सहरसा के गांधी पथ स्थित सूर्या क्लिनिक पर सोमवार को परिजनों और स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया। मृतका के परिजन डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव को क्लिनिक परिसर में करीब 2 घंटे तक रखकर न्याय की मांग करते रहे। इस दौरान अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। बाद में सदर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को शांत कराया। मृतका की पहचान सहरसा नगर निगम के डीबी रोड निवासी दिलखुश कुमार की पत्नी काजल कुमारी (30) के रूप में हुई। काजल 4 बच्चों की मां थी। मृतका के पति दिलखुश कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी का 20 जुलाई को सूर्या क्लिनिक में भर्ती कराया गया था, जहां 21 जुलाई को लेजर विधि से गॉल ब्लाडर का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद अस्पताल ने करीब 2 लाख रुपए वसूले। सर्जरी के दौरान काट दी नस – परिजन परिजनों का आरोप है कि सर्जरी के दौरान नस कट जाने से गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। डॉक्टर ने पहले अतिरिक्त ऑपरेशन कर नस जोड़ने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बावजूद परिजनों को आश्वासन दिया गया कि धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी। काजल को 19 दिन तक अस्पताल में रखने के बाद डॉक्टर ने अन्य अस्पतालों का नाम सुझाया। पटना के PMCH में रविवार को मौत परिजनों के अनुसार, पहले पटना के एक निजी अस्पताल भेजा गया, जहां अत्यधिक खर्च की बात कही गई। बाद में मगध अस्पताल का नाम बताया गया, लेकिन जांच करने पर पता चला कि वह कई सालों पहले ही बंद हो चुका है। आखिर में परिजन काजल को पटना PMCH ले गए, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों और स्थानीय लोगों ने क्लिनिक पर किया विरोध रविवार की रात शव सहरसा लाने के बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने सोमवार को सूर्या क्लिनिक पहुंचकर विरोध किया। उनका आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही और गलत दिशा-निर्देश के कारण काजल की जान गई। इस मामले पर सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने कहा कि लिखित आवेदन मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सूर्या क्लिनिक के संचालक डॉक्टर विजय शंकर ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि इलाज पूरी निष्ठा से किया गया था।
सहरसा में गॉल ब्लाडर ऑपरेशन के बाद महिला की मौत:परिजनों का आरोप- ‘नस कटने से स्थिति बिगड़ी, डॉक्टर ने दूसरे अस्पताल भेजा’
