झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार सुबह निधन हो गया। उनके निधन पर भाजपा बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोरेन को आदिवासी समाज का सशक्त आवाज और जमीन से जुड़ा नेता बताया। जमीन से जुड़े नेता थे गुरुजी- डॉ. जायसवाल डॉ. जायसवाल ने कहा कि, शिबू सोरेन जी एक जमीन से जुड़े नेता थे। उन्होंने 1978 में सोरेन से पहली मुलाकात की थी। 1978 से 1982 तक उनके आंदोलन को बहुत करीब से देखा था। उस दौरान सोरेन ने आदिवासी समाज के हितों के लिए आवाज बुलंद की थी। उस समय बिहार और झारखंड एक साथ थे। सोरेन के नेतृत्व ने समाज के वंचित वर्गों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. जायसवाल ने आगे कहा कि, बाद के वर्षों में सोरेन पर कई आरोप लगे। लेकिन उनके शुरुआती संघर्ष और आदिवासी समाज के लिए योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वे भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले। उनके जाने से झारखंड की राजनीति में शून्यता आई- डॉ. जायसवाल डॉ. जायसवाल ने कहा कि शिबू सोरेन का शुरुआती नेतृत्व, खासकर बिहार-झारखंड के संयुक्त दौर में हमेशा याद रखा जाएगा। उनके निधन पर भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। शिबू सोरेन के निधन से झारखंड की राजनीति में शून्यता आई है। उनके समर्थक और कार्यकर्ता उन्हें एक प्रेरणादायी नेता के रूप में याद कर रहे हैं। ‘गुरुजी’ के निधन से एक राजनीति युग का अंत ‘गुरुजी’ के नाम से जाने जाने वाले शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के प्रमुख स्तंभ थे। उनके नेतृत्व में झामुमो ने आदिवासी अधिकारों और झारखंड राज्य के गठन के लिए लंबा संघर्ष किया। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत माना जा रहा है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन:बिहार भाजपा अध्यक्ष ने कहा- ‘गुरुजी’ जमीन से जुड़े नेता थे, एक राजनीति युग का अंत
