एस्ट्रोनॉट शुभांशु बोले- आज के बच्चे हमारी तरह नहीं डरते:वे टीचर्स के साथ डांस करते हैं, लखनऊ में अपने पुराने स्कूल पहुंचे

एस्ट्रोनॉट शुभांशु बोले- आज के बच्चे हमारी तरह नहीं डरते:वे टीचर्स के साथ डांस करते हैं, लखनऊ में अपने पुराने स्कूल पहुंचे

एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला मंगलवार सुबह लखनऊ के अलीगंज CMS स्कूल पहुंचे। उन्होंने यहीं पर पढ़ाई की थी। वह अपने क्लासरूम में जाकर काफी खुश हुए। शुभांशु ने कहा- आज बहुत अच्छा लग रहा। हम लोग जिन टीचर्स से डरते थे, आज उनको बच्चों के साथ डांस करते हुए देख रहे। बहुत मजा आ रहा है यह देखकर। अब समय बदल चुका है। बहुत अच्छी फीलिंग है। यही वह क्लास रूम है, जहां मैं पढ़ता था। यहां वापस आकर बहुत अच्छा लग रहा है। इट्स लाइक कमिंग बैक होम..थैंक यू। मैं चाहता हूं कि बच्चों ने जो मॉडल्स बनाए हैं वो जरूर एक स्टार्टअप के तौर पर साकार रूप ले सकें। इसका फायदा पूरी सोसाइटी और मानवता को मिल सकेगा। 3 तस्वीरें देखिए… शुभांशु बोले- अगली बार आपके बीच जल्दी आऊंगा शुभांशु ने बच्चों से कहा- आज मैं थोड़ा जल्दी में हूं। लेकिन बहुत जल्द आपके बीच फिर आऊंगा। आपको स्टोरी और वीडियो के साथ अपनी कहानी बताऊंगा। जिन बच्चों ने परफॉर्मेंस दी, वे सभी बहुत बेहतरीन रहे। आपका स्वागत दिल को छू लेने वाला था। अगली बार जब मै यहां आऊं तो मैं वह कहानी सुनना चाहूंगा कि इस क्लास से निकलकर समाज को नई दिशा देना वाला आइडिया अब साकार रूप ले चुका है। शुभांशु अपने स्कूल में एक लैब का इनॉग्रेशन किया। इसके बाद वह नक्षत्रशाला पहुंचे। नक्षत्रशाला में शुभांशु की एंट्री के बाद गेट बंद कराया शुभांशु को नक्षत्रशाला भी ले जाया गया। उनके एंट्री के बाद गेट बंद करवा दिए गए गए। मीडिया को भी अंदर नहीं जाने दिया गया। इससे पहले शुभांशु शुक्ला ने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल अलीगंज प्रथम के कैंपस में नव-निर्मित ‘शुक्स कार्टयार्ड’ का लोकार्पण किया। ‘शुक्स कार्टयार्ड’ अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें मेकरस्पेस, रोबोटिक्स लैब, स्टूडियो और एम्फीथिएटर शामिल हैं। नक्षत्रशाला के रेनोवेशन को बताया बेहतरीन नक्षत्रशाला का रेनोवेशन करने वाली कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर सतीश जोशी ने बताया कि वो शुभांशु के दौरे को लेकर बंगलुरू से लखनऊ आए थे। शुभांशु को ये नक्षत्रशाला बहुत पसंद आई और उन्होंने कहा ये वन ऑफ द बेस्ट प्लेनेटोरियम है। बहुत अच्छा काम हुआ है। बच्चों के लिए भी ये फायदेमंद है। सोमवार को लखनऊ आगमन पर शुभांशु शुक्ला का जोरदार स्वागत हुआ था। हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी थी। एयरपोर्ट से वो सीधे CMS गोमती नगर पहुंचे थे। इसके बाद सीएम आवास और फिर लोक भवन में भी उनको सम्मानित किया गया था। फिल्म भी देखी और सर्टिफिकेट भी दिया अलीगंज वन कैंपस की टीचर शिवानी श्रीवास्तव ने बताया- शुभांशु जी के साथ स्टूडेंट्स सहित नक्षत्रशाला में आए थे। इस एक्टिविटी में कई स्कूलों ने पार्टिसिपेट किया था। यहां पर उनका फेलिसिटेशन होना था। करीब ढाई घंटे का इवेंट था। जिसमें एक फिल्म दिखाई गई। इसके बाद उन्होंने स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब दिए। बातचीत में उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि स्पेस में चॉकलेट से लेकर लैपटॉप तक आज के दौर में जरूरी चीजें नहीं है। करीब 250 से ज्यादा स्टूडेंट्स और टीचर्स इसमें शामिल हुए। शुभांशु जी से मिलकर स्टूडेंट्स बहुत खुश थे। मैं उनकी बताई हर बात मानूंगा CMS के चौथी क्लास के अनमोल सिंह ने कहा- मैंने उनसे पूछा कि कैसे मैं उनके जैसी डिसिप्लिन को फॉलो कर सकता हूं। उन्होंने बताया हमेशा एक टाइम टेबल फॉलो करना चाहिए। समय से उठना चाहिए और समय से सोना चाहिए। ऐसी ही कई टिप्स उन्होंने दी। उन्होंने जो भी बोला है, उसे मैं मानूंगा, मैं