वैष्णो देवी हादसे का शिकार हुईं नीरा और चांदनी की मौत से 10 मिनट पहले की सेल्फी सामने आईं है। इसमें दोनों अपने परिवार के साथ खुश नजर आ रही हैं। सेल्फी में उनकी आखिरी तस्वीर देखते ही परिजन रोने लगे। बोले- देखो दोनों कितनी खुश हैं। अब कभी वापस नहीं आएंगी। वैष्णो देवी हादसे में मेरठ और बागपत की दो सगी बहनों नीरा और चांदनी की बिजली गिरने से मौत हो गई। दोनों अपने पति और बच्ची के साथ वैष्णो देवी गईं थीं। हादसे के समय नीरा का पति अमित वर्मा, उनकी 9 साल की बेटी विधि और बहन चांदनी का पति मयंक बाल-बाल बच गए। पति बोला- चढ़ाई में आगे निकल गए थे
नीरा के पति अमित वर्मा ने बताया- मंगलवार को दोपहर के करीब 3 बज रहे थे। यात्रा के बीच में ही बारिश शुरू हो गई। हम लोगों ने रेनकोट लेकर आगे की यात्रा शुरू की। खाते-पीते हुए हम लोग आगे बढ़ते जा रहे थे। पत्नी के साथ आखिरी बार बस वहीं एक जगह मैगी और चाय पी थी। उसके बाद दोनों बहनों ने वहीं पर सेल्फी भी ली। सिर्फ 10 मिनट ही हुए होंगे कि एकदम से बीच रास्ते में आकाशीय बिजली गिरी। बदकिस्मती की बात ये थी कि मैं, मयंक और विधि एक साथ थे। ये दोनों बहने एक साथ थी। हम लोग आगे निकलकर भवन तक पहुंच गए। हमें पता ही नहीं चला कि मेरी पत्नी और साली पीछे आ ही नहीं रहे हैं। 24 घंटे बाद पता चला कि इस हादसे का शिकार हो गईं हैं। पढ़िए पूरी आपबीती… पहले देखिए 3 तस्वीरें… पहले एक नजर में मामला… मेरठ के मवाना के मोहल्ला तिहाई में रहने वाले अमित वर्मा 25 अगस्त को अपनी पत्नी नीरा वर्मा, बेटी विधि वर्मा, साली चांदनी और साढ़ू मयंक गोयल के साथ वैष्णो देवी जाने के लिए निकले। चांदनी की शादी इसी साल 25 अप्रैल को हुई थी। इसके बाद ही दोनों बहनों ने वैष्णो देवी जाने का प्लान बनाया था। मंगलवार को दोनों परिवारों ने यात्रा शुरू की। अब पढ़िए आपबीती… यात्रा के बारे में अमित ने बताया- 26 अगस्त को सुबह करीब 10 बजे मैं, मेरी पत्नी नीरा, बेटी विधि, साली चांदनी, साढ़ू मयंक (निवासी खेकड़ा बागपत) के साथ कटरा से भवन के लिए चढ़ाई शुरू की। शाम 3 बजे के करीब चरण पादुका से आगे एक रेस्टोरेंट पर सभी ने चाय पी। थकान की वजह से नीरा और चांदनी ने कहा कि आप लोग बेटी को लेकर आगे बढ़िए। हम पीछे धीरे-धीरे आ रहे हैं। मैं, विधि और मयंक एक साथ आगे बढ़ गए। कुछ देर बाद ही पीछे से हादसा हो गया। रास्ते भर दोनों बहनों को ढूंढते रहे
अमित ने बताया कि हमें हादसे की भनक तो लगी, लेकिन इस बात का अंदाजा नहीं था कि मेरी जीवन संगिनी हमेशा के लिए मुझे छोड़ चुकी है। हम लोग बदहवास हालत में पत्नी और साली को ढूंढते हुए भवन तक पहुंच गए। 24 घंटे बाद मौत का पता चला
तब तक ऊपर दर्शन बंद हो गए थे, तो हम वहां से इसी उम्मीद में वापस लौटने लगे कि अभी रास्ते भर में दोनों बहने कहीं न कहीं मिल जाएंगी। लेकिन पूरा रास्ता देख लिया, कहीं नहीं मिली। हम बहुत परेशान थे। हम लोग आपस में यही बात कर रहे थे कि एक बार मिल जाएं ये दोनों। फिर इनको बताएंगे कि तुम्हारी वजह से हम कितना परेशान हुए। कटरा पहुंचने के बाद होटल में पत्नी और साली के न मिलने पर हमने रात करीब 10 बजे कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दी। पुलिस ने सुबह आने को कहा। अगले दिन सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक हम कोतवाली और सीएचसी में भटकते रहे। उस समय हमारे दिल और दिमाग में क्या गुजर रहा था, ये हमारे सिवा कोई नहीं जान सकता है। आखिरकार 24 घंटे बाद दोपहर में हमें नीरा और चांदनी की मौत की जानकारी मिली। कागजी कार्रवाई और पोस्टमॉर्टम के बाद दोनों के शव हमें मिले। बेटी तो मां-मां चिल्लाते हुए बेहोश हो गई। हम और मयंक पूरी तरह टूट गए थे। समझ ही नहीं आ रहा कैसे खुद को संभालें। जिस तरह राजी खुशी घर से आए थे, अब लाशें लेकर कैसे जाएं। पहली यात्रा बनी आखिरी
नीरा और चांदनी की मां सावित्री ने बताया कि यह दोनों बेटियों की पहली वैष्णो देवी यात्रा थी। शनिवार को फोन पर नीरा बोली- मम्मी हम और चांदनी दर्शन के लिए जा रही हैं। मंगलवार सुबह कटरा पहुंचने पर भी दोनों से बात हुई थी। दोनों ने खुशी से बताया था कि कटरा पहुंच गए हैं। लेकिन क्या पता था कि ये मेरी बेटियों से मेरी आखिरी बात होने वाली है। अब परिवार में अविवाहित बेटी रीना और बेटा मोहित ही बचे हैं। दोनों बेटियों के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मेरी बेटियां…चली गईं। वैष्णो देवी में लैंडस्लाइड नहीं होती थी
नीरा और चांदनी के परिवार ने बताया- दोनों बहनों ने एकसाथ मिलकर वैष्णो देवी जाने का प्लान बनाया था। हमें या उन लोगों को भी नहीं पता था कि मौसम इतना खराब हो जाएगा। वैष्णो देवी में लैंडस्लाइड की घटना सुनने को नहीं मिलती है। ये तो हम पहली बार सुन रहे हैं। दोनों बहनें बहुत खुशी-खुशी गईं थी। किसे क्या पता था कि ये हो जाएगा। मां सावित्री, ससुर अशोक वर्मा और सास माया देवी सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। ……………………… ये भी पढ़ें: वैष्णो देवी लैंडस्लाइड में यूपी के 11 लोगों की मौत:आगरा के एक परिवार के 3 लोगों की जान गई; सगी बहनों, क्रिकेटर की भी मौत जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी धाम के ट्रैक पर 26 अगस्त को लैंडस्लाइड हुआ था। इसमें यूपी के 11 लोगों की मौत हुई है। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर सरकार से संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने अभी मृतकों की सूची नहीं दी है। (पढ़ें पूरी खबर)
वैष्णो देवी लैंडस्लाइड…मौत से 10 मिनट पहले की सेल्फी:पति बोला- चढ़ाई में आगे निकल गए थे, 24 घंटे बाद पत्नी की मौत का पता चला
