झामुमो ने एचईसी से अति मण हटाने और डीएमएफटी फंड से राशि को अनियमितता मामले में राज्य सरकार को घेरने पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी को आड़े हाथों लिया है। पार्टी के महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अगर बाबूलाल में हिम्मत है तो पहले वे एचईसी और हटिया डीआरएम ऑफिस का घेराव करें। इसके बाद मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। वे खुद और रांची सांसद अतिक्रमण हटाओ अभियान रोकने के लिए रेलवे बोर्ड, एचईसी एवं भारी उद्योग मंत्रालय को पत्र लिखें। उन्होंने पूछा कि एचईसी किसके अधीन है? साउथ ईस्टर्न रेलवे किसके अधीन है? अतिक्रमणकारी कौन हैं? किसके समय में इन अतिक्रमणकारियों को पानी एवं बिजली कनेक्शन मिला। इसका बाबूलाल मरांडी को जवाब देना चाहिए।। सुप्रियो भट्टाचार्य मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। रेलवे व एचईसी ने प्रशासन से मांगी थी मदद झामुमो महासचिव ने कहा कि साउथ इस्टर्न रेलवे और एचईसी ने अपनी-अपनी भूमि पर अतिक्रमण हटाने को लेकर जिला प्रशासन को पत्र लिखकर सहयोग मांगा। चूंकि, विधि-व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है। इसलिए, जिला प्रशासन ने इनको सहयोग दिया। इसमें राज्य सरकार और जिला प्रशासन की भूमिका कहां से आ गई? उन्होंने दावा किया कि मरांडी के पास या तो जानकारी का अभाव है, या फिर साजिश के तहत राज्य सरकार की छवि को खराब करना चाहते हैं। भाजपा का पलटवार पुनर्वास की विफलता का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रहा है झामुमो : अजय प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अजय साह ने मंगलवार को आरोप लगाया कि झामुमो नेता पुनर्वास की विफलता का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रहे हैं। कहा कि किसी भी अतिक्रमण को हटाने से पहले राज्य सरकार को पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि हेमंत सरकार अतिक्रमण हटाने में धर्म देखकर कार्रवाई करती है। रांची शहर के बीचों बीच विशेष समुदाय के अवैध कब्जों पर कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि दशकों से बसे गरीब लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। राज्य सरकार ने बिना किसी पुनर्वास योजना के अतिक्रमण हटाकर केंद्र पर दोष मढ़ने का प्रयास किया है। राज्य सरकार उन लोगों को खदेड़ रही है, जो पिछले 40-50 वर्षों से रांची में रह रहे हैं। नगर निगम चुनाव न होने के कारण गरीबों को घर देने वाली योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा:हिम्मत है तो एचईसी व डीआरएम ऑफिस का घेराव करें मरांडी
