हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा (19) की मौत का सच अभी सामने नहीं आया है। केस CBI को सौंपे जाने के बावजूद अभी जांच आगे नहीं बढ़ रही है। इस बीच दैनिक भास्कर एप की टीम गांव सिंघानी के ईश्वर और सत्यपाल के पास पहुंची। यही वो दो लोग हैं, जिन्होंने 13 अगस्त को सबसे पहले ग्वार के खेत में मनीषा का शव देखा था। ये खेत गांव के पवन का है। पवन के खेतों में सांझी ईश्वर बोले- उस दिन मैं सुबह करीब 6 बजे खेत में गया। वहां कोने पर कुत्तों का झुंड देखा। गुर्राते कुत्ते देख डर गया और करीब आधा किलोमीटर दूर भाग गया। मुझे लगा खेतों में किसी ने भेड़ या बकरी का मरा हुआ बच्चा (मेमना) डाल दिया होगा, उसी को कुत्ते नोंच रहे होंगे। तभी भेड़-बकरी चराने वाला सत्यपाल वहां आ गया। मैंने उसे ताना दिया- बकरी का बच्चा म्हारे खेत में क्यों गेर दिया। फिर हम डंडा लेकर आगे बढ़े और कुत्तों को भगाया। तब देखा वहां शव पड़ा था। आसपास 7-8 कुत्ते थे। जहां शव मिला वो सड़क से 100 मीटर अंदर
मनीषा जिस प्ले स्कूल में पढ़ाती थी, उससे घटनास्थल करीब डेढ़-दो किलोमीटर दूर है। गांव सिंघानी से सिवानी की तरफ जाने वाले रास्ते पर करीब डेढ़-दो किलोमीटर चलने के बाद एक नहर आती है। उसके साथ-साथ कच्चा रास्ता जाता है। उस कच्चे रास्ते पर करीब 100 मीटर चलने के बाद वह वो खेत है, जहां पर मनीषा का शव पड़ा हुआ था। मनीषा का शव कच्चे रास्ते के पास ही खेत के एक कोने में पड़ा हुआ था। खेत के इस हिस्से में ग्वार की फसल काफी कम है। पेड़ों की छाया रहने की वजह से नीचे फसल कम पैदा होती है। इस रास्ते पर आवाजाही काफी कम, लाश 2 दिन बाद दिखी
मनीषा का शव जिस खेत में मिला है, उस तरफ आवाजाही कम ही रहती है। वहां एक तरफ नहर है तो दूसरी तरफ खेत है, जिसमें ग्वार की बिजाई की हुई है। मनीषा 11 अगस्त दोपहर में लापता हुई थी, जबकि उसका शव 13 अगस्त को सुबह मिला। इसकी एक वजह यह भी है कि अंदर कच्चे रास्ते से 100 मीटर दूर खेतों में आवाजाही कम रहती है। पूरी जांच में अभी ऐसा कोई नहीं मिला है, जिसने इस कच्चे रास्ते से मनीषा को जाते देखा हो। अब जानिए ईश्वर और सत्यपाल ने उस दिन क्या देखा था…
दैनिक भास्कर एप की टीम शुक्रवार को गांव सिंघानी व खरकड़ी 52 वाली पहुंची। यहां हमने सत्यपाल से फोन पर संपर्क किया तो उसने बताया कि वह खेतों में भेड़-बकरी चराने गया है। यहां सिर्फ पगडंडी है, आसपास ऊंची घास उगी है। उबड़-खाबड़ रास्ते में जगह-जगह गड्ढों में पानी भरा है। यहां से होते हुए खेतों में पहुंचे, जहां हमें सत्यपाल मिला। जो शव मिलने का प्रत्यक्षदर्शी है। गांव सिंघानी निवासी सत्यपाल से बातचीत मनीषा के शव मिलने वाले दिन कब और क्या देखा था?
सत्यपाल: उस रोज मैं सुबह करीब 6-साढ़े 6 बजे खेत में था। तभी एक व्यक्ति (ईश्वर) खेत में मिला और बोला-तूं म्हारे खेत में बकरी का बच्चा गिरा गया। मैंने कहा कि मैं तो नहीं गिराकर गया। ईश्वर के पीछे कुत्ते लगे तो वह चिल्लाया। उसे छुड़वाने के लिए गया तो कुत्ते दोनों के सामने हो गए। इसके बाद नीम का लठ (डंडा) तोड़ा। जिसके बाद कुत्ते हटाए। हम आगे आए तो गांव की एक बहू व लड़की जा रही थी। हमने उन्हें कहा था कि कुत्ते खा जाएंगे। इसी दौरान कुत्ते उनकी तरफ भी भागे। उस दौरान कितने कुत्ते और क्या शव को नोंच रहे थे?
