मंगलवार को दोनों अधिकारियों ने भू-स्खलन क्षेत्र के विभिन्न स्थानों का दौरा करते हुए दरारों और भू-स्खलन स्थलों पर तकनीकी टीम से जांच करवाने को कहा। उन्होंने राडीबगड़, कोटडीप, हॉस्पिटल मुहल्ला क्षेत्र का जायजा लेते हुए यहां पर पहाड़ के बड़े हिस्से में दरारें आने तथा चट्टानों के अटके होने की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके निस्तारण के लिए तकनीकी राय लेने को कहा। उन्होंने सिंचाई विभाग, भूवैज्ञानिक एवं कार्यदायी संस्थाओं पीएमजीएसवाई और लोक निर्माण विभाग को इसका संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिससे वास्तविक स्थिति का सही आकलन कर आगे की कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने ने थराली-डूंगरी पक्की सड़क पर आई दरारों का भी निरीक्षण किया। आपदा से क्षतिग्रस्त मकानों का भी जायजा लिया और तहसील स्तर के अधिकारियों को नुकसान का विस्तृत आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा। स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी को बताया कि आपदा के कारण उन्हें पानी और बिजली की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस पर जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत को जल संस्थान के जेई के साथ समन्वय कर तत्काल जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने पहाड़ी के ऊपर लटके बड़े पत्थरों की स्थिति का भी अवलोकन कर खतरे की संभावना को देखते हुए इसके नीचे मकानों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थान अथवा राहत शिविरों में शिफ्ट होने की अपील की। बारिश होने की स्थिति में पुलिस प्रशासन मौके पर बैरिकेडिंग कर यातायात को तत्काल रोकने का भी कहा। जिससे किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
डीएम ने अस्पताल का भी भ्रमण कर तैनात चिकित्सकों को सक्रियता एवं तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा की इस स्थिति में प्रशासन प्रभावित लोगों की हर संभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, परियोजना निदेशक आनंद सिंह भाकुनी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अभिषेक गुप्ता, पुलिस उपाधीक्षक अमित कुमार समेत अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।