अलग-अलग लोन फ्रॉड मामलों में ED और CBI की कार्रवाई का सामना कर रहे रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को बैंक ऑफ बड़ौदा ने फ्रॉड घोषित किया है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और बैंक ऑफ इंडिया (BOI) भी अनिल को फ्रॉड घोषित कर चुके हैं। रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) ने बताया कि कंपनी को इसे लेकर 2 सितंबर को बैंक की ओर से लेटर मिला है। बैंक ने कंपनी को 1,600 करोड़ रुपए और 862.50 करोड़ रुपए की लाइन ऑफ क्रेडिट दी थी। RCOM ने 2017 से नहीं चुकाया है ₹1,656 करोड़ लोन लाइन ऑफ क्रेडिट (LOC) एक तरह का रिवॉल्विंग क्रेडिट है, जो आपको किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से एक फिक्स्ड लिमिट तक, अपनी जरूरत के हिसाब से लोन लेने और चुकाने की सुविधा देता है। यह नॉर्मल लोन सिस्टम से अलग है, जिसमें आपको लोन की एकमुश्त राशि मिल जाती है। बैंक के मुताबिक, RCOM ने 2462.50 करोड़ रुपए लोन लिया था, जिसमें से 28 अगस्त तक 1656.07 करोड़ रुपए अब भी बकाया है। यह खाता 5 जून 2017 से नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) है। अगर कोई व्यक्ति या कंपनी बैंक से लिया गया कर्ज (लोन) की किस्त या ब्याज 90 दिन या उससे ज्यादा समय तक नहीं चुकाता, तो वह लोन NPA बन जाता है। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने कहा- मामला 12 साल पुराना रिलायंस कम्युनिकेशंस के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला 12 साल पुराना है। अनिल अंबानी 2006 से 2019 तक सिर्फ नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे। उनका कंपनी के डेली ऑपरेशन या फैसलों से लेना-देना नहीं था। सभी आरोप बेबुनियाद हैं, हम कानून का सहारा लेंगे। वहीं, रिलायंस पावर ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा की कार्रवाई का उसके ट्रेड ऑपरेशन और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अनिल अंबानी साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से रिलायंस पावर के बोर्ड में नहीं हैं। कानून क्या कहता है बैंकिंग कानूनों के तहत किसी खाते को फ्रॉड घोषित होते ही केस प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा जाता है। लोन लेने वाले को अगले 5 साल तक कोई नया फंड जारी नहीं होगा। रिलायंस कम्युनिकेशंस पर कुल ₹40400 करोड़ (मार्च 2025 तक) कर्ज है। 2019 से दिवालिया प्रक्रिया में है। SBI की अगुआई वाली कर्जदाता समिति ने 2020 में रेजोल्यूशन प्लान मंजूर किया था, लेकिन मामला कोर्ट में है। 13 दिन पहले CBI ने किया केस दर्ज पिछले दिनों CBI ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) के खिलाफ 2,929 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड मामले में केस दर्ज किया है। CBI ने मुंबई में रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड के ऑफिस और अनिल अंबानी के घर पर 23 अगस्त को छापेमारी भी की। यह फ्रॉड स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से जुड़ा है। इस बीच अनिल अंबानी ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया। इसके अलावा बैंक ने अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालिया कार्यवाही भी शुरू की है, जो मुंबई NCLT में पेंडिंग है। 23 जुलाई को भी ED ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी। रेड यस बैंक से लिए 3000 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी मामले में की गई थी। ———————————- ये खबर भी पढ़ें… अनिल अंबानी की SBI से फ्रॉड-टैग हटाने की अपील: वकील ने कहा- बैंक ने अनिल को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया अनिल अंबानी के वकील ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI से रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और उसके प्रमोटर-डायरेक्टर के खिलाफ फ्रॉड यानी धोखाधड़ी का टैग हटाने का आग्रह किया है। वकील ने दावा किया कि बैंक ने यह कदम अनिल अंबानी को अपना पक्ष रखने का मौका दिए बिना उठाया है। पढ़ें पूरी खबर…
अनिल अंबानी बैंक ऑफ बड़ौदा से भी फ्रॉड घोषित:SBI और बैंक ऑफ इंडिया के बाद तीसरी कार्रवाई; दावा- आरकॉम पर ₹1656 करोड़ बकाया
