यूपी के जिला रामपुर में बर्ड फ्लू का साया है। 2 पोल्ट्री फॉर्म में इस वायरस की पुष्टि होने के बाद करीब 50 हजार जिंदा मुर्गियों को JCB से गड्ढा खोदकर दफनाया जा चुका है। 10 किलोमीटर के सेंसेटिव जोन में पोल्ट्री फॉर्म समेत चिकन की दुकानें बंद कर दी गई हैं। दफनाई गई मुर्गियों से अगर बदबू नहीं फैलती, तो शायद गांववाले न इसकी शिकायत मंत्री से करते और न ही बर्ड फ्लू की पुष्टि हो पाती। पशुपालन विभाग की जांच में पता चला कि जुलाई के आखिरी हफ्ते में उत्तराखंड की गोला रेंज की एक नदी में कुछ पक्षी मरे मिले थे। इसके बाद बगुले मरे पाए गए। ये पूरा इलाका यूपी बॉर्डर से सटा है। ऐसे में आशंका है कि बर्ड फ्लू उत्तराखंड के रास्ते यूपी में आया। हालांकि अभी उत्तराखंड के सैंपलों की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। फिलहाल दोनों राज्यों में अलर्ट है। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर रामपुर पहुंचकर दोनों पोल्ट्री फॉर्म देखे। आसपास के लोगों से बात की। मौजूदा हालातों को जाना। ये भी जानने का प्रयास किया कि दहशत में लोग किस तरह रह रहे हैं। पढ़िए ये रिपोर्ट… 1– कप्तान पोल्ट्री फॉर्म, सिहोरा प्रशासन ने मिट्टी से बंद किया रास्ता, मुंह ढककर निकल रहे लोग
हम सबसे पहले रामपुर जिले में बिलासपुर क्षेत्र के सिहोरा गांव में स्थित RW ग्रुप के पोल्ट्री फॉर्म पर पहुंचे। ये पोल्ट्री फॉर्म सिहोर और सिहोरा गांव के बीच खेतों में है। इस फॉर्म के बाहर जो मुख्य रास्ता है, वो फिलहाल बंद है। जिला प्रशासन ने इस रास्ते पर मिट्टी का ढेर लगाया हुआ है। इस पर एक बैनर टंगा है। जिस पर लिखा है- ये बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्र है। रास्ता बंद होने की वजह से आसपास के गांवों के लोगों को कई किलोमीटर घूमकर आना-जाना पड़ रहा है। दरअसल, जिला प्रशासन ने ये फैसला सावधानी के तौर पर लिया है, ताकि गांववाले इस वायरस की चपेट में न आ सकें। फिलहाल इस पोल्ट्री फॉर्म पर सील लगी हुई है। यहां पर भी जिला प्रशासन की तरफ से गेट पर एक बैनर टांगा गया है। जिसमें इसको बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्र बताया गया है। इस पूरे इलाके से भयंकर दुर्गंध आ रही है। मक्खियां इतनी हैं कि एक मिनट खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा है। हमें एक किसान मुंह पर लाल कपड़ा बांधकर साइकिल से जाते हुए दिखा। हमने पूछा- ये कपड़ा क्यों बांध रखा है? वो कहते हैं- यहां से बदबू उठ रही है, बर्ड फ्लू भी फैला हुआ है। इसलिए अपनी सुरक्षा के लिए मुंह पर कपड़ा लपेटकर जा रहा हूं। इस साइकिल सवार की तरह हमने कई और लोग देखे, जो मुंह पर कपड़ा बांधकर आ-जा रहे थे। संभवत: वो बर्ड फ्लू की वजह से डरे हुए थे। अब स्थानीय लोगों की बात… हमें सिर्फ बदबू आ रही थी, जांच रिपोर्ट से बर्ड फ्लू का पता चला
सिहोर गांव के हरेंद्र सिंह बाजवा बताते हैं- यहां जब मुर्गियां मरनी शुरू हुईं और बदबू आई, तो लोगों में हलचल हुई। हमने शुरुआत में पोल्ट्री फॉर्म मालिक से इसकी शिकायत की। उन्होंने फोन नहीं उठाया। मौखिक शिकायत को भी अनसुना कर दिया। बदबू ज्यादा बढ़ती चली गई। एक दिन हम सभी लोग इलाके के मंत्री बलदेव सिंह औलख से मिले। उन्हें पूरा प्रकरण बताया। इसके बाद जिला प्रशासन की टीम पोल्ट्री फॉर्म पर जांच करने आई। कुछ मुर्गियों के सैंपल जांच के लिए भेजे। बरेली से आई जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। तब हमें पता चला कि पोल्ट्री फॉर्म में वायरस फैल चुका है। उससे पहले तो हम सिर्फ इसे बदबू मानकर चल रहे थे। खेत में खुले में फेंक दी गई थीं मरी मुर्गियां
