यूपी में इस मानसून सीजन कोटे से सिर्फ 2 फीसदी कम बारिश हुई। 1 जून से लेकर 30 अगस्त तक 575 मिमी बारिश हुई, जबकि अनुमान 588.1 मिमी था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार कोटे से अधिक बारिश होगी। अगर ऐसा हुआ तो 6 साल में यह पहली बार होगा, जब प्रदेश में औसत से ज्यादा बारिश होगी। मौसम विभाग का कहना है कि सितंबर में अच्छी बारिश की संभावना बनी हुई है। प्रदेश में अगले कुछ दिनों के लिए अलर्ट भी जारी किया गया है। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी भरी हवाओं के चलते मानसून सक्रिय होने की स्थिति है। अभी पूरे प्रदेश में मानसून की क्या स्थिति है? सितंबर में मानसून का यूपी में क्या हाल रहेगा? किन-किन जिलों में अब तक औसत से कम और अधिक बारिश हुई है? पढ़िए… मानसून में 5 जिलों में हुई सामान्य से ज्यादा बारिश
यूपी में 1 जून से लेकर 30 अगस्त तक ललितपुर, महोबा, बांदा, एटा और हमीरपुर में अच्छी बारिश दर्ज की गई। बारिश के लिहाज से ये महीना संतुलित रहा। जुलाई में जहां बारिश की कमी ने किसानों को चिंता में डाला था, वहीं अगस्त ने हालात को संभालते हुए राहत दी। यूपी में पिछले कई साल से सामान्य से कम बारिश दर्ज की जा रही है। बीते 5 साल के आंकड़े पर अगर नजर डालें तो 2022 में यूपी में सबसे कम बारिश हुई थी। इस दौरान सामान्य से 29 फीसदी कम बारिश हुई। वहीं 2023 में सामान्य से 16 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। साल 2024 में 12 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि सितंबर के महीने में यूपी में अच्छी बारिश होगी। सितंबर में कैसा रहेगा मौसम का हाल
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश बताते है- अगस्त महीने में सामान्य बारिश हुई। अब मानसून अपने अंतिम चरण में है और सितंबर महीने में भी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश होने की संभावना है। हालांकि मौसम विभाग ने सितंबर की शुरुआत में ही चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी से उठी नम हवाएं यूपी में प्रवेश कर सकती हैं। इससे 6 सितंबर से 2-3 दिन तक जोरदार बारिश की संभावना है। अभी तक मानसून ने कोई नया रिकॉर्ड (सबसे ज्यादा या सबसे कम बारिश) नहीं बनाया है। हालांकि, यदि सितंबर में अनुमान के मुताबिक जोरदार बारिश होती है, तो यह साल पिछले कुछ सालों की तुलना में ज्यादा बारिश वाला जरूर दर्ज हो सकता है। अगस्त महीने जैसा ही रहेगा सितंबर में बारिश का पैटर्न
प्रदेश में सितंबर महीने में बारिश का पैटर्न अगस्त जैसा ही रहने का अनुमान है। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश की मात्रा में फर्क देखने को मिलेगा। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव के मुताबिक, पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश थोड़ी कम हो सकती है। वाराणसी, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, प्रयागराज, जौनपुर, गाजीपुर, बलिया और देवरिया जिलों में सामान्य से कम वर्षा दर्ज होने की संभावना है। वहीं, पश्चिमी यूपी में सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, मुरादाबाद, बरेली, कानपुर और राजधानी लखनऊ में सामान्य या उससे अधिक बारिश होने की संभावना है। बारिश का फसलों पर कैसा असर
इस बार अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। कई इलाकों में तो कोटे से अधिक बारिश दर्ज की गई। शुरुआती दौर में इसका फायदा धान, मक्का और दलहन की बुआई को मिला। खेतों में पानी भरने से धान की फसल को पर्याप्त नमी मिली, जिससे पैदावार की संभावना बेहतर दिखी। हालांकि, लगातार और अधिक बारिश होने पर हालात बिगड़ सकते हैं। जहां जलभराव हुआ, वहां पहले ही फसल को नुकसान पहुंचा है। अगर यही रफ्तार बरकरार रही तो किसानों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ सकती है। कृषि वैज्ञानिक प्रो. पी.के. सिंह बताते है कि अधिक बारिश से न सिर्फ धान बल्कि दलहन की फसलें खासतौर पर उड़द, मूंग और तिल भी भारी नुकसान झेल सकती हैं। इसके अलावा सब्जियों की फसलें भी प्रभावित होंगी, जिससे बाजार में साग-सब्जियों की कीमतें बढ़ने की आशंका है। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी में जुलाई में 7% कम बारिश, बुंदेलखंड में सबसे ज्यादा बरसात, जानिए अगस्त में कैसा रहेगा मानसून यूपी में मानसून का आधा सीजन बीत चुका है, लेकिन अब तक राज्य में सामान्य से करीब 7% कम बारिश दर्ज की गई है। हालांकि, जुलाई के अंतिम वीक में मानसून दोबारा सक्रिय हुआ है। इससे बारिश की स्थिति कुछ बेहतर हुई है। 30 जुलाई तक प्रदेश में औसतन 327 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जबकि सामान्य तौर पर इस अवधि तक 350.9 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। अभी पूरे प्रदेश में मानसून की क्या स्थिति है? अगस्त में मानसून का यूपी में क्या हाल रहेगा? किन-किन जिलों में अब तक औसत से कम और अधिक बारिश हुई है? पढ़िए पूरी खबर…
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