सुपौल के शिक्षक दिलीप कुमार को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान:विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और प्रयोगात्मक कार्यों के लिए होंगे सम्मानित

सुपौल के शिक्षक दिलीप कुमार को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान:विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और प्रयोगात्मक कार्यों के लिए होंगे सम्मानित

सुपौल के शिक्षक दिलीप कुमार को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान : विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार और प्रयोगात्मक कार्यों के लिए होंगे सम्मानित सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज अनुमंडल मुख्यालय स्थित ललित नारायण लक्ष्मी नारायण प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में पदस्थापित विज्ञान शिक्षक दिलीप कुमार का चयन राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए हुआ है। शिक्षा मंत्रालय ने सोमवार को इसकी आधिकारिक सूची जारी की। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में किए गए नवाचार और प्रयोगात्मक कार्यों के लिए प्रदान किया जाएगा। दरअसल, दिलीप कुमार सुपौल जिले के जदिया थाना क्षेत्र स्थित परवाहा गांव निवासी स्व. सत्यनारायण प्रसाद यादव व स्व. उर्मिला देवी के पुत्र हैं। उनकी शिक्षा और कार्यशैली से विद्यालय की कई छात्राएं राज्य स्तरीय से लेकर राष्ट्रीय मंच तक अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी हैं। हाल ही में उन्हें बिहार दिवस 2025 के अवसर पर एसीएस द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर भी सम्मानित किया गया था। पुरस्कार की घोषणा के बाद विद्यालय प्रांगण में हर्ष का माहौल देखने को मिला। शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। स्काउट-गाइड की छात्राओं ने भी अपने प्रिय शिक्षक के सम्मान में उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक सौरभ सुमन सहित शिक्षक रविन्द्र कुमार, गजेंद्र कुमार, खुशबू कुमारी, आनंद कुमार, आश्रित कुमार, कुमारी स्नेहा, राजू कुमार, सुनीता कुमारी, नेकराज, परिचारी मनोरमा कुमारी और राग जी मौजूद रहे। दिलीप कुमार के बड़े भाई ब्रजेश कुमार भी शिक्षा सेवा से जुड़े हैं और वर्तमान में उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय, मानगंज में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। परिवार और क्षेत्रवासियों ने भी उनके इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। सम्मान की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिलीप कुमार ने कहा कि “यह पुरस्कार सिर्फ मेरा नहीं है, बल्कि उन छात्राओं की मेहनत और मेरे सहकर्मी शिक्षकों के सहयोग की पहचान है। मेरा हमेशा प्रयास रहा है कि विज्ञान को सरल और रोचक तरीके से पढ़ाया जाए, ताकि छात्र-छात्राओं की रुचि बनी रहे। यह सम्मान मुझे और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा देगा।”

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