वर्ल्ड अपडेट्स:ट्रम्प अगले महीने साउथ कोरिया जा सकते हैं, शी जिनपिंग और किम जोंग-उन से मुलाकात की अटकल

वर्ल्ड अपडेट्स:ट्रम्प अगले महीने साउथ कोरिया जा सकते हैं, शी जिनपिंग और किम जोंग-उन से मुलाकात की अटकल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अगले महीने (31अक्टूबर-1 नवंबर) साउथ कोरिया में होने वाले एशिया पेसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन (APEC) शिखर सम्मेलन में जा सकते हैं। यहां उनके चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन से मुलाकात करने की अटकलें लगाई जा रही है। CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प और उनके सलाहकार पीटर नवारो इस सम्मेलन के लिए साउथ कोरिया जाने की तैयारी कर रहे हैं। यह खबर ऐसे समय में आई जब ट्रम्प ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में शी जिनपिंग के भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी पर नाराजगी जताई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रम्प और शी के बीच APEC के दौरान द्विपक्षीय बैठक भी हो सकती है, लेकिन अभी कोई पक्का प्लान नहीं बना है। पिछले महीने एक फोन कॉल में शी ने ट्रम्प और उनकी पत्नी को चीन आने का न्योता दिया गया था, जिसका जवाब ट्रम्प ने भी अमेरिका आने के न्योते के साथ दिया, हालांकि कोई तारीख तय नहीं हुई। व्हाइट हाउस अधिकारी ने CNN को बताया, ‘दक्षिण कोरिया की यात्रा पर चर्चा हो रही है, जिसमें आर्थिक सहयोग पर ध्यान होगा। साथ ही व्यापार, रक्षा और नागरिक परमाणु सहयोग पर भी बातचीत होगी।’ दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने पिछले हफ्ते ट्रम्प से मुलाकात के दौरान उन्हें APEC समिट में आमंत्रित किया था। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… जापानी पीएम ने इस्तीफा देने का फैसला किया, सदनों में बहुमत खोने के बाद उन्हें हटाने की मांग तेज हुई थी जापानी मीडिया NHK के मुताबिक प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। इशिबा ने यह कदम सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के भीतर विभाजन से बचने के लिए उठाया है। उनकी गठबंधन सरकार जुलाई में हुए ऊपरी सदन (हाउस ऑफ काउंसिलर्स) के चुनाव में हार गई थी। इशिबा ने इसके लिए हाल ही में माफी मांगी थी और कहा था कि वह इस्तीफा देने के बारे में निर्णय लेंगे। जुलाई 2025 में हुए चुनाव में इशिबा की अगुवाई वाली एलडीपी-कोमेइटो गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा। गठबंधन ने 50 सीटों का लक्ष्य रखा था, लेकिन केवल 47 सीटें ही जीत सकी, जिसके चलते उनकी सरकार दोनों सदनों में बहुमत खो बैठी। यह जापान की राजनीति में एक ऐतिहासिक झटका था। चुनावी हार के बाद के LDP भीतर ‘इशिबा को हटाओ’ आंदोलन तेज हो गया था। पार्टी के कुछ नेताओं और सांसदों ने उनके नेतृत्व पर सवाल उठाए, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हो गई। इशिबा ने पार्टी में एकता बनाए रखने के लिए इस्तीफा देने का फैसला किया है। इशिबा ने हाल ही में अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौते किया है, जिसमें जापानी ऑटोमोबाइल पर टैरिफ को 25% से घटाकर 15% किया गया। इस समझौते को निवेशकों ने सराहा, लेकिन यह उनकी कुर्सी नहीं बता पाया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, इशिबा ने इस समझौते के बाद इस्तीफा देने का समय चुना ताकि राजनीतिक अस्थिरता से बचा जा सके। लंदन में फिलिस्तीन एक्शन समूह का हिंसक प्रदर्शन, 425 लोग गिरफ्तार; ग्रुप पर लगे बैन को हटाने की मांग कर रहे थे लंदन पुलिस ने ब्रिटेन संसद के बाहर हुए एक हिंसक प्रदर्शन में 425 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। यह प्रदर्शन ‘डिफेंड अवर जूरीज’ नामक समूह ने आयोजित किया था, जिसमें करीब 1,500 लोग शामिल हुए। ये लोग सरकार से फिलिस्तीन एक्शन समूह पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे थे। इस समूह पर जुलाई में आतंकवाद कानून 2000 के तहत प्रतिबंध लगाया गया था। डिफेंड अवर जूरीज ने एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता से हमला किया और उन्हें जमीन पर पटक दिया। कई लोगों को सिर्फ नारे लगाने के लिए गिरफ्तार किया गया। ये लोग ‘मैं नरसंहार का विरोध करता हूं’, ‘मैं पालेस्टाइन एक्शन का समर्थन करता हूं’ जैसे नारे लगा रहे थे। लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पहले