गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय भठवां परशुराम का बिल्डिंग क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद एक से लेकर पांचवीं क्लास तक के बच्चों को सिसवा मिडिल स्कूल में शिफ्ट करने के खिलाफ ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा है। साथ ही वैकल्पिक तौर पर अपना मकान देने को भी ग्रामीण तैयार है। लेकिन स्कूल दूसरी जगह जाने पर एतराज जता रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि जर्जर भवन को सालों से मरम्मती करने की मांग की जा रही थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। अब जब स्कूल की छत और दीवारें गिर गई है, तो प्रशासन स्कूल को 3 किलोमीटर दूर शिफ्ट करने की बात कर रहा है, जिससे बच्चों और अभिभावकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 70 साल पुराना है स्कूल ग्रामीणों ने बताया कि भठवां परशुराम गांव का यह स्कूल 70 साल पुराना है और इसकी हालत बेहद खराब थी। स्कूल की दीवारें दरार से भरी थीं और छत कभी भी गिर सकती थी। स्थानीय लोगों ने कई बार शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन से स्कूल की मरम्मत के लिए गुहार लगाई, लेकिन हर बार उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया। उनकी चिंता थी कि कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है, और दुर्भाग्यवश, उनकी आशंका सच साबित हुई जब तीन दिन पहले स्कूल की छत का एक बड़ा हिस्सा और दीवार गिर गया। 3 किलोमीटर दूर ट्रांस्फर करने का निर्णय इस घटना के बाद, प्रशासन ने आनन-फानन में स्कूल को गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर एक दूसरे स्थान पर ट्रांस्फर करने का निर्णय लिया है। प्रशासन का तर्क है कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी है। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि यह समाधान समस्या से भी बड़ा है। 3 किलोमीटर दूर स्थित स्कूल तक छोटे बच्चों का पहुंचना बेहद मुश्किल होगा, खासकर बरसात के मौसम में। इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी और कई बच्चे शायद स्कूल जाना ही छोड़ दें।
जर्जर स्कूल को शिफ्ट करने का विरोध:गोपालगंज में ग्रामीण बोले- ‘हम अपना मकान देने को तैयार’, 70 साल पुराना है स्कूल
