अमेरिका का वेनेजुएला की नाव पर हमला, 11 की मौत:विदेश मंत्री बोले- ट्रम्प ने उड़ाने को कहा था, आगे भी ऐसा ही करेंगे

अमेरिका का वेनेजुएला की नाव पर हमला, 11 की मौत:विदेश मंत्री बोले- ट्रम्प ने उड़ाने को कहा था, आगे भी ऐसा ही करेंगे

अमेरिकी सेना ने मंगलवार को वेनेजुएला की एक नाव पर हमला किया जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। अब अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने खुलासा किया है कि खुद ट्रम्प ने नाव पर हमला करने का आदेश दिया था। यह हमला मंगलवार को कैरिबियन सागर में हुआ था। रुबियो ने कहा कि वे चाहते तो उस नाव को सीज कर सकते थे, लेकिन ट्रम्प ने इसके बजाय उसे उड़ाने का आदेश दिया। रुबियो ने कहा कि सिर्फ ड्रग्स की खेप जब्त करने से कार्टेल पर असर नहीं पड़ने वाला है। उन्हें खत्म करना है तो उन्हें उड़ाना ही होगा। रुबियो ने यह भी कहा कि नाव पर मौजूद लोगों को कोई चेतावनी नहीं दी गई क्योंकि वह ‘कोकीन या फेंटेनाइल’ ड्रग से भरी हुई थी। यह अमेरिका के लिए सीधा खतरा थी। ट्रम्प बोले- अब वे दोबारा ऐसा नहीं करेंगे इससे पहले राष्ट्रपति ट्रम्प ने दावा किया कि जहाज पर ‘ट्रेन डे अरागुआ गिरोह’ के सदस्य थे। अमेरिका इसे आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। ट्रम्प ने दावा किया कि नाव पर भारी मात्रा में ड्रग्स था। ट्रम्प ने पत्रकारों से कहा- हमारे पास उनकी बातचीत के टेप हैं। हमारे देश में बहुत बड़ी मात्रा में ड्रग्स आ रहे थे, जो कई लोगों को मार सकते थे। यह बात हर कोई समझता है। आप खुद देख सकते हैं कि नाव पर ड्रग्स के पैकेट थे और उसी पर हमला किया गया। अब वे दोबारा ऐसा नहीं करेंगे। ट्रम्प ने इससे जुड़ा फुटेज भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसमें एक स्पीडबोट पानी में दौड़ती दिखाई देती है और फिर विस्फोट में उड़ जाती है। वीडियो ज्यादातर ब्लैक-एंड-व्हाइट है और इसमें साफ दिखाई नहीं देता कि नाव पर कितने लोग हैं या ड्रग्स मौजूद हैं या नहीं।
पहली बार अमेरिका ने बोट को निशाना बनाया अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने अब तक इस हमले के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है। रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने तो यहां तक सवाल उठाया कि क्या इतनी छोटी नाव में सचमुच 11 लोग बैठ सकते थे। यह भी स्पष्ट नहीं है कि सेना ने नाव को रोकने के बजाय उसे उड़ाने का फैसला क्यों किया। आमतौर पर तटरक्षक बल या अमेरिकी नौसेना ड्रग्स से लदी नावों को पकड़कर चालक दल को हिरासत में लेती रही है और उन पर मुकदमा भी चलता रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिकी नौसेना पहले भी अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में संदिग्ध जहाजों को रोकती और उनकी जांच करती रही है। लेकिन मंगलवार को कैरिबियन सागर में हुआ यह हमला बिल्कुल अलग था, क्योंकि इस बार सीधा हमला किया गया। ट्रम्प प्रशासन ने इस कार्रवाई का कोई कानूनी तर्क नहीं दिया। रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने टीवी चैनल पर कहा कि अधिकारियों को पूरी जानकारी थी कि नाव में कौन लोग थे और वे क्या कर रहे थे। हालांकि, उन्होंने कोई सबूत नहीं दिखाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ऐसे आक्रामक कदम उठाने को तैयार हैं, जो पहले किसी ने नहीं उठाए। अमेरिकी अधिकारियों के बयानों में अंतर हालांकि, रक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने प्रशासन के बदलते बयानों पर चिंता जताई। रुबियो ने मंगलवार को कहा था कि नाव त्रिनिदाद जा रही थी, जबकि ट्रम्प ने कहा था कि वह अमेरिका जा रही थी। पेंटागन अब यह तय करने में लगा है कि जनता को किस कानूनी आधार पर यह समझाया जाए कि अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में हुए इस हमले को कैसे जायज ठहराया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी संसद ने ट्रेन डे अरागुआ या वेनेजुएला के खिलाफ किसी तरह की सैन्य कार्रवाई को मंजूरी नहीं दी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा जब किसी देश ने आत्मरक्षा के नाम पर ड्रग्स तस्करी के शक में लोगों को उड़ा दिया हो। रुबियो ने मंगलवार को कहा था कि सरकार को ड्रग तस्करों के खिलाफ सैन्य बल इस्तेमाल करने का अधिकार मिलता है। लेकिन कानून के जानकारों का कहना है कि ऐसा नहीं है। आतंकवादी घोषित करने से सरकार उनकी संपत्ति जब्त कर सकती है या उन पर वित्तीय पाबंदी लगा सकती है, लेकिन युद्ध जैसी कार्रवाई का अधिकार नहीं मिलता। 2001 में संसद ने अल-कायदा और तालिबान के खिलाफ अफगानिस्तान में सैन्य बल इस्तेमाल करने की मंजूरी दी थी। बाद में अलग-अलग अमेरिकी सरकारों ने इस कानून का विस्तार कर दूसरे इस्लामी उग्रवादी संगठनों के खिलाफ भी कार्रवाई की। लेकिन इस कानून के तहत ड्रग्स कार्टेल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की इजाजत नहीं मिलती। ———————————– ट्रम्प ने वेनेजुएला के पास 3 वॉरशिप भेजे:ड्रग्स माफिया से निपटना मकसद, वेनेजुएला ने जवाब में 45 लाख लड़ाके तैनात किए, कहा- अमेरिका पागल हुआ ट्रम्प प्रशासन ने वेनेजुएला के पास तीन वॅारशिप तैनात भेजे है। वॅारशिप अगले कुछ घंटों में वेनेजुएला के तट के पास पहुंच जाएंगे। रॉयटर्स के मुताबिक ट्रम्प प्रशासन ने सोमवार को कहा था कि ये तैनाती ड्रग कार्टेल्स (ड्रग्स की तस्करी करने वाले ग्रुप्स) और इससे जुड़ी हिंसा को रोकने के लिए किया जा रहा है। ट्रम्प प्रशासन का मानना है कि वेनेजुएला की सरकार ड्रग तस्करी को बढ़ावा दे रही है। वहीं, वेनेजुएला ने अमेरिका के इन आरोपों को खारिज किया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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