दिशोम गुरु का तीन कर्मा संपन्न, 15 को होगा दशकर्म:बन रहे पंडाल, तालाब की साफ-सफाई; पार्किंग की भी हो रही व्यवस्था

दिशोम गुरु का तीन कर्मा संपन्न, 15 को होगा दशकर्म:बन रहे पंडाल, तालाब की साफ-सफाई; पार्किंग की भी हो रही व्यवस्था

दिशोम गुरु शिबू सोरेन का तीन कर्म कार्यक्रम गुरुवार को पूर्ण विधि विधान के साथ संपन्न हुआ। अब 15 अगस्त को दशकर्म और 16 अगस्त को 11वां होगा। यह जानकारी मुखिया टुडू ने दी। दशकर्म में देश भर से लोगों के आने की उम्मीद है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन तैयारी में जुटा है। घर के पास बड़े-बड़े पंडाल बनाए जा रहे हैं। गुरु जी के घर के पास तालाब की साफ-सफाई, पार्किंग और बैठने की व्यवस्था की जा रही है। रामगढ़ और बोकारो जिला प्रशासन आयोजन स्थल की तैयारी में जोर-शोर से जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पोस्ट लिखा- बाबा दिशोम गुरु के हर सपने को पूरा करेगा उनका बेटा…हमारे वीर पुरुखों का संघर्ष और बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा। इससे पहले गुरुवार को समाज के ठाकुर की ओर से घाट पर विधि विधान के साथ तीन कर्म कार्यक्रम कराया गया। इसके साथ ही गांव वालों का छुतका मिट गया। 10 अगस्त को गोतिया और परिवार वालों का छुतका मिटेगा। उधर, हेमंत सोरेन ने तीसरे दिन पिता को दातुन, पानी और अरवा चावल अर्पित किया। यह विधान रोजाना होगा। विधि के दौरान बताया गया कि स्वर्गीय शिबू सोरेन की आत्मा किस दिशा की ओर गई है। इसके बाद परिवार के सदस्यों ने उक्त स्थान पर जल डालकर प्रार्थना की। सारी विधि विधान में गुरु जी की पत्नी रूपी सोरेन, हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन, कल्पना सोरेन, सीता सोरेन और परिवार के अन्य सदस्य शामिल हुए। गांव वालों ने भी इस विधि-विधान में भागीदारी की। वहीं, गुरुवार को राज्यपाल संतोष गंगवार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेमरा स्थित पैतृक आवास पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु दिवंगत शिबू सोरेन जी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। गुरु जी को भारत रत्न दें, बढ़ेगा देश का गौरव: विनोद कुमार पांडे
इधर, झामुमो ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग की है। झामुमो महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा गुरु जी का जीवन संघर्षशील, प्रेरणादायी और जन सरकारों से ओतप्रोत रहा है। शिबू सोरेन न केवल एक राजनेता थे। बल्कि आदिवासी चेतना के वाहक, शोषित वंचित वर्ग के सशक्त प्रवक्ता और सामाजिक क्रांति के प्रतीक थे। उन्होंने नशाखोरी और महाजनी प्रथा के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन खड़ा किया, जिससे झारखंड के दूर दराज के गांव में चेतना फैली। आदिवासियों को सशक्त करने के लिए गुरु जी ने कई पहल की। झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन से लेकर केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री व मुख्यमंत्री रहते हुए गुरु जी ने सदैव जनहित को प्राथमिकता दी। उनका जीवन त्याग, संघर्ष और सेवा की मिसाल है। ऐसे महापुरुष को भारत रत्न से सम्मानित करना केवल उनके प्रति श्रद्धांजलि नहीं बल्कि देश की लोकतांत्रिक और सामाजिक चेतना को भी गौरवान्वित करना होगा।

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