यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देंगे 26 देश:यूक्रेन बॉर्डर पर इंटरनेशनल फोर्स तैनात होगी; जेलेंस्की ने ट्रम्प से भी समर्थन मांगा

यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देंगे 26 देश:यूक्रेन बॉर्डर पर इंटरनेशनल फोर्स तैनात होगी; जेलेंस्की ने ट्रम्प से भी समर्थन मांगा

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को घोषणा की है कि 26 देशों ने यूक्रेन को पोस्ट वॅार सुरक्षा गारंटी देने का वादा किया है। इसके तहत यूक्रेन में एक इंटरनेशनल फोर्स भी तैनात की जाएगी। मैक्रों ने ‘कोएलिशन ऑफ विलिंग्स’ समिट के बाद प्रेस मीट में ये जानकारी दी। इस बैठक में EU समेत 35 देशों के नेता के शामिल हुए, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने समिट के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से भी बातचीत की और गारंटी के लिए समर्थन देने को कहा। यूक्रेनी सेना को ट्रेनिंग और हथियार देंगे कुछ देश मैक्रों ने कहा कि इससे भविष्य में किसी बड़े हमले को रोका जा सकेगा। कुछ देश यूक्रेन के बाहर से भी सहायता देंगे, जैसे कि यूक्रेनी सेना को ट्रेनिंग देना और हथियारों की आपूर्ति करना। हालांकि, मैक्रों ने यह साफ नहीं किया कि कितने सैनिक शामिल होंगे या कौन-कौन से देश इस गारंटी में हिस्सा लेंगे। मैक्रों ने बताया कि सहायता देने वाले देशों की संख्या बढ़ सकती हैं क्योंकि कुछ बर्लिन जैसे देश अभी फैसला लेने की प्रक्रिया में हैं। वहीं, अमेरिका की भागीदारी को लेकर अगले कुछ दिनों में अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है। अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने इस समिट में हिस्सा लिया। बैठक से पहले उन्होंने फ्रांसीसी, ब्रिटिश, जर्मन, इतालवी और यूक्रेनी वरिष्ठ राजनयिकों से मुलाकात की। EU अधिकारी बोले- शांति अभी दूर की कौड़ी यूरोपीय अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन में शांति अभी दूर की कौड़ी लगती है, लेकिन वे युद्ध खत्म होने के बाद भी किसी भी इमरजेंसी के लिए तैयार रहना चाहते हैं। वे मानते हैं कि, इस प्रयास से यूक्रेन को अपने समर्थन का भरोसा दिला सकते हैं। साथ ही उम्मीद करते हैं कि ट्रम्प उनके फैसले में शामिल होंगे। इस बैठक में यूरोपीय देशों के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हुए। इस गठबंधन ने कई बार सैन्य और राजनीतिक स्तर पर बैठकें की हैं, लेकिन अभी तक कोई विस्तृत योजना सार्वजनिक नहीं की गई है। इटली पीएम मेलोनी ने सेना भेजने से इनकार किया इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने स्पष्ट किया कि वह यूक्रेन में सेना नहीं भेजेंगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि इटली युद्ध विराम की निगरानी करने और देश के बाहर यूक्रेनी सैनिकों को प्रशिक्षण देने के लिए तैयार है। इसके अलावा जर्मनी और स्पेन ने भी सैनिक भेजने से इनकार कर दिया है। जेलेंस्की बोले- ये जंग रोकने के लिए जरूरी जेलेंस्की ने इस कदम को ऐतिहासिक और जंग को खत्म करने के लिए लंबे समय बाद पहला ठोस कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल यूक्रेन की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि रूस की ओर से युद्ध खत्म करने का फिलहाल कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। मामले