरक्षा मिल जाती तो न्याय दिलाने में आसानी होती। समाज में हर तरह के लोग होते हैं, कुछ उदंड लोगों को जब दंडित किया जाता है तब पपंच सरपंच पर आम जनता का भरोसा बढ़ता है, लेकिन उदंड लोगों के कारण हम लोग सही से न्याय नहीं दे पाते हैं। न्याय देने जाने के लिए भी कई बार सोचना पड़ता है। जो सुविधा मिलनी चाहिए वो नहीं मिल रही जिला संरक्षक रविंद्र कुमार सिंह ने कहा कि एमएलसी के द्वारा पंच सरपंच को काफी सहयोग किया गया है। जो पंच सरपंच की सुविधा मिलनी चाहिए वह आज नहीं मिल रही है। संरक्षक ने कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष का लाभ किसी भी ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को नहीं मिल रहा है। किसी भी पंचायती राज प्रतिनिधियों के सामान्य या दुर्घटना निधन पर भी 5 लाख रुपए की सहायता राशि परिवार के सदस्य को मिलना है। मौके पर ये रहे इस मौके पर जिला अध्यक्ष पप्पू ज्वाला सिंह, उपाध्यक्ष गौतम सिंह, उपाध्यक्ष हृदय नारायण मेहता, सतीश वर्मा, रविंद्र कुमार सिंह, प्रदीप सिंह , मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता संतोष कुमार शर्मा, सुजीत कुमार गुप्ता, राकेश सिंह, कविता कुमारी समेत अन्य मौजूद रहे।
विवादों का निपटारा करने वाले पंच-सरपंच ही असुरक्षित:औरंगाबाद में महा सम्मेलन, कहा- न्यायिक कार्यों में हमेशा बना रहता डर