पुलिस पर हमला किया और प्रतिबंधित संगठन का समर्थन किया। फिलिस्तीन एक्शन समूह पर प्रतिबंध के बाद इसके समर्थन या सदस्यता को अपराध माना जाता है, जिसकी सजा 14 साल तक की जेल हो सकती है। समूह ने इस प्रतिबंध को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, और मामले की सुनवाई 25 सितंबर को होगी। समूह की सह-संस्थापक हुदा अम्मोरी ने प्रतिबंध को नागरिक स्वतंत्रता के लिए विनाशकारी बताया और कहा कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बुरा असर डालेगा। ट्रम्प ने शिकागो में नेशनल गार्ड और इमिग्रेशन एजेंट भेजने की धमकी दी, गवर्नर बोले- राष्ट्रपति तानाशाही कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शिकागो में नेशनल गार्ड और इमिग्रेशन एजेंट भेजने की धमकी दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर डाली, जिसमें शिकागो शहर के ऊपर आग और हेलीकॉप्टर दिख रहे हैं। ट्रम्प ने लिखा, ‘मुझे सुबह में डिपोर्टेशन की खबर जानना पसंद है। शिकागो जल्द जानेगा कि ‘डिपार्टमेंट ऑफ वॉर’ क्यो कहते हैं।’ ट्रम्प ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया, जिसमें रक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर डिपार्टमेंट ऑफ वॉर करने की बात कही, हालांकि इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी चाहिए। उनकी पोस्ट में उन्हें फिल्म के किरदार लेफ्टिनेंट कर्नल किलगोर की तरह टोपी पहने दिखाया गया है। इलिनॉय के गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने ट्रम्प की इस धमकी को ‘तानाशाह जैसा’ करार दिया और कहा कि यह मजाक नहीं है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘ट्रम्प एक अमेरिकी शहर के साथ युद्ध की धमकी दे रहे हैं। इलिनॉय किसी डर से डरने वाला नहीं है।’ ट्रम्प ने पहले लॉस एंजिल्स और वाशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड तैनात किए हैं और अब शिकागो, बाल्टीमोर, न्यू ऑरलियन्स और पोर्टलैंड जैसे शहरों को भी निशाना बनाने की बात कही है। उनका कहना है कि वह इन शहरों में अपराध और अवैध इमिग्रेशन को रोकना चाहते हैं। हालांकि, शिकागो के मेयर और गवर्नर ने इसका कड़ा विरोध किया है और ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है। ट्रम्प ने दावा किया कि उनके पास नेशनल गार्ड भेजने का असीमित अधिकार है और वह देश को खतरे से बचाने के लिए ऐसा कर सकते हैं। लेकिन स्थानीय नेता और विशेषज्ञ इस कदम को गैरकानूनी और लोकतंत्र के खिलाफ मान रहे हैं। रूस का यूक्रेन पर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागीं, कई गाड़ियां और इमारतें जल कर खाक हुए रूस ने 7 सितंबर की रात यूक्रेन के कई शहरों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला किया। अधिकारियों के अनुसार, रूस ने सैकड़ों ड्रोन और कई मिसाइलों का इस्तेमाल किया। हमले में राजधानी कीव में कई रिहायशी इमारतों को नुकसान पहुंचा। कीव, ओडेसा, खार्किव, ड्निप्रो, क्रिवी रिह और जपोरिझ्झिया जैसे शहरों में रातभर ड्रोन हमले हुए और विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं। यूक्रेन की वायु सेना ने सुबह करीब 4 बजे चेतावनी दी कि मिसाइलें भी दागी गई हैं। कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, कीव में रात 11:30 बजे से हवाई रक्षा सक्रिय थी और सुबह 3:30 बजे विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं। कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने बताया कि रूसी ड्रोन का मलबा सिवातोशिन्स्की और दार्नित्स्की इलाकों में चार बहुमंजिला इमारतों पर गिरा, जिससे आग लग गई। हमले में कई कारें भी जल गईं। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, और नुकसान का पूरा विवरण सामने नहीं आया है। जपोरिझ्झिया में रूसी सेना ने एक औद्योगिक क्षेत्र की इमारत को निशाना बनाया, लेकिन वहां भी कोई हताहत नहीं हुआ। यूक्रेन की वायु सेना ने चेतावनी दी कि ड्रोन लगभग हर क्षेत्र को निशाना बना रहे थे। हमले में कितने ड्रोन इस्तेमाल हुए, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन रूस बड़े हमलों में 500 से ज्यादा ड्रोन लॉन्च करता है। पिछले बड़े हमले में, 30 अगस्त की रात को, रूस ने 537 शाहेद-प्रकार के ड्रोन और 37 मिसाइलें दागी थीं, जिसमें जपोरिझ्झिया में एक व्यक्ति की मौत और 34 लोग घायल हो गए थे।

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