में ट्रम्प ने 15 अगस्त को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी, लेकिन सीजफायर को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यूरोपीय देशों की चिंता- ट्रम्प रूस के सामने झुकने के लिए मजबूर न करे यह बैठक यूरोपीय देशों की चिंता को दूर करने के लिए थी कि कहीं ट्रम्प यूक्रेन को रूस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर न कर दें। अगस्त में अलास्का में ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई मुलाकात के बाद यूरोपीय नेता सतर्क हो गए थे। ट्रम्प ने दावा किया था कि उन्होंने पुतिन को जेलेंस्की के साथ सीधी बातचीत के लिए राजी किया है, लेकिन रूस ने इस दावे को खारिज कर दिया और अपनी मांगें दोहराई। इसमें यूक्रेन का कुछ क्षेत्र छोड़ना और नाटो में शामिल न होने की शर्त शामिल थी। ट्रम्प ने पहले 1 सितंबर तक पुतिन और जेलेंस्की की मुलाकात की समय सीमा तय की थी। ट्रम्प ने एक इंटरव्यू में पुतिन के साथ अपने “अच्छे रिश्ते” का जिक्र किया, लेकिन यह भी कहा कि वह युद्ध से निराश हैं, जिसमें हजारों लोग मर रहे हैं। ​​​​​​2022 से जारी रूस-यूक्रेन जंग रूस-यूक्रेन जंग फरवरी, 2022 में शुरू हुआ। दोनों देशों के बीच जंग की बड़ी वजह रूस का यूक्रेनी जमीन पर कब्जा है। रूस ने यूक्रेन के लगभग 20% क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है। युद्ध के कारण हजारों नागरिक और सैनिक मारे गए हैं, और लाखों यूक्रेनियन विस्थापित हुए हैं। जून 2023 तक, लगभग 8 मिलियन यूक्रेनियन देश छोड़कर भाग गए। ट्रम्प ने युद्ध को समाप्त करने के लिए दोनों देशों के नेताओं के साथ बैठक की हैं। हाल ही में, उन्होंने पुतिन के साथ अलास्का में बैठक की, जो 80 वर्षों में किसी रूसी नेता की पहली अलास्का यात्रा थी। EU नेताओं और जेलेंस्की ने ट्रम्प से मुलाकात की थी ट्रम्प ने 18 अगस्त को व्हाइट हाउस में EU के नेताओं के साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की थी। ट्रम्प ने इस बातचीत को सफल बताया। वहीं जेलेंस्की ने कहा कि यह अब तक की उनकी सबसे अच्छी बातचीत रही। जेलेंस्की ने ट्रम्प से बातचीत के दौरान कहा था कि वो यूक्रेन की एक इंच जमीन भी रूस को नहीं देंगे। उनका मानना है कि अगर यूक्रेन अभी पीछे हटता है तो इससे देश की संप्रभुता और सुरक्षा कमजोर हो सकती है। साथ ही रूस को भविष्य में और ज्यादा हमले करने का मौका मिल सकता है। जेलेंस्की ने कहा- हमारे सिद्धांत और हमारी जमीन से जुड़े फैसले नेताओं के स्तर पर ही होंगे, लेकिन इसमें यूक्रेन की भागीदारी जरूरी है। जेलेंस्की ने बिना किसी शर्त के युद्धविराम की मांग की। पुतिन का यूक्रेन के 20% हिस्से पर कब्जा छोड़ने से इनकार रूस ने यूक्रेन के करीब 20% हिस्से, यानी लगभग 1 लाख 14 हजार 500 वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर रखा है। इसमें क्रीमिया, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं। रूस इन क्षेत्रों को अपनी सामरिक और ऐतिहासिक धरोहर मानता है और इन्हें छोड़ने को तैयार नहीं है। पुतिन साफ कह चुके हैं कि यूक्रेन से शांति को लेकर बातचीत तभी हो सकती है जब यूक्रेन, रूस के कब्जाए गए क्षेत्रों से अपना दावा छोड़े और उन इलाकों को रूस के हिस्से के रूप में स्वीकारे।

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