शिक्षकों के इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के लिए नई गाइडलाइन जारी:पुराने आवेदन रद्द, अब ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर फिर से देना होगा आवेदन; जानें पूरा प्रोसेस

शिक्षकों के इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के लिए नई गाइडलाइन जारी:पुराने आवेदन रद्द, अब ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर फिर से देना होगा आवेदन; जानें पूरा प्रोसेस

बिहार शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के इंटर-डिस्ट्रिक्ट (अंतर जिला) ट्रांसफर को लेकर बड़ा फैसला लिया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. राजेंद्र ने पूर्व में आईएएस डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी आदेश को पलटते हुए पुराने आवेदन खारिज कर दिए हैं। अब शिक्षकों को नए सिरे से ट्रांसफर के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर नई गाइडलाइन जारी की है। जानें इच्छुक शिक्षकों को कैसे करना होगा अप्लाई नई व्यवस्था के अनुसार, इच्छुक शिक्षक ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर लॉगिन कर “Apply for Transfer” बटन क्लिक करेंगे। इसके बाद शिक्षक का पूरा प्रोफाइल स्क्रीन पर स्वतः आ जाएगा। यदि प्रोफाइल में कोई गलती पाई जाती है तो संबंधित जिला के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से संपर्क कर सुधार कराना होगा। यदि प्रोफाइल सही है तो शिक्षक को अपनी वैवाहिक स्थिति और गृह जिला/राज्य से जुड़ी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद शिक्षक तीन जिलों का विकल्प प्राथमिकता क्रम में चुन सकेंगे। विकल्प भरने के बाद “Save as Draft” पर क्लिक कर आवेदन सुरक्षित कर सकते हैं। आवेदन सब्मिट करने से पहले शिक्षक चाहें तो “View Application” बटन पर क्लिक कर भरी गई जानकारी की जांच कर सकते हैं। अगर कोई बदलाव करना है तो सब्मिट करने से पहले संशोधन किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे, एक बार “Submit” करने के बाद किसी तरह का बदलाव संभव नहीं होगा। ई-शिक्षाकोष पोर्टल के जरिए होगी ट्रांसफर की प्रक्रिया आवेदन को अंतिम रूप से सब्मिट करने के बाद शिक्षक चाहें तो “Print” बटन पर क्लिक कर अपने आवेदन का प्रिंट आउट भी ले सकते हैं। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर की यह पूरी प्रक्रिया केवल ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से ही होगी। आवेदन के दौरान किसी भी तरह की तकनीकी समस्या आने पर शिक्षक हेल्प डेस्क नंबर 9523300520 या 9430820499 पर संपर्क कर सकते हैं। इस फैसले के बाद अब उन सभी शिक्षकों को दोबारा आवेदन करना होगा, जिन्होंने पहले ट्रांसफर के लिए अप्लाई किया था। विभाग का कहना है कि यह कदम पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए उठाया गया है।

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