लोहरदगा में लिव इन पार्टनर की कर दी हत्या:शव को कमरे में दफनाकर उसी पर सोता रहा, इससे पहले पिता का कर चुका है मर्डर

लोहरदगा में लिव इन पार्टनर की कर दी हत्या:शव को कमरे में दफनाकर उसी पर सोता रहा, इससे पहले पिता का कर चुका है मर्डर

लोहरदगा जिले के भंडरा प्रखंड अंतर्गत भिट्ठा चट्टी सोकरा गांव में एक सनसनीखेज हत्याकांड सामने आया है। 35 वर्षीय रघु उरांव ने अपनी 30 वर्षीय लिव-इन पार्टनर फूलो उरांव की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को कमरे में ही दफना दिया। यह घटना 25 अगस्त की है। गांव में फुटबॉल मैच के दौरान दोनों के बीच मैदान में ही झगड़ा हुआ था। इसके बाद फूलो को किसी ने नहीं देखा, जिससे ग्रामीणों को शक हुआ। कमरे में दफनाया शव, ऊपर ही सोता रहा आरोपी ग्रामीणों की सूचना पर भंडरा थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह ने रघु से सख्ती से पूछताछ की। पूछताछ में रघु ने जुर्म कबूल कर बताया कि उसने गुस्से में आकर फूलो का गला घोंट दिया और शव को उसी कमरे में दफना दिया, जहां वह खुद भी रह रहा था। रघु शव के ऊपर ही सोता रहा। भंडरा प्रखंड विकास अधिकारी प्रतिमा कुमारी की मौजूदगी में खुदाई कर शव को बरामद किया गया, जो सड़ चुका था। हत्या के आरोपी का है आपराधिक इतिहास पुलिस के अनुसार रघु उरांव का आपराधिक इतिहास भी रहा है। लगभग एक दशक पहले उसने अपने भाइयों के साथ मिलकर अपने ही पिता धन मसीही उरांव की हत्या कर दी थी। इस मामले में वह जेल गया और करीब पांच साल पहले रिहा हुआ। जेल से छूटने के बाद वह गांव के बाहरी इलाके में एक कमरे के मकान में अकेला रह रहा था। लिव-इन में रह रही थी फूलो, पहचान अब तक अज्ञात रघु के भाई मुन्ना उरांव ने बताया कि करीब एक साल पहले रघु फूलो को कहीं से लेकर आया था। फूलो कहां की थी, यह किसी को नहीं पता। दोनों पति-पत्नी की तरह लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे, लेकिन शादी की पुष्टि नहीं हो पाई है। उनका कोई बच्चा नहीं था। गांववालों के अनुसार रघु की मानसिक स्थिति सामान्य नहीं थी और वह अक्सर झगड़ा करता था। पुलिस जांच में जुटी, पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया शव फूलो का शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए लोहरदगा सदर अस्पताल भेजा गया, लेकिन शव सड़ जाने के कारण वहां जांच संभव नहीं थी। प्रशासन रांची स्थित रिम्स भेजने की तैयारी कर रहा था। इस जघन्य हत्याकांड से गांव और आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि फूलो कौन थी, कहां से आई थी और कितने समय से रघु के साथ रह रही थी।

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