शराब का नशा सिरप में…लड़कियां बार में परोस रहीं:लखनऊ का गैंग 100 की दवा 500 में बेच रहा; नेपाल-बांग्लादेश तक सप्लाई

शराब का नशा सिरप में…लड़कियां बार में परोस रहीं:लखनऊ का गैंग 100 की दवा 500 में बेच रहा; नेपाल-बांग्लादेश तक सप्लाई

शराब का नशा सिरप में ढूंढ़ा जा रहा है। इस सिरप की तस्करी दिल्ली से लखनऊ के रास्ते बिहार, पश्चिम बंगाल, नॉर्थ-ईस्ट, नेपाल और बांग्लादेश में किया जा रहा। यहां ये सिरप यूथ की पहली पसंद बन चुकी है। वजह- कम खर्च और किसी को भनक भी नहीं लगती है कि लड़का शराब पीता है। ये खुलासा STF, CBI और नारकोटिक्स विभाग की टीमों की ताबड़तोड़ हो रहे छापों में हुआ। लखनऊ का बाबा-पार्वती गैंग इस प्रतिबंधित सिरप को खपा रहा है। इस सिरप का नाम कोडीन सिरप है। इसके साथ ही नशे की खातिर कैप्सूल NRS का भी यह गैंग तस्करी कर रहा है। इनकी ड्रग्स की तस्करी मेडिकल दवाओं की आड़ में किया जा रहा है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि गैंग के लोग कोडीन सिरप और NRS कैप्सूल को पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में भी सप्लाई कर रहे हैं। कोडीन सिरप की मार्केट में कीमत 80 से 100 रुपए है। तस्कर इसे 500–600 रुपए तक में बेच रहे हैं। इसमें नशीली ड्रग्स भी मिला रहे हैं। इसे बनाने वाली असली कंपनियों के नाम पर नकली फर्म और वेंडर तैयार किए हैं। यही फर्म-वेंडर बड़े पैमाने पर थोक खरीदारी करके छोटे पैक में इसे सप्लाई करते हैं। एजेंसियों के सोर्सेज के मुताबिक लखनऊ के ठिकानों से माल पैक होकर निकलता है। बिहार, नेपाल के बार और छोटे क्लबों में भी खपाया जाता है। यहां के बार और डांस क्लब में लड़कियां ग्राहकों को परोसती हैं। स्टूडेंट्स भी इसे काफी पसंद कर रहे हैं। दवा की आड़ में बिक रही नशे की सिरप के पूरे नेक्सस काे जानिए पुडुचेरी और कोयंबटूर से लखनऊ मंगाते हैं नकली दवाएं लखनऊ की दवा मंडी अब काले कारोबार का हब बनती जा रही है। यहां से सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि पंजाब, बिहार, नेपाल और बांग्लादेश तक दवाओं की सप्लाई की जाती है। अफसरों से मिलीभगत कर यहां के केमिस्ट एसोसिएशन असली दवाओं के साथ नकली और नशे वाली दवाएं भी सप्लाई कर रहे हैं। इस कालाबाजारी के लिए लखनऊ और आसपास की केमिस्ट एसोसिएशन पुडुचेरी और कोयंबटूर से नकली दवाएं मंगाती हैं। खाद्य एवं औषधि विभाग (FSDA) और एसटीएफ की संयुक्त जांच ने इस तस्करी के खेल का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ और सीबीएन लखनऊ की दवा मंडी में छापा मारकर बड़ी मात्रा में दवाएं पकड़ीं तो बाराबंकी की केमिस्ट एसोसिएशन के दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार भी किया। ये पदाधिकारी नकली दवाओं की दलाली करते थे। कैसे चल रहा है नशे का यह नेटवर्क लखनऊ की दवा मंडी के थोक विक्रेता तस्करों से जुड़े हैं। फर्जी बिलिंग, फर्जी प्रिस्क्रिप्शन और नकली कंपनियों के नाम पर दवाएं चढ़ाई जाती हैं। कई मामलों में लखनऊ से बिलिंग दिखाकर माल यूपी के आगरा या बिहार के सीमाई जिलों में उतार दिया जाता है। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, जिसका इस्तेमाल जानवरों में होता है, इसे भी बड़े पैमाने पर सप्लाई किया जा रहा है। आगरा के मोती कटरा स्थित ‘हे मां मेडिको’ से बरामद 15 बोरे नकली दवाइयों के बाद जांच में कई चौंकाने वाले नाम सामने आए हैं। अब तक करीब 50 संदिग्ध एसटीएफ की रडार पर आ चुके हैं। इनकी संलिप्तता का पता लगाने के लिए एसटीएफ टीम सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। इसमें कई महिला तस्कर भी शामिल हैं। दिल्ली से लखनऊ तक बिछा है जाल असली के नाम पर नकली दवाओं का खेल समझिए- ‘बाबा-पार्वती’ गैंग असली कंपनियाें के नाम पर नकली दवा बनाता है आगरा छापेमारी में खुलासा हुआ कि बाबा-पार्वती गैंग पुडुचेरी से नकली माल मंगाते थे। लखनऊ में बिलिंग होती और फिर माल आगरा में उतारा जाता था। इनके पास सन फार्मा और अवॉर्ड कंपनी जैसे ब्रांड्स के फर्जी बिल और जीएसटी इनवाइस मिले। 