श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता का समूचा जीवन समाज, अध्यात्म और सनातन धर्म संस्कृति को समर्पित रहा। उन्होंने जीवन पर्यन्त समाज को धर्म और आध्यात्म के मार्ग अग्रसर कर सनातन संस्कृति को मजबूत करने में योगदान दिया। उन्होंने कहा विदेश के वैज्ञानिक जहां 100 वर्ष तक जीने के रहस्य पर शोध कर रहे हैं, वहीं साध्वी राम भजन माता ने भारतीय आध्यात्मिक और सनातन संस्कृति को अपनाकर 117 वर्ष की आयु प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया कि अध्यात्म में अपार शक्ति है।
महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानन्द महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरु के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए समाज में धर्म और अध्यात्म का प्रचार तथा पूज्य गुरूदेव के अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी एवं महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता का त्याग, तपस्या और सेवा से परिपूर्ण जीवन सभी को प्रेरणा देता रहेगा। श्रद्धांजलि सभा का संचालन आचार्य डॉ. हरिहरानंद शास्त्री ने किया। ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता के पौत्र शिष्य दीप्तानन्द महाराज ने सभी संतो, महंतों का स्वागत किया। श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ब्रह्मलीन साध्वी रामभजन माता को श्रद्धांजलि अर्पित की।