‘विरासत गलियारा’ पर विधानसभा में हंगामा क्यों?:माता प्रसाद बोले-सत्ता के लोगों ने हमला किया, योगी का जवाब-आपके कंधे पर बंदूक रखकर साध रहे

‘विरासत गलियारा’ पर विधानसभा में हंगामा क्यों?:माता प्रसाद बोले-सत्ता के लोगों ने हमला किया, योगी का जवाब-आपके कंधे पर बंदूक रखकर साध रहे

किसी क्षेत्र के विकास को अवरूद्ध करना हो तो सपा से सीखिए। गोरखपुर में विरासत गलियारे का काम चल रहा है। आपके (माता प्रसाद) जाने से तीन दिन पहले मैंने खुद एक-एक व्यापारी से मिलकर बात की थी। -योगी आदित्यनाथ, CM गोरखपुर में मेरा विरोध व्यापारियों ने नहीं किया। मुझे गाड़ी से खींचने की कोशिश की गई। वहां के वीडियो और फुटेज हैं। सरकार से संरक्षण प्राप्त लोगों ने मेरा विरोध किया। सरकार इसकी निष्पक्ष जांच करा लें -माता प्रसाद पांडे, नेता प्रतिपक्ष यूपी विधानसभा में कहे गए दो बयान बताने के लिए काफी हैं कि गोरखपुर का ‘विरासत गलियारा’ यूपी की सियासत के केंद्र में आ चुका है। यूपी विधानसभा सत्र में हंगामे के बीच नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने गोरखपुर दौरे के दौरान उनके साथ हुई बदसलूकी का मुद्दा उठाया। सपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। नारे लगाए- ब्राह्मण विरोधी सरकार नहीं चलेगी। सीएम योगी ने माता प्रसाद पांडेय को जवाब दिया। कहा- कुछ लोग भ्रमित कर आपके (माता प्रसाद) कंधे पर बंदूक रखकर साध रहे हैं। इस सियासी वार-पलटवार के बाद 2 बड़े सवाल उठते हैं। पहला- माता प्रसाद और सपा डेलीगेट्स का विरोध करने वाले क्या वाकई सत्ता संरक्षित थे? दूसरा- 25 जून को हुए वाकया के 47 दिनों में गोरखपुर में सपा के नेताओं ने क्या प्रयास किए कि रास्ता रोकने वालों की पहचान हो सके? इसके लिए सबसे पहले दैनिक भास्कर ने गोरखपुर में सपा के जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम और व्यापारियों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… पहले पढ़िए सपा के जिलाध्यक्ष से बातचीत… सवाल : 25 जून को विरोध करने वाले लोग कौन थे?
जवाब : सच यह है कि गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह और महापौर की उपस्थिति में ये लोग बगल से निर्देश दे रहे थे। भाजपा के कार्यकर्ता जेसीबी मशीन के ऊपर चढ़कर सपा के नेताओं को माता प्रसाद पांडेय नेता विरोधी दल को काला झंडा दिखा रहे थे। उन्हें झंडे नहीं मिले, तो वह लोग काले छाते लेकर आ गए। सवाल : उनकी पहचान के लिए क्या कोई प्रयास किया?
जवाब : हम किसी अधिकारी के पास नहीं गए थे। जब हम लोगों को रोका गया पांडेय हाता, तब हम लोग चौकी पर धरना देने लगे। 15 मिनट के बाद प्रशासन के अधिकारियों ने आकर कहा कि रास्ता खाली हो गया है। हमारा उद्देश्य विद्रोह और झगड़ा करना नहीं था। हम व्यापारियों का दर्द जानने गए थे। इसीलिए कानूनी कार्रवाई नहीं की है। हमारी मांग है कि उन चेहरों को उजागर करें कि कौन लोग हैं। सवाल : विधानसभा में विरासत गलियारा पर क्या कहा गया?
