बिहारशरीफ में कार्यपालक सहायकों का प्रदर्शन:सैलरी में बदलाव की मांग, कहा- 15 साल से सभी विभाग में दे रहे सेवा

बिहारशरीफ में कार्यपालक सहायकों का प्रदर्शन:सैलरी में बदलाव की मांग, कहा- 15 साल से सभी विभाग में दे रहे सेवा

नालंदा में कार्यपालक सहायकों का सेवा स्थायीकरण और वेतनमान संशोधन की मांग है। इसको लेकर चौथे दिन भी आंदोलन जारी रहा। रविवार को जिला मुख्यालय बिहार शरीफ में सैकड़ों कार्यपालक सहायकों ने एक दिवसीय धरना-सह-कार्य प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसमें विभागीय कार्यों को प्रदर्शित करते हुए अपनी मांगों को उजागर किया गया। बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के अध्यक्ष अमित राज ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने कई संविदा कर्मियों के मानदेय और अन्य सुविधाओं में सुधार किया है। लेकिन कार्यपालक सहायकों की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है। हम 15 सालों से संविदा की आग में झुलस रहे हैं। अब तो हमारा कल्याण कीजिए सुशासन बाबू। उन्होंने मांग की कि कार्यपालक सहायकों को सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप मानदेय का भुगतान किया जाए। लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन संगठन के जिला सचिव सूरज कुमार ने जानकारी दी। इन्होंने बताया कि जिले के सभी प्रखंड कार्यालयों और विभागों में लगभग 700 कार्यपालक सहायकों ने काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। जानकारी दी गई कि हमारे विरोध प्रदर्शन से आम जनता को असुविधा नहीं हो और सरकार को चुनावी माहौल में किरकिरी का सामना न करना पड़े, इसलिए हम सरकारी काम को जारी रखते हुए छुट्‌टी के दिन अपनी मांगों का प्रदर्शन कर रहे हैं। विभागवार स्टॉल से दिखाया योगदान धरना स्थल पर विभागवार स्टॉल लगाकर कार्यपालक सहायकों ने दिखाया कि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उनके योगदान से ही बिहार सरकार को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2020 और नेशनल ई-गवर्नेंस अवॉर्ड जैसे सम्मान मिले हैं। बता दें कि कार्यपालक सहायक बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी, पटना के अधीन संविदा पर नियोजित कर्मचारी हैं। जो साल 2010 से बिहार सरकार के सभी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन्होंने राज्य की डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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