एक युवक को खंभे से बांधकर सात-आठ लोग बेरहमी से पीट रहे हैं। किसी के हाथ में डंडा है, तो किसी ने मारने के लिए पूरी की पूरी ईंट उठा रखी है। युवक हमलावरों से बचने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस सबके बीच सैकड़ों वाहनों का जाम लगा है। ये किसी फिल्म का सीन नहीं और न ही कोई जंगल का इलाका है। बीते दिनों यूपी के मेरठ-करनाल हाईवे पर स्थित भूनी टोल प्लाजा की घटना है। जहां शिकार एक फौजी हुआ। टोल प्लाजा पर हर कोई जल्दी निकलना चाहता है। आए दिन पैसे और समय को लेकर विवाद हो रहे हैं। आज की संडे बिग स्टोरी में पढ़िए टोल पर हाल में घटे ऐसे ही विवाद, उनका कारण, टोल प्लाजा के नियम क्या है? ऐसी घटनाएं कैसे रोकी जा सकती हैं? पहले जानिए मेरठ-करनाल हाईवे पर क्या हुआ था?
श्रीनगर में राजपूत बटालियन में तैनात मेरठ के गांव गोटका के रहने वाले कपिल तोमर कांवड़ यात्रा के दौरान छुट्टी पर आए थे। 17 अगस्त को श्रीनगर लौट रहे थे। देर शाम मेरठ-करनाल हाईवे पर स्थित भूनी टोल प्लाजा पर टोलकर्मियों ने उन पर हमला कर दिया। उन्हें बुरी तरह से पीटा। 18 अगस्त को गुस्साए फौजी के गांव गोटका और आसपास के गांवों के 500 से ज्यादा लोगों ने भूनी टोल ऑफिस पर हमला कर दिया। लोगों ने टोल ऑफिस की खिड़कियां, फर्नीचर तोड़ दिए और जमकर पत्थर बरसाए। अस्पताल में भर्ती फौजी कपिल बताते हैं- मुझे सिटी रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़नी थी, क्योंकि छुट्टी खत्म हो चुकी थी। श्रीनगर जाकर ड्यूटी जॉइन करना था। जैसे ही हम टोल पर पहुंचे, वहां काफी गाड़ियां लगी थीं। मैंने टोल स्टाफ से कहा- भाई प्लीज, मुझे जल्दी निकल जाने दो। मेरी ट्रेन है। कल अर्ली मॉर्निंग की फ्लाइट है। टाइम पर नहीं पहुंचा तो वो मिस हो जाएगी। मैंने उन्हें अपना आर्मी आईडी कार्ड दिखाया। लेकिन, उन्होंने मेरा आई कार्ड फेंक दिया। वो मेरे साथ मिसबिहेव करने लगे। मैंने और मेरे भाइयों ने फिर कहा- भाई प्लीज… हमें जाने दीजिए। बस इतनी-सी बात पर उन लोगों ने मुझे कार से खींचा और पीटना शुरू कर दिया। हमलावरों पर एक्शन क्या?
सेना के जवान कपिल से मारपीट के मामले में 8 आरोपियों को जेल भेजा गया है। 7 की जमानत अर्जी लगाई गई। कोर्ट ने सचिन, विजय, अनुज, अंकित, सुरेश राणा, अंकित शर्मा और नीरज तालियाना उर्फ बिट्टू की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। टोल प्लाजा कंपनी पर एक्शन क्या?
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टोल कलेक्शन एजेंसी, मेसर्स धरम सिंह एंड कंपनी पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के साथ ही कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। साथ ही भविष्य में देश भर में किसी भी टोल प्लाजा की नीलामी में भाग लेने से भी प्रतिबंधित कर दिया है। अर्थदंड लगाते हुए कंपनी के सिक्योरिटी के 3.70 करोड़ जमा रुपए जब्त कर लिए। काशी टोल प्लाजा पर सैनिकों को कर रहे सैल्यूट भूनी टोल प्लाजा पर फौजी के साथ मारपीट के बाद एनएचएआई सैनिकों के सम्मान को लेकर बेहद गंभीर हो गया है। मेरठ-दिल्ली के बीच काशी टोल प्लाजा का एक वीडियो सामने आया है। इसमें टोल से गुजरने वाले आर्मी व्हीकल को देखकर टोल स्टाफ सैल्यूट करता नजर आ रहा है। 10 दिन में सामने आए कई मामले अफसर बोले- शिकायत करिए, तुरंत कार्रवाई होगी
एनएचएआई पश्चिम यूपी के रीजनल ऑफिसर संजीव कुमार शर्मा के मुताबिक, मेरठ की घटना में कंपनी को टर्मिनेट किया गया है। अगर किसी यात्री से टोल कर्मी द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है, तो हम ऑनलाइन वीडियो रिकॉर्डिंग देखकर तुरंत एक्शन लेते हैं। जहां तक टोल पर 10 सेकेंड की टाइम लाइन और 100 मीटर से अधिक जाम पर टोल की छूट की बात है तो दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर अक्सर हम लोग इसका पालन कराते हैं। अगर किसी वाहन चालक को लगे कि उसे टोल प्लाजा पर अधिक समय तक रुकना पड़ा है, तो वह टोल देने से मना कर सकता है। उसकी शिकायत भी कर सकता है। उसे टोल नहीं देना पड़ेगा। ————————— ये खबर भी पढ़ें… यूपी के 129 विधायकों से सवाल-अफसर कितना सुनते हैं, 11 का जवाब- नौकरशाह बेलगाम, बाकी बोले- हमारी सुनते हैं अधिकारी जनप्रतिनिधियों की बात सुन रहे हैं या नहीं? जनप्रतिनिधियों को उनके ही जिले में सम्मान मिल रहा है या नहीं? कितने विधायक हैं जो कह रहे हैं कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते? भाजपा के सहयोगी दल के विधायकों का क्या कहना है? इन सवालों का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने सीधे विधायकों से बात की। 8.5 प्रतिशत विधायकों ने कहा- अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। दैनिक भास्कर ने सत्ता पक्ष के 290 विधायकों से संपर्क करने की कोशिश की। इसमें से 129 विधायकों ने फोन उठाया और बात की। 82 विधायक व मंत्रियों के पीएस ने फोन अटेंड किया और कहा कि नेताजी से बात कर पाना अभी संभव नहीं है। कुछ मंत्री समेत 58 विधायकों ने कॉल नहीं अटेंड की। 21 विधायकों के फोन स्विच ऑफ मिले। पढ़ें पूरी खबर
यूपी में टोल प्लाजा पर आए दिन विवाद क्यों?:तेजी से निकलने की जिद, पैसे और समय की खींचतान; बढ़ती झड़पों का समाधान क्या?
