शनिवार को चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिलाध्यक्ष नेगी ने कहा कि पूरा चमोली जिला आपदा की चपेट में है। आपदा की इस घड़ी में सरकार प्रभावितों को किसी प्रकार से राहत पहुंचाने में पूरी तरह से नाकामयाब साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि चमोली जिले के थराली, देवाल, नंदानगर, जोशीमठ इस समय आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित है। कांग्रेसजनों की टीम ने इन सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर प्रभावितों से बातचीत सरकार की ओर से पहुंचाई जा रही मदद के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि सरकार की ओर से जो राहत मिलनी चाहिए थी वह अभी तक मिल नहीं पाई है। थराली के चेपडों और नंदानगर में सबसे ज्यादा लोग इस आपदा से प्रभावित हुए है लेकिन जो मदद प्रभावितों मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल पाई है। चेपडों के प्रभावितों को अभी तक अहेतुक राशि तक वितरित नहीं की गई है। चेपडों के प्रभावित दुकानदार स्वयं अपने दुकानों का मलवा हटा रहे है। पूर्णतया क्षतिग्रस्त भवनों का एक लाख 30 हजार मुआवजा दिया जा रहा है जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा कि 2013 में जब आपदा आई थी उस समय कांग्रेस की सरकार थी। उस समय प्रभावितों के लिए जो नियम बनाए गए थे। हमारी मांग है कि उसके अनुसार लोगों के भवनों, भूमि का मुआवजा दिया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को भवन का कम से कम 15 लाख का भुगतान किया जाना चाहिए। नंदानगर के भू-धंसाव का सरकार शीघ्र ट्रीटमेंट करे और प्रभावितों को वर्तमान समय के आधार पर आकलन कर मुआवजा दे।
इस मौके पर महिला जिलाध्यक्ष ऊषा रावत, पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह बिष्ट, अरविंद नेगी, रितेश बगवाडी, योगेंद्र सिंह बिष्ट, ओमप्रकाश नेगी, प्रमोद बिष्ट, हरीश कुमार आदि मौजूद रहे।