रामगढ़ जिले के सयाल डी आर ए माइनिंग कंपनी में सौंदा बस्ती के विस्थापित ग्रामीणों ने कोयला परिवहन कार्य रोक दिया है। विस्थापितों का आरोप है कि कंपनी एनआईटी नियमों का पालन नहीं कर रही है। सयाल परियोजना पदाधिकारी और बरका सयाल एरिया सिक्योरिटी इंचार्ज एनके सिंह ने ग्रामीणों से वार्ता का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अडिग रहे। विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रहे नितेश कुमार और सुखदेव प्रसाद ने बताया कि वे सभी यहां के रैयत विस्थापित हैं। कंपनी को खुद परिवहन का काम करना चाहिए उनकी जमीन पर सीसीएल की अंडरटेकिंग एजेंसी आर ए माइनिंग कंपनी कोयला खनन कर रही है। नियम के अनुसार, कंपनी को खुद परिवहन का काम करना चाहिए। लेकिन कंपनी ने यह काम पेटी ट्रांसपोर्टर को दे दिया है। यह एनआईटी एचपीसी नियम का उल्लंघन है। ग्रामीणों का कहना है कि सीसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध तरीके से पेटी कांट्रेक्टर को परिवहन का काम दिया गया है। इससे स्थानीय वाहन चालक बेरोजगार हो रहे हैं। वे पलायन करने को मजबूर हैं। पिछले दो साल से सीसीएल प्रबंधन आश्वासन दे रहा है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। विरोध प्रदर्शन में अखिलेश प्रसाद, पिंकू कुमार और मिथुन कुमार समेत कई ग्रामीण मौजूद थे।
रामगढ़ में विस्थापितों ने रोका कोयला परिवहन:CCL में एनआईटी नियमों के उल्लंघन का आरोप, पेटी कॉन्ट्रैक्टर को काम देने का विरोध