टाइम टेबल को जरूर फॉलो करूंगा। आगे चलकर मुझे IAS बनना है। मैंने उनसे पूछा कि कौन सा सब्जेक्ट अच्छा लगा अटल आवासीय विद्यालय की छात्रा आरुषि ने बताया- यहां आकर बहुत अच्छा लगा और मैं भी उनके जैसे अंतरिक्ष में जाना चाहती हूं। शुभांशु सर से हमने पूछा कि आपको कौन सा सब्जेक्ट अच्छा लगता था उन्होंने बताया कि मैथ्समैटिक्स और आर्ट्स अच्छा लगता था। अपने बारे में बताया संस्कार तिवारी ने बताया- शुभांशु सर ने भविष्य में कैसे हमें अंतरिक्ष में जाना है, इसके बारे में बताया। साथ में ये भी खुद वो कैसे गए थे और वहां क्या किया था। ड्राइवर की लापरवाही से फंसी गाड़ी नक्षत्रशाला से वापस जाते समय शुभांशु और उनका परिवार जिस कार में सवार था। वह गेट के पास सड़क पर बड़े गड्‌ढे में फंस गई। इस दौरान बड़ा हादसा हो सकता था। पुलिस ने किसी तरह गाड़ी को निकलवाया। नक्षत्रशाला से लौटकर नेमिषारण्य गेस्ट हाउस पहुंचे शुभांशु मंगलवार को 2 इवेंट में शिरकत करने के बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला दोपहर बाद वापस से गेस्ट हाउस लौट आए। यहां भी उनसे मिलने वालों का तांता लगा रहा। हालांकि, बाहरी लोगों से वो मिले नहीं। गेस्ट हाउस में उनकी मौजूदगी से चहल-पहल भी ज्यादा देखी गई। हालांकि, सुरक्षा के भी जबरदस्त इंतजाम रहे। राज्यपाल से मिले शुभांशु उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन में अंतरिक्ष यात्री और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने परिवारजनों के साथ शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने राजभवन स्थित गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर राज्यपाल और शुभांशु शुक्ला की मौजूदगी में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ और सिटी मॉन्टेसरी स्कूल लखनऊ के मध्य वैज्ञानिक नवाचार के प्रसार MOU पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत AKTU लखनऊ की तकनीकी दक्षता, आधुनिक पाठ्यक्रम, मॉडर्न प्रयोगशालाओं का सीएमएस के छात्रों, शिक्षकों, वंचित सरकारी स्कूलों तक पहुंचाया जाएगा। इसका उद्देश्य एक अभिनव मॉडल दृष्टिकोण के माध्यम से विद्यार्थियों को गहन और अनुभवात्मक शिक्षण अवसर उपलब्ध कराना है। AKTU द्वारा के विद्यार्थियों और शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। शुभांशु का कुशल-क्षेम जाना इस अवसर पर राज्यपाल ने शुभांशु का कुशल-क्षेम जाना और उन्हें शॉल एवं राजभवन से प्रकाशित पुस्तकें भेंट की। इस अवसर पर शुभांशु ने राज्यपाल को अंतरिक्ष मिशन का प्रतीक चिन्ह भी प्रदान किया। राज्यपाल ने शुभांशु से उनके प्रशिक्षण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने स्पेस सेंटर, स्पेस सूट तथा अंतरिक्ष में किए जा रहे वैज्ञानिक प्रयोगों के विषय में भी जानकारी ली। राज्यपाल ने कहा- प्रधानमंत्री का लक्ष्य है कि सुनामी, भूकंप, आकाशीय बिजली जैसी प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में पूर्वानुमान के लिए अनुसंधान को और प्रोत्साहित किया जाए। इस संदर्भ में अंतरिक्ष अनुसंधान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस सम्बन्ध में शोध कार्यों की प्रगति की जानकारी भी उन्होंने प्राप्त की। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ.सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज एल जानी समेत राजभवन के समस्त स्टाफ मौजूद रहा। ———————– ये खबर भी पढ़िए… लखनऊ में एस्ट्रोनॉट शुभांशु से लिपटकर रोईं मां:छात्रों ने पूछा- ट्रेनिंग में कितनी बार फेल हुए; योगी ने गेट पर रिसीव किया एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के 41 दिन बाद लखनऊ पहुंचे। पत्नी कामना और 6 साल का बेटा किआंश भी साथ थे। एयरपोर्ट पर एस्ट्रोनॉट बनकर पहुंचे स्कूली बच्चों ने उनका वेलकम किया। उनका परिवार भी मौजूद रहा। (पूरी खबर पढ़िए)

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