सत्यपाल: 7 कुत्ते थे। कुछ कुत्ते शव के ऊपर बैठे हुए थे। उस दौरान शव किस हालत में था?
सत्यपाल: हमने कोई ध्यान नहीं दिया। शव दिखने के बाद हम उल्टे (लौट) हो लिए। खेत के सांझी (खेत का हिस्सेदार) को कहा कि तू खेत के मालिक को फोन कर दे। मालिक ने सरपंच को कहा। सरपंच ने पुलिस के पास फोन कर दिया। उस दिन क्या किसी को कुत्तों ने काटा था?
सत्यपाल: ना, किसी को नहीं काटा। आपसे बकरी का बच्चा गिराने की बात पूछने वाला क्या करने आया था?
सत्यपाल: मुझे तो पवन के खेत के हिस्से पर बिजाई करने वाला ईश्वर यह कहने के लिए आया था कि मैं स्प्रे करूंगा। तूं बकरी का बच्चा गिराकर आया है, इसलिए कुत्ते खेत में जाने नहीं दे रहे। गांव सिंघानी निवासी ईश्वर से बातचीत मनीषा का शव कब देखा?
ईश्वर: घटना 13 तारीख की है। सुबह मैं घूमने के लिए खेत में गया था। खेत में गया तो वहां कुत्ते थे। कुत्तों से डरकर मैं आधा किलोमीटर उल्टा हटकर भाग लिया। जोहड़ी के पास पुल है, वहां आकर एक व्यक्ति (सत्यपाल) के पास फोन किया और बुलाया। उसको यह कहा कि बकरी के बच्चे यहां ना फेंका कर तूं। सत्यपाल बोला कि ऐसा तो कुछ नहीं है। उसके साथ मैं आगे गया तो डेडबॉडी देखी। वहां जाकर क्या देखा?
ईश्वर: जब वहां पहुंचे तो कुत्ते आसपास घूम रहे थे। वह (मनीषा का शव) वहां पड़ा हुआ था। मैंने अपने खेत मालिक पवन के पास फोन किया। खेत मालिक ने सरपंच संजीत कुमार के पास फोन किया। फिर वे आए तब तक मैं वहीं पर ही था। आपने घटनास्थल देखा, तो वहां क्या देखा?
ईश्वर: जिस तरह मनीषा का शव खेत में पड़ा था, वही देखा था। आपने देखा तो कुत्ते डेड बॉडी खा रहे थे या नहीं?
ईश्वर: 7-8 कुत्ते थे लेकिन खा नहीं रहे थे। कुत्ते शव के आसपास घूम रहे थे। उसको खाने नहीं लग रहे थे। यहां पर पहले किसी के साथ कुत्तों द्वारा इस तरह की वारदात करने की सूचना है?
ईश्वर: इस तरह की कोई जानकारी नहीं है। पुलिस का दावा- मनीषा के शव को जानवरों ने नोंचा था
अभी पुलिस इस केस को सुसाइड बता रही है। पुलिस का दावा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनीषा के शरीर में जहर के अंश मिले हैं। 13 अगस्त को जब मनीषा का शव मिला तो गर्दन पर गहरे घाव थे। यह लगभग कट ही चुकी थी। इसी आधार पर पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ दी थी। फोरेंसिक व पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर एसपी से लेकर डीजीपी तक ने यही कहा कि संभवत किसी जानवर ने गर्दन व चेहरे के पास से नोंचा। चेहरे व गर्दन के पास से लार के सैंपल भी लिए थे, ताकि पता चल सके कि कौन सा जानवर हो सकता है। हालांकि इसकी जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है। ————— मनीषा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. पहली बार दुकानदार से बात, जिससे मनीषा ने कीटनाशक खरीदा:रोज आगे से गुजरती; उस दिन कहा- अंकल, 1 लीटर मोनो देना हरियाणा के भिवानी में लेडी टीचर मनीषा (19) की मौत को पुलिस सुसाइड बता रही है। एसपी से लेकर डीजीपी तक मीडिया के सामने कह चुके हैं कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनीषा के शरीर में जहर के अंश मिले हैं। मौत के 15 दिन बाद वो पेस्टिसाइड विक्रेता सामने आया है, जिससे मनीषा ने एक लीटर कीटनाशक खरीदा था। पूरी खबर पढ़ें…
सबसे पहले मनीषा का शव देखने वाले ईश्वर-सत्यपाल से बात:वहां कुत्तों का झुंड मंडरा रहा था, हमने सोचा बकरी के बच्चे को नोंच रहे
