मोतिहारी नगर निगम की सियासत लगातार गरमा रही है। मेयर प्रीति कुमारी और वार्ड संख्या 18 के पार्षद धीरज जायसवाल आमने-सामने हैं। मेयर ने हाल ही में प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि उन्हें पद से हटाने की साजिश रची जा रही है। इसके जवाब में उप मेयर डॉ. लालबाबू गुप्ता और पार्षद धीरज जायसवाल ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर मेयर पर गंभीर आरोपों की झड़ी लगा दी। योजनाओं में कमीशन का आरोप पार्षद धीरज जायसवाल ने आरोप लगाया कि मेयर ने जानबूझकर 56 करोड़ की योजनाओं को 18 महीनों तक लंबित रखा। उनका दावा है कि योजनाओं में देरी करके लगभग 11 करोड़ रुपये कमीशन लेने की साजिश रची गई, जिससे 5 लाख लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। वार्ड 18 को नजरअंदाज करने की शिकायत धीरज जायसवाल ने कहा कि निगम के 46 वार्डों में बजट वितरित हुआ, लेकिन वार्ड 18 को पूरी तरह अनदेखा किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वार्ड 18 नगर निगम का हिस्सा नहीं है? क्या यहां के मतदाता वोट नहीं देते? इस मामले की शिकायत विभाग तक पहुंची, जिसके बाद सभी योजनाओं पर जांच पूरी होने तक रोक लगा दी गई। सफाई व्यवस्था और खरीद में भ्रष्टाचार पार्षद ने सफाई व्यवस्था में लूट का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व नगर आयुक्त के समय सफाई एजेंसियों से 35% कमीशन लिया जाता था, जिसके कारण शहर गंदगी में डूबा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि सफाई सामग्री की खरीद में भी भारी घोटाला हुआ है। उदाहरण देते हुए कहा कि कचरा ढोने वाली ट्रॉली ₹12,000 में खरीदी गई, जबकि बाजार में वही ट्रॉली आधे दाम में उपलब्ध है। जल जमाव से निजात दिलाने के लिए खरीदी गई सक्शन मशीन भी बिना जांच के खरीदी गई, जो अब बेकार पड़ी है। मानचित्र पास कराने में उगाही का आरोप भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने के नाम पर उगाही का भी आरोप लगाया गया। पार्षद के मुताबिक, इस कारण नगर के व्यापारी वर्ग खास तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। छठ घाट निर्माण को लेकर खुला चैलेंज पार्षद धीरज जायसवाल ने मेयर को चुनौती दी कि यदि वे साबित कर दें कि किसी एक भी वार्ड में छठ घाट का निर्माण हुआ है, तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने मेयर के दावों को सरासर झूठ बताया।
मोतिहारी नगर निगम में भ्रष्टाचार का आरोप:पार्षद का दावा- मेयर ने 11 करोड़ कमीशन के लिए योजनाएं रोकीं
