बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जन सुराज पार्टी ने अपनी तैयारियों का पूरा खाका तैयार कर लिया है। इसकी जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती और आरसीपी सिंह ने आज पटना में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर दी। प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने ऐलान किया कि जन सुराज पार्टी इस बार विधानसभा की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। अन्य दलों की तरह केवल गठबंधन और सीट बंटवारे की चर्चा करने के बजाय पार्टी ने जनवरी से ही चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी थी। “2 अगस्त से 22 अगस्त तक उम्मीदवार चयन प्रक्रिया का पहला चरण पूरा कर लिया गया है। इस प्रक्रिया से हमें अपनी कमजोरियों और मजबूती का आकलन करने का मौका मिला। बदलाव लाने का लक्ष्य, सिर्फ टिकट बांटने वाली पार्टी नहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि जन सुराज पार्टी केवल टिकट बांटने वाली पार्टी नहीं है, बल्कि यह एक बदलाव की राजनीति करने आई है इसीलिए उम्मीदवार चयन में समय लग रहा है। पंचायत और प्रखंड स्तर पर जाकर लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है। टिकट उन्हीं कार्यकर्ताओं और नेताओं को मिलेगा जिन्होंने जन सुराज आंदोलन को खड़ा करने में कंधा लगाया है। बहुत से नए लोग भी पार्टी में आ रहे हैं, लेकिन टिकट का अधिकार उन्हीं को होगा जिन्होंने जन सुराज की बुनियाद मजबूत की है। एकाध अपवाद जरूर हो सकता है। उदय सिंह ने आगे कहा कि पार्टी के सबसे बड़े चेहरे प्रशांत किशोर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह निर्णय पार्टी सामूहिक रूप से करेगी। सवाल यह नहीं है कि प्रशांत किशोर कहां से लड़ेंगे, बल्कि सवाल यह है कि क्या वे लड़ेंगे भी या नहीं। अगर वे चुनाव लड़ते हैं तो एक क्षेत्र में बंध जाएंगे, जबकि वे हमारे सबसे बड़े सूत्रधार हैं। इसपर पार्टी गहराई से विचार कर रही है। टिकटों की घोषणा नवरात्रि से उदय सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि टिकट वितरण की घोषणा अभी नहीं की जाएगी। भादो का महीना चल रहा है, ऐसे समय इतनी बड़ी घोषणा करना उचित नहीं होगा। हम 22 सितंबर से शुरू होने वाले नवरात्र के आसपास उम्मीदवारों की सूची जारी करेंगे। मनीष वर्मा पर हमला जदयू में शामिल पूर्व आईएएस मनीष वर्मा के प्रशांत किशोर पर बयान का जवाब देते हुए कहा कि जदयू ऐसे लोगों को पार्टी में ला रहा है जिनका प्रशासनिक कार्यालय विवादों से भरा रहा है। पटना में दशहरा के समय भगदड़ की घटना में जब दर्जनों लोगों की मौत हुई थी, तब मनीष वर्मा जिलाधिकारी थे और जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हुए। इसके अलावा ओडिशा में राशन घोटाले के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। पूर्णिया में डीएम रहते हुए भी उनके खिलाफ संसद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया गया था।
नवरात्रि से पहले विस चुनाव उम्मीदवार की घोषणा करेगी जनसुराज:राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह बोले- प्रशांत किशोर चुनाव लड़ेंगे या नहीं, ये फैसला पार्टी लेगी