जवाब : हमने तो आरोप लगाया है। हमको नहीं पता था कि मुख्यमंत्री ऐसा कहेंगे कि भाजपा के लोग नहीं थे, वो व्यापारी हैं। मैं कह सकता हूं कि बुलडोजर पीडब्ल्यूडी विभाग का था। पीडब्ल्यूडी का बुलडोजर नेता प्रतिपक्ष को कैसे रोक सकता है। बुलडोजर पर सवार होने वाले कौन लोग हैं, ड्राइवर कौन है? पूरी दुनिया ने देखा है, उसको कैसे झुठला सकते हैं। हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं तो उजागर करें कि कौन-कौन व्यापारी है। सपा जिलाध्यक्ष की बात समझने के बाद भास्कर टीम ने पांडेय हाता के व्यापारियों से गलियारे को लेकर बात की। पढ़िए व्यापारी क्या सोचते हैं… व्यापारी बोले- इस वक्त विरोध का माहौल नहीं
व्यापारी अरुण गुप्ता कहते हैं- पांडेय हाता में रोड संकरी है, इसलिए वहां पर रोड चौड़ा किया जाना, शहर के लिए जरूरी भी है। कुछ विवाद किरायेदार और मकान मालिकों के बीच मुआवजे को लेकर है। इसको लेकर सियासत भी जारी है। मगर सुनने में है कि प्रशासन अब मुआवजा दे रहा है। इस वक्त विरोध जैसा कुछ नहीं है। लोगों की रजिस्ट्री हो जाएगी, पैसा मिल जाएगा, तो विरोध किस बात का? कोराबारी बोले- सपा डेलीगेशन आने से पहले अफसरों ने मीटिंग की
40 साल से दुकान चला रहे जय प्रकाश कहते हैं- हम लोग किराये पर हैं, फायदा तो मकान मालिकों का होने जा रहा है। हमसे कहा गया है कि दुकान खाली कर दीजिए। हम कर भी देंगे, मगर कोई आश्वासन नहीं मिला है। हमारे साथ कोई मीटिंग भी नहीं करवाई गई थी। सपा के लोग जब आए थे, उससे पहले मीटिंग हुई थी। सपा डेलीगेशन आया तो विरोध भी हुआ, व्यापारी संगठन अभी शांत हैं। दुकानदार बोले- दुकानें उजड़ जाएंगी, फिर काहे का गलियारा
60 साल से दुकान चला रहे पवन अग्रवाल कहते हैं- हमारी दुकान पूरी जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सर्किल रेट 4200 रुपए लगाकर दोगुना मुआवजा दे रहे हैं। सर्किल रेट कम लगाया गया है। हमारी रजिस्ट्री अभी नहीं हुई है। इस वक्त व्यापारियों का विरोध नहीं हो रहा है। जब दुकान ही उजड़ जाएंगी, तो काहे का विरासत का गलियारा। सरकार इतना पैसा नहीं दे रही है कि हम कहीं और शिफ्ट कर सके। दुकानदार बोले- बरसो की मेहनत पानी में मिल गई
दुकानदार नंदकिशोर कहते हैं- शासन तो अपना काम कर रहा है, जिन लोगों को मुआवजा मिलने की बात कही जा रही है, पहले उन्हें मिल जाए। व्यापारी तो विरोध करेंगे ही, क्योंकि उनकी बरसो की मेहनत से खड़ी की गईं दुकानें जा रही हैं। अब जानिए कि 25 जून को क्या हुआ, जब गोरखपुर में सपा का डेलीगेशन पहुंचा था…. BJP और सपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई थी झड़प
25 जून को नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय और लाल बिहारी यादव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल लखनऊ से गोरखपुर पहुंचा। सपा नेताओं को नॉर्मल चौकी से लेकर तिवारी हाता तक पदयात्रा करनी थी। रूट में घंटाघर, पांडेय हाता, नखास चौक, बख्शीपुर और अलीनगर बाजार शामिल थे। इस दौरान विरासत गलियारे में तोड़ी जा रही दुकानों से प्रभावित व्यापारियों से मुलाकात भी करनी थी। जैसे ही सपा प्रतिनिधिमंडल नॉर्मल चौकी पर पहुंचा, वहां BJP कार्यकर्ता पहले से मौजूद थे। उन्होंने अखिलेश यादव के खिलाफ नारेबाजी की और सपा नेताओं के वाहनों पर अंडे फेंकने लगे। इससे दो गाड़ियों के शीशे टूट गए। थोड़ी देर में दोनों तरफ के कार्यकर्ताओं के बीच माहौल गरम होने लगा। BJP कार्यकर्ताओं ने मौके पर बुलडोजर खड़ा कर पदयात्रा रोक दी। इससे झड़प के हालात बन गए। इसके बाद सपा नेताओं ने पुलिस बुला ली। पुलिस पहुंचने के बाद सपा नेता लाल बिहारी यादव ने कहा कि विरासत गलियारे में जबरन तोड़ी जा रही दुकानों को लेकर सपा जनता की आवाज उठाने आई है। लेकिन, BJP नेता और पदाधिकारी रास्ता रोक कर इसमें बाधा डाल रहे हैं। मामला बढ़ता देख प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप किया। अधिकारियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को मौके से हटाया और सपा प्रतिनिधिमंडल को कड़ी निगरानी में आगे बढ़ने दिया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने तय मार्ग पर पदयात्रा की और प्रभावित व्यापारियों से बातचीत की थी। विरासत गलियारा प्रोजेक्ट को जानिए… 833 लोगों के मकान टूट रहे, सड़क फोरलेन होगी
