प्रदर्शनकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार पर गरीब विरोधी नीतियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। नालंदा जिला के संरक्षक पाल बिहारी लाल ने नीतीश सरकार को महिला सशक्तिकरण के नाम पर “ढपोरशंखी” करार देते हुए कहा किराज्य सरकार विद्यालय रसोइयों को मात्र 1650 रुपये प्रतिमाह देती है, वह भी केवल 10 महीने के लिए। यह पूरे देश में सबसे कम भुगतान है। आज के समय में इस राशि में एक महिला अपना गुजारा नहीं कर सकती।
उन्होंने मांग की कि रसोइयों को कम से कम 10,000 रुपये प्रतिमाह और वह भी पूरे 12 महीने का भुगतान किया जाए। साथ ही उन्हें मातृत्व अवकाश, विशेष अवकाश, और सम्मानजनक पेंशन जैसी सुविधाएं भी दी जाएं।जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एडीएम (आपदा) ने रसोइयों से ज्ञापन प्राप्त किया और आश्वासन दिया कि इसे राज्य सरकार तक पहुंचाया जाएगा।