विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष चंद्रमोहन तियु ने किया। कार्यक्रम में शामिल बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने इस फैसले को धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माता थे और उनके नाम पर चल रहे क्लिनिकों का नाम बदलना तुष्टिकरण की राजनीति का प्रतीक है।
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय जनविरोधी और विभाजनकारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया, तो राज्यभर में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।
इस प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष संजय पांडे, वरिष्ठ नेत्री गीता बलमुचु, भाजपा नेता रामानुज शर्मा, राकेश बबलू शर्मा, प्रताप कटियार, हेमंत केसरी, रंजन प्रसाद, मुकेश कुमार लल्लू, नितिन विश्वकर्मा, अंगद साव, पवन शर्मा, जगदीश निषाद, रूपा दास, रानी बंदिया, मृदुला निषाद, हेमंती निषाद, हर्ष रवानी, संजय गोप, पप्पू राय, रोहित दास सहित अन्य भाजपा के नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे।