इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने का आदेश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी डाक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने का आदेश दिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर गंभीर टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह राज्य मेडिकल कॉलेजों में नियुक्त डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक के लिए 1983 में जारी शासनादेश का कड़ाई से पालन करे। इसके साथ ही प्रांतीय चिकित्सा सेवाएं और जिला अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक लगाने की नीति लागू करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने मेडिकल कॉलेज प्रयागराज के प्रोफेसर डॉक्टर अरविंद गुप्ता की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

एक अन्य मामले में, हरदोई कोर्ट ने एक पिता को बेटी की निर्मम हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अपर जिला जज कोर्ट के न्यायाधीश अच्छेलाल सरोज ने 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। घटना 3 मार्च 2021 की है, जब पांडेयतारा गांव निवासी सर्वेश ने अपनी 18 वर्षीय बेटी नीलम की फरसे से गला काटकर हत्या कर दी थी। जांच में पता चला कि घटना से 2 दिन पहले सर्वेश ने अपनी बेटी को एक युवक के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा था, जिसके बाद गुस्से में उसने बेटी को फरसे से काट दिया था।

गोरखपुर में एक अनोखी घटना घटी, जब काउंसिलिंग के लिए बुलाए गए एक युवक ने दूसरी पत्नी को फोन करने के बाद कीटनाशक पी लिया। दरअसल, उसने दो शादी की थी, और पहली पत्नी की ओर से महिला थाने में शिकायत की गई थी। उसे काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया था, लेकिन उसने दूसरी पत्नी को फोन करने के बाद कीटनाशक पी लिया। आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। यह घटना गोरखपुर महिला थाने के बाहर घटी, जिससे वहां हड़कंप मच गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *