नौकरी के नाम पर यौन उत्पीड़न के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर

नौकरी के नाम पर यौन उत्पीड़न के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर

प्रयागराज, 06 मार्च (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर यौन उत्पीड़न और अश्लील वीडियो बनाकर वायरल करने के आरोपित की जमानत अर्जी सशर्त स्वीकार कर ली है।

यह आदेश न्यायमूर्ति कृष्ण पहल ने नरेश मीणा उर्फ नरसाराम मीणा की जमानत अर्जी पर दिया है। याची के खिलाफ आगरा के खंडौली थाने में आईपीसी की धारा 376, 506 और आईटी अधिनियम की धारा 67 के तहत दर्ज एफआईआर के अनुसार याची ने पीड़िता के साथ शारीरिक सम्बंध बनाने के लिए उसे यह कहकर धोखा दिया कि वह उसे उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती कराएगा और उससे नौ लाख रुपये लिए। इसके बाद उसने पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न किया और उसका अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची पूरी तरह निर्दोष है। उसे गलत तरीके से इस मामले में फंसाया गया है। उसका इस अपराध से कोई लेना-देना नहीं है। अपीलार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। एफआईआर में चार महीने की देरी हुई है और इस देरी का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। एजीए ने जमानत अर्जी का जोरदार विरोध किया, लेकिन इस तथ्य को नहीं नकारा कि याची का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। जमानत के समर्थन में यह भी कहा गया कि याची एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में पीड़िता की देखभाल करने के लिए तैयार है जैसे कि वह उसकी पत्नी हो। पीड़िता वयस्क है।

याची 21 सितम्बर 2024 से जेल में बंद है। यदि उसे जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह जमानत की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा।

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