गोरखपुर में विरासत गलियारा प्रोजेक्ट में पुराने शहर के बाजारों में फोरलेन सड़क बनेगी। शहर की पहचान वाले स्थानों पर वॉल पेटिंग होगी। पुराने निर्माण भी संरक्षित होंगे। सड़क को 12.5 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा। दोनों तरफ पक्के नाले और बीच में सड़क का निर्माण होना है। व्यापारियों ने बताया कि पेंच यह फंस गया है कि ज्यादातर लोग जमीन के वास्तविक मालिक ही नहीं हैं। PWD सूत्रों के अनुसार, इस गलियारा के लिए 833 लोगों के मकान तोड़ने होंगे। इसमें से 200 से ज्यादा मकान ऐसे हैं, जिनके मालिकों के पास जमीन के पुराने कागजात ही नहीं हैं। घने बाजार में आना-जाना आसान नहीं, इसलिए प्रोजेक्ट बना
गोरखपुर का यह प्रोजेक्ट CM योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। इस वक्त घनी आबादी की वजह से शहर के पुराने बाजार और मोहल्लों में आना-जाना आसान नहीं है। इसीलिए इस प्रोजेक्ट पर 550 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। 3.5 Km लंबा यह रूट धर्मशाला बाजार चौराहे से शुरू होकर पांडेय हाता पर खत्म होता है। यहां पर व्यापारियों के मकान-दुकान तोड़े जा रहे हैं। अलग-अलग व्यापारियों से बात करने के बाद समझ आया कि ‘विरासत गलियारा’ नाम के पीछे कोई इतिहास नहीं है। एडमिनिस्ट्रेशन में अधिकारियों का कहना है कि ये नाम इसलिए रखा गया, क्योंकि इसके जरिए विरासत को संजोया जा रहा है। धर्मशाला बाजार, जटाशंकर, हजारीपुर, अलीनगर, बक्शीपुर, नखास, रेती या घंटाघर, ये सभी चौराहे और मोहल्ले गोरखपुर की पहचान से जुड़े हैं। शहर बढ़ता गया तो ये इलाके घने होते गए। यहां पुराने बाजार भी हैं, लेकिन इन तक पहुंचना आसान नहीं। कई प्राचीन मंदिर भी हैं, जहां भीड़ रहती है। घंटाघर शहर की पहचान है और पांडेय हाता भी प्रसिद्ध बाजार हैं। इन पुराने मोहल्लों और बाजार को एक विरासत माना गया। वहां तक लोग पहुंचे, इसके लिए चौड़ी सड़क बनाने का काम शुरू हुआ है। प्रोजेक्ट में बदलाव, 4 मीटर कम चौड़ी होंगी सड़कें
व्यापारियों ने बताया- शुरू में विरासत गलियारा की सड़कों की चौड़ाई 16.5 मीटर तक करनी थी। लेकिन, व्यापारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। उनका कहना था कि इससे कई व्यापारी उजड़ जाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर बीच का रास्ता निकाला गया। चौड़ाई घटाकर 12.5 मीटर कर दी गई। इसमें सड़क की चौड़ाई 7 मीटर है। बाकी एरिया में दोनों ओर नाला और डक्ट बनाया जाएगा। विरासत गलियारा का काम शुरू हो चुका है। नाले का काम 50% तक पूरा हो चुका है। कहीं-कहीं सड़क बनाने का काम भी चल रहा है। ———————— विधानसभा में क्या-कुछ हुआ, ये भी जानिए सपा का विरोध, 18 विधायकों ने प्रश्न नहीं पूछे:सतीश महाना ने स्वामी ओमवेश से कहा- आप तो स्वामी हो, आप ही पूछ लीजिए यूपी विधानसभा सत्र के पहले दिन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने गोरखपुर दौरे के दौरान उनके साथ हुई बदसलूकी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मुझे गाड़ी से खींचने की कोशिश की गई। इस मामले पर सपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। पढ़िए पूरी खबर…

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