सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को कानपुर के वकील अखिलेश दुबे को लेकर सरकार को घेरा। कहा, सुना है कि कानपुर में कोई भारतीय जनता पार्टी का बहुत खासम खास पकड़ा गया है। अखिलेश दुबे पार्टी का करीबी व्यक्ति है। इतना करीबी है कि वो भाग नहीं पाया। अगर भाग गया होता तो अंडरग्राउंड रहता वो भी। एक और है वो भी जिसमें गाड़ियां उठकर गईं, बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर देखा वो भी बीजेपी का सदस्य है। दोनों जगह कोई बुलडोजर नहीं चलेगा, क्यों कि दोनों बीजेपी के लोग हैं। आप सरकारी जमीन पर कब्जा कर लो, सरकारी तालाब पर कब्जा कर लो, आप सरकार से हेराफेरी कर लो, लेकिन भाजपा के करीबियों पर कोई बुलडोजर नहीं चलेगा। 2500 करोड़ की सरकारी संपत्तियों पर कब्जा
कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे के जेल जाने के बाद जांच में सामने आया कि करीब 2500 करोड़ की सरकारी संपत्तियों पर कब्जा करके स्कूल और गेस्ट हाउस संचालित कर रहा है। इतना ही नहीं शहर के अलग-अलग लोगों को झूठे रेप केस में जेल भिजवाकर करोड़ों की रंगदारी वसूली और जमीनों पर कब्जा किया है। दुबे की जांच कर रही एसआईटी के सामने 54 झूठे रेप व पॉक्सो के मामले सामने आए। जिसमें बेगुनाह लोगों को गलत तरीके से रेप में फंसाकर उनसे करोड़ों की रंगदारी वसूली और जमीनों के मामलों में सेटलमेंट हुआ। दुबे की अरेस्टिंग के बाद करीब 32 तहरीर पुलिस के पास अखिलेश दुबे और उसके गैंग के खिलाफ आ चुकी है। पुलिस ने 9 मामलों में पुलिस ने जांच पूरी कर ली है। लेकिन अभी तक मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं हाे सकी है। दुबे को किस मामले में भेजा गया जेल? पुलिस कमिश्नर ने फर्जी रेप के मुकदमों को लेकर SIT गठित की थी। जांच के दौरान 54 ऐसे मामले सामने आए, जो रेप के झूठे मामले थे। सिर्फ लोगों को फंसाने के लिए रेप की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसमें से करीब 10 से 12 मामले तो सीधे अखिलेश दुबे से जुड़ रहे थे। इसी में SIT के पास पहुंचा एक मुकदमा BJP नेता रवि सतीजा का था। रवि सतीजा के एक संपत्ति विवाद को लेकर दबाव बनाने के लिए अखिलेश दुबे ने झूठा रेप का मुकदमा दर्ज करा दिया। जेल भिजवाने की तैयारी थी। लेकिन, सतीजा ने दुबे के पास जाकर हाथ-पैर जोड़कर रुपए देकर समझौता किया। जब SIT ने जांच शुरू की तो रवि सतीजा ने पूरी सच्चाई बयां कर दी कि अखिलेश दुबे ने ब्लैकमेल करने और रंगदारी वसूलने के लिए उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस का एक्शन रुकने की चर्चा, पूर्व सीएम ने घेरा
अखिलेश दुबे के खिलाफ 5 FIR दर्ज होने के बाद 5 दिन से एक्शन रुक गया है। एसआईटी के पास पहुंची शिकायतों में 9 बेहद गंभीर मामलों की जांच पूरी हो चुकी है। इसके बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है। शहर के लोगों के बीच एक आम चर्चा है कि दुबे के करीबी आईपीएस अफसरों ने लखनऊ से पूरे मामले को मैनेज करा दिया है। अब दुबे के खिलाफ कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं होगी। अब पूर्व सीएम ने दुबे को भाजपा का नजदीकी और बुलडोजर एक्शन नहीं होने को लेकर सरकार को घेरा है। अब देखना है कि पुलिस और जिला प्रशासन दुबे के खिलाफ क्या एक्शन लेगी।
‘कानपुर में BJP का बहुत खास दुबे पकड़ा गया’:अखिलेश यादव बोले-इन पर बुलडोजर कब चलेगा?, भाग जाता तो अंडरग्राउंड हो जाता
