RSS का संवाद कार्यक्रम, आज तीसरा दिन:भागवत ने पहले 2 दिन संघ के इतिहास, हिंदू राष्ट्र और टैरिफ जैसे मुद्दों पर स्पीच दी

RSS का संवाद कार्यक्रम, आज तीसरा दिन:भागवत ने पहले 2 दिन संघ के इतिहास, हिंदू राष्ट्र और टैरिफ जैसे मुद्दों पर स्पीच दी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल पूरे होने पर दिल्ली के विज्ञान भवन में तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। आज कार्यक्रम का तीसरा और अंतिम दिन है। पहले दो दिन सरसंघचालक मोहन भागवत ने संघ के इतिहास, हिंदुत्व, हिंदु राष्ट्र, अमेरिकी टैरिफ जैसे मुद्दों पर स्पीच दी। पहले दिन उन्होंने कहा था कि हिंदू राष्ट्र शब्द का सत्ता से कोई मतलब नहीं है। वहीं दूसरे दिन के अपने संबोधन में भागवत ने कहा था कि संघ जितना विरोध किसी संगठन का नहीं हुआ। फिर भी स्वयंसेवकों के मन में समाज के प्रति शुद्ध सात्विक प्रेम ही है। आज के कार्यक्रम में प्रश्नोत्तर सत्र होगा, जिसमें संघ प्रमुख ऑपरेशन सिंदूर से लेकर टैरिफ वॉर जैसे मुद्दों पर खुलकर जवाब देंगे। पिछले 2 दिन के कार्यक्रम की 3 तस्वीरें… भागवत का पहले 2 दिन का संबोधन…. 27 अगस्त: संघ जितना विरोध किसी संगठन का नहीं हुआ RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा- जितना विरोध राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का हुआ है, उतना किसी भी संगठन का नहीं हुआ। इसके बावजूद स्वयंसेवकों के मन में समाज के प्रति शुद्ध सात्विक प्रेम ही है। इसी प्रेम के कारण अब हमारे विरोध की धार कम हो गई है। अमेरिकी टैरिफ विवाद के बीच उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता जरूरी है, देश आत्मनिर्भर होना चाहिए। स्वदेशी चीजों का मतलब विदेशों से संबंध तोड़ना नहीं है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार तो चलेगा, लेन-देन होगा। लेकिन किसी के दबाव में नहीं होगा। पूरी खबर पढ़ें… 26 अगस्त: सभी की श्रद्धा का सम्मान करें, हिंदू राष्ट्र का सत्ता से लेना-देना नहीं मंगलवार को कार्यक्रम के पहले दिन सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था कि हिंदू वही है, जो अलग-अलग मान्यताओं वाले लोगों की श्रद्धा का सम्मान करे। हमारा धर्म सभी के साथ समन्वय का है, टकराव का नहीं। उन्होंने कहा था कि पिछले 40 हजार वर्षों से अखंड भारत में रह रहे लोगों का डीएनए एक है। अखंड भारत की भूमि पर रहने वाले और हमारी संस्कृति, दोनों ही सद्भाव से रहने के पक्षधर हैं। भारत के विश्व गुरु बनने की बात पर कहा कि भारत को दुनिया में योगदान देना है और अब यह समय आ गया है। मंगलवार को कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, अनुप्रिया पटेल, भाजपा सांसद कंगना रनौत और बाबा रामदेव समेत अन्य हस्तियां शामिल हुईं थीं। पूरी खबर पढ़ें… कार्यक्रम में 1300 लोगों को निमंत्रण संघ ने विभिन्न क्षेत्रों से 17 कैटेगरी और 138 सब-कैटेगरी के आधार पर 1300 लोगों को निमंत्रण भेजा है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थी, क्रिकेटर कपिल देव और ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा इसमें भाग लेंगे। कई देशों के राजनयिक भी मौजूद रहेंगे। साथ ही, कार्यक्रम में मुस्लिम, ईसाई, सिख समेत सभी धर्मों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। दरअसल, RSS की स्थापना 1925 में दशहरा के अवसर पर हुई थी। इस साल RSS की स्थापना को 100 साल पूरे हो रहे हैं। इसको लेकर संघ की ओर से शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। कार्यक्रम का शेड्यूल आरएसएस प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने बताया कि भागवत इस दौरान देश के भविष्य, संघ की दृष्टि और स्वयंसेवकों की भूमिका पर विचार रखेंगे। तीसरे दिन वे प्रतिभागियों के सवालों के जवाब देंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण मीडिया और सोशल मीडिया पर होगा। आगे ऐसी व्याख्यान श्रृंखलाएं बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में भी आयोजित होंगी। संघ सभी धर्म और वर्गों के बीच पैठ बनाना चाहता है RSS का मानना है कि समाज से सीधा संवाद ही उनके विचार और दृष्टिकोण समझने का सबसे अच्छा तरीका है। यह आयोजन न सिर्फ संघ की 100 साल की यात्रा दिखाएगा, बल्कि धर्मों और वर्गों के बीच संवाद और सह-अस्तित्व की नई संभावनाओं को भी बढ़ावा देगा।

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