प्रयागराज को मिली 1644 मैट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक

प्रयागराज को मिली 1644 मैट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक

प्रयागराज, 08 जुलाई (हि.स.)। खरीफ सीजन की बुवाई के लिए 1644 मैट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक आ गई है। अब किसान भाइयों को उनकी मांग के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा। यह जानकारी मंगलवार को प्रयागराज जिला कृषि अधिकारी के. के. सिंह ने दी।

उन्होंने बताया कि किसान भाइयों को फास्फेटिक उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए समितियों को खाद भेजी दी गई।

उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र को प्राप्त होने वाली उर्वरक रैक से 40 प्रतिशत सहकारिता क्षेेेत्र को उपलब्ध कराते हुये, साधन सहाकारी समितियों के माध्यम से वितरण का कार्य कराया जा रहा है।

निजी क्षेत्र के आई.पी.एल. कम्पनी द्वारा आपूर्तित कुल 2594 मैट्रिक टन के रैक से इस जनपद को प्राप्त 1644 मैट्रिक टन फास्फेटिक उर्वरक में से 1035 मैट्रिक टन सहकारिता क्षेत्र में एवं 609 मैट्रिक टन निजी क्षेत्र में उर्वरक की आपूर्ति कराते हुये, किसानों को उनकी जोत के आधार पर पी.ओ.एस. के माध्यम से सम्बन्धित कृषकों का अगूठा लगवाकर वितरण का कार्य निरन्तर कराया जा रहा है। वर्तमान में जनपद में यूरिया 52000 मैट्रिक टन, डी.ए.पी. 6581 मैट्रिक टन, एन.पी.के. 14363 मैट्रिक टन, एस.एस.पी. 6372 मैट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है। जनपद में संचालित कुल 211 साधन सहकारी समितियों में से 195 समितियाॅ क्रियाशील है, जिनमें 80 साधन सहकारी समितियाॅे में प्राप्त होने वाली रैक से उर्वरक की आपूर्ति की जा रही है। शेष समितियों पर फास्फेटिक उर्वरक पहले से ही उपलब्ध है।

जिला कृषि अधिकारी के के सिंह सभी थोक एवं फुटकर उर्वरक बिक्रेताओं को निर्देशित किया है कि निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर बिक्री अथवा उर्वरक के साथ अन्य उत्पाद की टैगिंग की शिकायत प्राप्त होगी तो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 के तहत सम्बन्धित बिक्रेता के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी।

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