PAK-अफगानिस्तान-बांग्लादेश से 2024 तक आए अल्पसंख्यक भारत में रह सकेंगे:पहले 2014 तक आए लोगों को परमिशन थी, CAA के तहत केंद्र का फैसला

PAK-अफगानिस्तान-बांग्लादेश से 2024 तक आए अल्पसंख्यक भारत में रह सकेंगे:पहले 2014 तक आए लोगों को परमिशन थी, CAA के तहत केंद्र का फैसला

केंद्र सरकार ने बुधवार को अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से 31 दिसंबर 2024 तक भारत आए वहां के अल्पसंख्यकों को राहत दी है। अब ये शरणार्थी (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) बिना पासपोर्ट के भारत में रह सकेंगे। केंद्र ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पासपोर्ट नियमों में बदलाव किया है। गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर बताया कि इन समुदायों के लोग अगर वैध पासपोर्ट या दस्तावेजों के साथ भी आए थे और उनकी वैधता खत्म हो चुकी है, तब भी उन्हें रहने की छूट मिलेगी। पहले 2014 तक आए लोगों को परमिशन थी। केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को देशभर में CAA लागू किया था। CAA के तहत इसी साल मई में पहली बार 14 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई थी। नेपाल-भूटान के नागरिकों को वीजा की जरूरत नहीं केंद्र ने आज के आदेश में साफ किया कि नेपाल और भूटान के नागरिकों को भारत आने-जाने या यहां रहने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत नहीं होगी, बशर्ते वे भारत में सीमा मार्ग से प्रवेश करें। यह व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी। हालांकि, अगर कोई नेपाली या भूटानी नागरिक चीन, मकाऊ, हॉन्गकॉन्ग या पाकिस्तान से भारत आता है, तो उसके पास मान्य पासपोर्ट होना अनिवार्य होगा। भारतीय नागरिकों को भी नेपाल या भूटान की सीमा से भारत आने-जाने के लिए पासपोर्ट या वीजा की आवश्यकता नहीं है लेकिन अगर वे नेपाल या भूटान के अलावा किसी अन्य देश से भारत लौटते हैं (चीन, मकाऊ, हॉन्गकॉन्ग और पाकिस्तान को छोड़कर), तो उन्हें मान्य पासपोर्ट दिखाना होगा। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के कर्मियों को जो ड्यूटी पर भारत में एंट्री या बाहर जा रहे हैं, उनके परिवार के सदस्यों को (अगर वे सरकारी परिवहन के साथ यात्रा कर रहे हों) पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं होगी। नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें… 1955 के कानून में बदलाव किया गया
2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAA) पेश किया गया था। इससे 1955 के कानून में कुछ बदलाव किया जाना था। 12 अगस्त 2016 को इसे संयुक्त संसदीय कमेटी के पास भेजा गया। कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को रिपोर्ट सौंपी थी। सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (CAB) को गृहमंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में पेश किया था। 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में इसके पक्ष में 125 और खिलाफ में 99 वोट पड़े थे। 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। CAA के 3 फैक्ट किन राज्यों में विदेशियों को नागरिकता दी जा रही है? नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत 9 राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेट और गृह सचिवों को नागरिकता देने के अधिकार दिए गए हैं। ये राज्य हैं- गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, UP, दिल्ली, महाराष्ट्र। ———————————————- ये खबर भी पढ़ें… CAA पर केंद्र सरकार ने जारी किया नया नोटिफिकेशन, नागरिकता के लिए जरूरी कागजात बताए केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत नागरिकता के लिए जरूरी कागजातों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। इस कानून के तहत नागरिकता लेने के लिए ऐसा कागजात पेश करना जरूरी है, जो साबित करता हो कि आवेदक के माता-पिता, दादा-दादी, या परदादा-परदादी पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश के रहने वाले थे। पूरी खबर पढ़ें…

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