22 अगस्त को आगरा में FSDA और STF की संयुक्त कार्रवाई में एक टेंपो (UP80FT6193) से 12 बोरे अवैध दवाओं के पकड़े गए। पूछताछ में ड्राइवर ने कबूल किया कि वह हेमा मेडिकोज और बंसल मेडिकल एजेंसी तक सप्लाई करता रहा है। बोरों से 29,720 स्ट्रिप Allegra 120mg टैबलेट बरामद हुईं, जिनकी कीमत 78.67 लाख रुपए थी। सैनोफी कंपनी के प्रतिनिधियों ने बताया कि ये दवाएं नकली हैं और कंपनी ने इन्हें कभी तैयार ही नहीं किया। FSDA की जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क न्यू बाबा फार्मा (अमीनाबाद-लखनऊ) और पार्वती ट्रेडर्स (आशियाना-लखनऊ) के जरिए काम करता है। लाइसेंस धारक विक्की कुमार और सुभाष कुमार पर FIR दर्ज की गई है। FSDA और STF का दावा FSDA अफसरों का साफ कहना है कि “यह नेटवर्क संगठित और बेहद मजबूत है। लेकिन लखनऊ से लेकर आगरा तक लगातार कार्रवाई हो रही है। नकली दवाओं का कारोबार करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।” आंकड़े बोलते हैं- इस साल 12.68 करोड़ की नकली दवाएं जब्त हुई अब सीबीआई की कार्रवाई को जानिए देवा हॉस्पिटल 5 साल से बंद, सप्लाई हो रही थी दवा देवा रोड पर स्थित देवा हॉस्पिटल करीब 5 से बंद पड़ा है। लेकिन, सप्लायर इसके नाम का बिल लगातार बना रहे थे। इस तरह करके दवाओं की कालाबाजारी दूसरे शहरों में की जा रही थी। केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी ही मिलीभगत कर इस हॉस्पिटल के नाम से बिल बना रहे थे। ​​​सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स के अफसर गिरफ्तार हुए सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स (CBN) के 2 इंस्पेक्टरों को CBI ने लखनऊ में रंगे हाथ घूस लेते गिरफ्तार किया। दोनों इंस्पेक्टरों ने देवा नर्सिंग होम के मालिक गयासुद्दीन अहमद से प्रतिबंधित दवा ‘कोडीन सिरप’ के मामले में फंसाने की धमकी देकर 10 लाख रुपए की वसूली की थी। आरोपी इंस्पेक्टर महिपाल सिंह और रवि रंजन से 10 लाख रुपए बरामद हुए हैं। एक अन्य इंस्पेक्टर आदेश योगी को भी हिरासत में लिया है। भास्कर रिपोर्टर ने अधिकारियों से बातचीत की- अधिकारी बोले- लखनऊ की दो फर्मों को सील किया गया सहायक आयुक्त (औषधि) लखनऊ मंडल, बृजेश कुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि आगरा में नकली दवाओं को लेकर हुई छापेमारी में लखनऊ की दो फर्मों-पार्वती मेडिकल एजेंसी और न्यू बाबा मेडिकल एजेंसी के नाम भी सामने आए हैं। दोनों दुकानों को रविवार को सीज कर दिया गया है। बृजेश कुमार ने बताया कि तीन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है। साथ ही, जिन-जिन जगहों पर यहां से माल भेजा गया था उनकी ट्रैकिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि विभाग समय-समय पर इस तरह की जांच और कार्रवाई करता रहता है। कंपनी की शिकायत पर पूर्व में भी कई बार जांच की जा चुकी है और कुछ जांचें अभी चल रही हैं। सहायक आयुक्त ने बताया- पुडुचेरी और कोयंबटूर से भी दवाएं मंगाई जाती रही हैं। कंपनी का आरोप है कि बाहर से आने वाली कई दवाएं नकली हो सकती हैं। इस पूरे प्रकरण पर एसटीएफ और औषधि विभाग मिलकर लगातार जांच कर रहे हैं और जल्द ही सभी कार्रवाइयों को पूरा किया जाएगा। ———————– ये खबर भी पढ़िए… नाम हटाने के लिए 10 लाख में की थी डील:लखनऊ में CBI ने 2 दलालों को दबोचा, नशीली दवा के खेल में 3 इंस्पेक्टर्स गिरफ्तार सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने प्रतिबंधित दवा ‘कोडीन सिरप’ के मामले में केमिस्ट एसोसिएशन बाराबंकी के जिलाध्यक्ष संतोष जायसवाल और देवा ब्लॉक अध्यक्ष सुनील जायसवाल को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों पदाधिकारियों ने देवा नर्सिंग होम संचालक गयासुद्दीन से मामले को रफा-दफा कराने का ठेका लिया था। इन पर दलाली का आरोप भी है। (पूरी खबर पढ़िए)

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