उपरोक्त सर्वेक्षण भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शिवाकांत सिंह एवं सहायक आचार्य डॉ दीपक प्रसाद के अनुभविक कुशल निर्देशन में संपन्न हुआ। इस कार्य में भूगोल विभाग के अन्य सदस्य यथा डॉ स्वर्णिमा सिंह, डॉ. सर्वेश कुमार, डॉ. अंकित सिंह, डॉ. मनीष कुमार सिंह, डॉ. श्रीप्रकाश सिंह, डॉ. ज्ञानप्रकाश एवं डॉ. दुर्गावती यादव ने भी सर्वेक्षणकर्ताओं को समय-समय पर मूल्यवान दिशा निर्देश दिया। इस सर्वेक्षण में भूगोल विभाग के तीन वरिष्ठ शोधार्थी, मनीषा पासवान, अखंड प्रताप सिंह एवं तृप्ति उपाध्याय समेत 12 स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राओं ने तीन अलग-अलग जिलों में सर्वेक्षण का नेतृत्व करते हुए प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किया ये सर्वेक्षण प्रक्रिया (तीन माह) जनवरी से मार्च तक चली।
आज दिनांक 26.07.2025 को पूर्वान्ह 10 बजे से भूगोल विभाग में जल जीवन मिशन प्रभाव मूल्यांकन से जुड़े शोधार्थियों एवं छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के लिए वाटर एड इंडिया के श्री देवेन्द्र सिंह एवं उनकी सहयोगी टीम स्वेता सिंह, अस्मिता शाहा एवं यशवंत सिंह एक सम्मान समारोह आयोजित किया, जिसमें सभी सर्वेक्षणकर्ताओं को किट, प्रमाण-पत्र, व स्टाइपेन्ड (वृतिका) एवं प्रो0 शिवाकान्त सिंह अध्यक्ष भूगोल विभाग को किट, प्रमाण-पत्र, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन जल जीवन मिशन प्रभाव मूल्यांकन के समन्वयक डाॅ0 दीपक प्रसाद ने किया। कार्यक्रम के अन्त में सभी के प्रति आभार ज्ञापन विभागाध्यक्ष द्वारा किया गया। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि गोरखपुर के भूगोल विभाग के द्वारा एवं वाटर ऐड इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में संपन्न इस शोध कार्य की खूब प्रशंसा की गई. इसकी सफलता को देखते हुए शासन ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि गोरखपुर के भूगोल विभाग को आगे भी शोध कार्य क्रियान्वित करने का प्रस्ताव रखा है, साथ ही पूर्वांचल के अन्य मंडलों के ग्रामीण क्षेत्रों पर जल जीवन मिशन कार्यक्रम के मूल्यांकन हेतु अन्य विश्वविद्यालयों को भी जिम्मेदारी देने की बात कही है।