PM मोदी से फोन पर बात कर रहे यूरोपीय यूनियन के नेताओं की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस तस्वीर को पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री और यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष एटोनियो कोस्टा ने पोस्ट किया है। इस तस्वीर में यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सला वॉन डेर लेयन भी हैं। कोस्टा ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच लंबे समय से लंबित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को जल्द अंतिम रूप देने की कोशिशें तेज हो गई हैं। साथ ही, इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) को अमल में लाने और यूक्रेन युद्ध को जल्द समाप्त करने पर भी चर्चा हुई। नेताओं ने कहा कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के बीच नियम-आधारित और पारदर्शी व्यापार प्रणाली की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है। उन्होंने यह भी माना कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आक्रामक टैरिफ नीति और विघटनकारी व्यापार नीतियां पूरी दुनिया के लिए चुनौती बन गई हैं। ऐसे में भारत और यूरोपियन साझेदार मिलकर एक संतुलित और स्थिर वैश्विक व्यवस्था खड़ी करने का प्रयास करेंगे। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… नेपाल में फेसबुक, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन, TikTok पर रोक नहीं नेपाल सरकार ने गुरुवार को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगा दिया है। इन प्लेटफॉर्म ने नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। मंत्रालय ने 28 अगस्त से सात दिन की समय सीमा दी थी, जो बुधवार रात को खत्म हो गई। इस दौरान फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब, X (ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म ने पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया। टिकटॉक, वाइबर, विटक, निमबज और पोपो लाइव ने पंजीकरण कर लिया है, जबकि टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी की मंजूरी प्रक्रिया चल रही है। मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि अगर कोई प्लेटफॉर्म रजिस्ट्रेशन पूरा करता है, तो उसे उसी दिन बहाल कर दिया जाएगा। इस प्रतिबंध से विदेश में रहने वाले लाखों नेपाली प्रभावित होंगे। वरिष्ठ पत्रकार प्रल्हाद रिजाल ने कहा, ’70 लाख से अधिक युवा पढ़ाई या नौकरी के लिए विदेश में हैं। यह प्रतिबंध उनके परिवार और दोस्तों के साथ बातचीत को प्रभावित करेगा।’ हालांकि, अभी तक फेसबुक या दूसरी कंपनियों की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। अफगानिस्तान के कुनार में तीसरा भूकंप, 5.5 तीव्रता की तीव्रता, मरने वालों की संख्या 2200 पहुंची अफगानिस्तान में कुनार प्रांत में मंगलवार को 5.5 तीव्रता का भूकंप आया। इसकी जानकारी तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने गुरूवार को दी। इससे पहले रविवार को जलालाबाद में 6.2 और सोमवार को 4.6 तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप से अब तक 2,200 लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक मरने वालों का आकड़ा और बढ़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक घायलों की संख्या 3640 पहुंच गई है, जबकि 6700 मकान ढहे हैं। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कुनार प्रांत में राहत बचाव काम जारी हैं। लोगों के लिए टेंट लगाए गए हैं। प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है। कुनार एक पहाड़ी इलाका है जो राजधानी काबुल से 150 किमी दूर है। इसे भूकंप के लिए रेड जोन माना जाता है। यहां सहायता पहुंचाना भी मुश्किल है।
वर्ल्ड अपडेट्स:PM मोदी से फोन पर बात कर रहे यूरोपीय यूनियन के नेताओं की फोटो वायरल, EU-भारत के बीच FTA का जल्द ऐलान संभव
