बोकारो मैं पहले 6 एकड़ में धान, गेहूं सब्जी की पारंपरिक खेती कर करता था। आज ऑप्शनल खेती आम-अमरुद बागवानी के साथ-साथ मछली व बत्तख पालन से सालाना 7 लाख 50 हजार रुपए तक की आमदनी कर रहा हूं। 2013 में मुझे दो दिनों के लिए गुजरात अहमदाबाद जाकर कृषि-बागवानी से जुड़े प्रशिक्षण में हिस्सा लेने का मौका। उसके बाद से मैंने व्यवसायिक सोच के साथ खेती-बागवानी शुरू की। 5 साल पहले कोरोनाकाल में अपनी 6 एकड़ बंजर जमीन पर आम की बागवानी की। जमीन की उर्वरता बढ़ाने के लिए मैंने कृषि विशेषज्ञों की राय ली। इसके बाद दो तालाब का निर्माण करवाया। मछली का बीज तैयार कर, करते हैं सप्लाई मछलियों का बीज तैयार कर जिला के विभिन्न प्रखंडों में सप्लाई करने लगा। पहले 2 क्विंटल मछली का जीरा उत्पादन करता था। अब उसे बढ़ाकर 5 क्विंटल कर दिया। कुछ मछली का जीरा अपने तालाब में डालकर मछली पालन करता हूं। इससे लाखों की कमाई की रास्ता खुल गया। 5 साल में कृषि के कार्य से जुड़कर मासिक आय करीब 60 हजार रुपए कर लिया। आम बागवानी से सालाना 60 हजार रुपए, मछली के जीरा व मछली उत्पादन से 6 लाख, बत्तख पालन से 50 हजार का सालाना आय अर्जित कर रहा हूं। मुझे देखकर कई लोग अब बागवानी के साथ मछली व बत्तख पालन कर रहे हैं। क्षेत्र के कई किसानों को अनुभव का मिला लाभ गांव से ही मछली का जीरा लेकर बाबू टोला के मिथिलेश महाराज, मनोरंजन महाराज, जिलिंग टांड़ के मुरलीधर सिंह व रतन सिंह, टोंन्ड्रा निवासी पूर्व वार्ड सदस्य हीरालाल महतो समेत 20 किसान ने मछली पालन शुरू किया। बाधागोड़ा टोला के 6 किसान सुशील मांझी, भोला सोरेन, जूना सोरेन आदि 2022 में 10 एकड़ में आम की बागवानी की। भस्की जिलिंग टांड़ निवासी काशीनाथ सिंह व उनके भाई पवन सिंह ने भी 2023 में 5 एकड़ में आम बागवानी की। रांची कृषि विवि, काशी हिंदू विवि व आरसीटी चास से पुरस्कृत खेती में प्रयोग और व्यवसायिक दृष्टि के कारण मुझे एक उत्कृष्ट किसान के रूप में रांची कृषि विश्वविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय और आरसीटी चास से पुरस्कृत भी किया जा चुका है। इसके अलावे में आसपास के लोगों को अपने अनुभवों उनका सहयोग करता हूं। कौन हैं विनोद बिहारी महतो बोकारो जिला के जरीडीह प्रखंड के भस्की गांव के 46 वर्षीय किसान विनोद बिहारी महतो मैट्रिक पास हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। एक बच्चा पढ़ाई कर रहा है। जबकि दूसरा पढ़ाई के साथ-साथ उनके खेती और व्यवसाय में सहयोग करता है। हजारीबाग की स्वयं सेवी संस्था सपोर्ट की ओर से 460 आम और 40 अमरुद के पौधे मिले। 6 एकड़ बंजर भूमि में पौधों को लगाया। 2024 में हुए आम और अमरुद पौध तैयार होने से वैकल्पिक कृषि से आय का रास्ता खुला।
खेती, बागवानी, मछली पालन से कमा रहे लाखों:बोकारो के किसान विनोद बिहारी महतो को रांची कृषि विश्वविद्यालय समेत कई संस्थान कर चुका सम्मानित
