उदयपुर के झाड़ोल में बुधवार को 55 साल की महिला ने 17वें बच्चे को जन्म दिया। रेखा कालबेलिया के बेटी हुई तो बधाई देने उसके पोते-पोती और दोहिते भी झाड़ोल पहुंचे। अस्पताल में कई मरीजों और उनके साथ आए लोगों को इसका पता लगा तो वे भी परिवार की झलक देखने के लिए पहुंच गए। झाड़ोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर रोशन दरांगी ने बताया- प्रसूता ने हमें बताया था कि उसका यह चौथा बच्चा है। फिर बाद में हमें पता लगा कि इनके 16 बच्चे हो चुके हैं। इनमें से 5 बच्चों की डेथ हो चुकी है। 11 वर्तमान में थे। हमने नसबंदी के लिए मोटिवेट किया है। पति और पत्नी की काउंसलिंग करके जल्द से जल्द नसबंदी कराने के लिए कहा है। डॉक्टर का कहना है कि बिना हिस्ट्री बताए ऐसी डिलीवरी हाई रिस्क हो सकती थी। कर्ज लेकर की बच्चों की शादी
झाड़ोल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लीलावास निवासी रेखा कालबेलिया की डिलीवरी हुई। उनका पति कवराराम कालबेलिया (55) कबाड़ का काम करता है। कवराराम कालबेलिया ने बताया- उसके 7 बेटे और 4 बेटियां पहले हैं। जबकि 4 लड़कों और एक लड़की की पैदा होने के बाद मौत हो चुकी है। एक और बेटी के जन्म से अब उसके कुल 12 बच्चे हो गए हैं। इनमें से दो बेटों और तीन बेटियाें की शादी तक हो चुकी है। इन शादीशुदा बेटे-बेटियों के भी दो से तीन बच्चे हो चुके हैं। कवराराम कालबेलिया ने बताया- परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में ब्याज पर पैसे लेकर अपने बच्चों की शादी की। जैसे-तैसे बच्चों को पाल रहा है। परिवार में कोई भी सदस्य कभी स्कूल नहीं गया। हाई रिस्क हो सकती है ऐसी डिलीवरी
स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर रोशन दरांगी ने बताया- महिला जब डिलीवरी के लिए आई। तब उनके पास पहले की कोई सोनोग्राफी रिपोर्ट, डिलीवरी से पूर्व के टेस्ट आदि कुछ नहीं थे। बिना हिस्ट्री बताए ऐसी डिलीवरी हाई रिस्क हो सकती थी। डिलीवरी के दौरान तेज ब्लीडिंग होने से महिला की जान जा सकती थी। लेकिन सबकुछ ठीक रहा। इतने बच्चे होने पर बच्चेदानी भी कमजोर हो जाती है। इससे बिल्डिंग का खतरा रहता है।
उदयपुर में 55 साल की महिला,17वें बच्चे को जन्म दिया:पोता-पोती और दोहिते भी बधाई देने पहुंचे; डॉक्टर बोले- ये हाई रिस्क डिलीवरी
