जमुई में सातवीं लघु सिंचाई गणना, द्वितीय जल निकाय गणना और प्रथम स्प्रिंग सेंसस का जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। समाहरणालय परिसर स्थित सभा कक्ष में शुक्रवार दोपहर 2 बजे यह कार्यक्रम शुरू हुआ। अपर समाहर्ता रविकांत सिंहा, जिला पंचायत राज पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी और जिला कृषि पदाधिकारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह योजना पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है। इसका संचालन राज्य स्तर पर योजना एवं विकास विभाग के दिशा-निर्देश के अनुसार किया जा रहा है। कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए हर 5 वर्ष पर देशभर में लघु सिंचाई गणना की जाती है। इस बार पहली बार स्प्रिंग सेंसस भी शामिल किया गया है। गणना में भू-जल और सतही जल से सिंचाई की विभिन्न व्यवस्थाओं के आंकड़े जुटाए जाएंगे। इनमें कुएं, नलकूप, सतही प्रवाह, तालाब और पोखर शामिल हैं। प्रशिक्षण में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी और मास्टर ट्रेनर ने पीपीटी के माध्यम से प्रपत्र भरने की प्रक्रिया समझाई। प्रखंड और अंचल स्तर पर पर्यवेक्षण की जानकारी भी दी गई। कार्यक्रम में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी और लघु सिंचाई एवं कृषि विभाग के पदाधिकारी मौजूद रहे।
जल संसाधनों की गणना के लिए जमुई में प्रशिक्षण:सिंचाई व्यवस्था और जल निकायों का होगा सर्वे, पहली बार स्प्रिंग सेंसस भी शामिल
