हाईकोर्ट ने पूछा-स्कूल और हॉस्टल में आग से बचाव के लिए क्या इंतजाम हैं

हाईकोर्ट ने पूछा-स्कूल और हॉस्टल में आग से बचाव के लिए क्या इंतजाम हैं

झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को दैनिक भास्कर में छपी चार खबरों पर लिए गए स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने आम लोगों से जुड़े इन मामलों पर राज्य सरकार और नगर निगम से जवाब मांगा। लातेहार में बालिका छात्रावास में आग लगने के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि स्कूल और हॉस्टल में आग से बचाव के लिए क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं। हॉस्टल के भवन की क्या स्थिति है। आग लगने से क्या-क्या नुकसान हुआ। कोर्ट ने सरकार को चार सितंबर तक जवाब दा​खिल करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि 18 अगस्त को लातेहार में लड़कियों के एक हॉस्टल में आग लग गई थी। उस समय 200 छात्राएं पीटी के लिए गई थीं। इसलिए बाल-बाल बच गईं। हालांकि 36 छात्राओं के बिस्तर, किताब-कॉपियां, ड्रेस और निजी सामान जलकर राख हो गए थे। यह हॉस्टल दूसरे स्कूल के जर्जर भवन में चल रहा था। बस स्टैंड का हाल सुधारने के लिए क्या कार्रवाई हुई
हाईकोर्ट ने सरकारी बस स्टैंड और आईटीआई बस स्टैंड की दयनीय स्थिति पर भी निगम से जवाब मांगा। कोर्ट ने पूछा-यहां कीचड़ और गंदगी हटाने के लिए क्या कार्रवाई हुई। कब तक इसे साफ-सुथरा कर दिया जाएगा। वॉशरूम बनाने के लिए क्या किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि बस स्टैंड के पास पौधे भी लगाएं, ताकि सुंदरता बनी रहे। इस मामले की सुनवाई 10 सितंबर को होगी। इस पर नगर निगम की ओर से बताया गया कि अतिक्रमण हटाया गया है। कीचड़ भी साफ किया गया है। मेंटेनेंस के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। चांदनी चौक से दुकानें शिफ्ट क्यों नहीं की गई हाईकोर्ट ने कांके रोड के चांदनी चौक के पास अतिक्रमण की वजह से लगने वाले जाम पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम को इस पर 10 सितंबर तक जवाब देने को कहा। कोर्ट ने निगम से पूछा कि सड़क किनारे दुकान लगाने पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती। दुकानों को शिफ्ट क्यों नहीं किया जाता। इस पर निगम ने बताया कि इन दुकानों को जल्दी ही शिफ्ट कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि चांदनी चौक पर सड़क किनारे बड़ी संख्या में दुकानें लगाई जाती हैं। इससे यहां हमेशा जाम जैसी स्थिति रहती है। नालियों से अतिक्रमण हटाने के लिए क्या किया कोर्ट ने नगर निगम से पूछा कि अशोक नगर में नालियों से अतिक्रमण हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गई है। वहां दोबारा अतिक्रमण न हो, इसके लिए क्या किया। जल जमाव दूर करने के लिए क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने राज्य सरकार और नगर निगम को 10 सितंबर तक जवाब देने को कहा। गौरतलब है कि अशोक विहार कॉलोनी से सटे साकेत विहार में नाले पर अतिक्रमण हो गया है। यह सरकारी नाला पहले करीब 20 फीट का था, जो अब दो फीट का रह गया है। इसके ऊपर पार्किंग बना दी गई है।

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