इसी सिहोर गांव के दलजीत सिंह बताते हैं- पोल्ट्री फॉर्म में शुरुआत में कुछ मुर्गियों की मौत हुई। इसके बाद कर्मचारियों ने फॉर्म के सामने ही एक खेत में गड्ढा खुदवाकर उसमें डाल दिया। एक दिन मेरे भाई साहब परिवार के साथ कार से वहां से गुजर रहे थे। कार के शीशे खुले हुए थे। अचानक बहुत सारी मक्खियां कार में घुस गईं। वहां से तेज बदबू भी आ रही थी। तब पहली बार उन्हें पता चला कि यहां कुछ मामला गड़बड़ है। उन्हें कुछ मुर्गियां मृत अवस्था में खेत में पड़ी मिलीं। इसके बाद स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया। शुरुआत में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही रही। बड़ी संख्या में चिड़िया भी मृत मिलीं
बर्ड फ्लू फैलने के बाद गांव वाले इससे बचने के लिए क्या कर रहे? इस पर स्थानीय नागरिक हरजीत सिंह कहते हैं- बर्ड फ्लू फैलने के बाद इलाके में बड़ी संख्या में चिड़ियों की मौत हुई। घर-आंगन, खेतों और रास्तों पर मृत चिड़िया काफी तादाद में देखी गईं। मक्खियां इतनी हो गई हैं कि हम घर के बाहर कपड़ा भी सूखने के लिए नहीं डाल सकते। शुरुआत में अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। बाद में जब मामला हाईलाइट हुआ, तो अफसरों ने बचाव कार्य शुरू किए। एहतियातन हम लोग पोल्ट्री फॉर्म की तरफ नहीं आ रहे। 2– महाराजा पोल्ट्री फॉर्म, चंदेन फॉर्म बंद कर कर्मचारी घर भेजे, साफ-सफाई का काम शुरू
सिहोरा गांव के फॉर्म हाउस से करीब 10 किलोमीटर दूर चंदेन गांव में महाराजा पोल्ट्री फॉर्म है। करीब 2 किलोमीटर खेतों में चलते हुए हम इस पोल्ट्री फॉर्म पर पहुंचे। फॉर्म से करीब 200 मीटर पहले ही एक बैरियर लगा था। इस पर एक बैनर टंगा है। इस पर लिखा है कि ये बर्ड फ्लू प्रभावित क्षेत्र है। हम पोल्ट्री फॉर्म पर पहुंचे तो 3 मजदूर मुर्गीदाना समेटते हुए मिले। पता चला कि पोल्ट्री फॉर्म बंद हो जाने पर मालिक ने मुर्गी दाना बेच दिया है। इसलिए वो इसे खरीदने के लिए आए हुए हैं। फॉर्म पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा था। जब सारा मुर्गीदाना यहां से निकल जाएगा, तब इसकी साफ-सफाई शुरू की जाएगी। इस फॉर्म में अब तक 20 हजार से ज्यादा मुर्गियों को जेसीबी से गड्ढा खोदकर दबाया जा चुका है। मृत मुर्गियों की बढ़ती संख्या देख हो गया था अंदाजा
हमें इस फॉर्म हाउस पर कर्मचारी जयविंदर मौजूद मिले। वो बताते हैं- सामान्य तौर पर बीमारी होने पर मुर्गियां मरती हैं, लेकिन ये घटना कंटीन्यू नहीं रहती। 2 अगस्त को 35 मुर्गियां मरीं। अगले दिन 70 हो गईं। उससे अगले दिन 100 मुर्गियां मर गईं। मरने वाली मुर्गियों की बढ़ती संख्या देखकर हमें अंदाजा हो गया था कि बर्ड फ्लू फैल गया है। हमने तुरंत पशुपालन विभाग को सूचना देकर सैंपलिंग कराई। जांच में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। अब पोल्ट्री फॉर्म बंद कर दिया गया है। मुर्गी दाना बेचा जा रहा है। जैसे ही ये बिक जाएगा, पूरा पोल्ट्री फॉर्म सैनिटाइज किया जाएगा। उत्तराखंड में बाहर से अंडे-मुर्गी लाने पर प्रतिबंध
यूपी का रामपुर जिला उत्तराखंड बॉर्डर से सटा हुआ है। बिलासपुर के बाद उत्तराखंड में रुद्रपुर शुरू हो जाता है। उत्तराखंड में तराई पूर्वी वन विभाग के DFO हिमांशु बांगरी बताते हैं- जुलाई के आखिरी हफ्ते में गोला रेंज की एक नदी में कुछ पक्षी मृत पाए गए। इसके बाद फिर से कुछ बगुले मृत मिले। इसके बाद हमने सैंपलिंग करवाई है। उसकी जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है। इधर, रामपुर में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बाहर से अंडे, मांस या पशु-पक्षी लाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। यूपी से सटी उत्तराखंड की चौकियों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। फ्लू कहां से आया, ये अभी साफ नहीं
रामपुर में बर्ड फ्लू कहां से आया? ये जानने के लिए हमने यहां के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी वीके सिंह से बात की। वे कहते हैं- अभी हम इस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि ये वायरस कहां से आया। आसमान में उड़ने वाली चिड़िया से भी बर्ड फ्लू आ सकता है। उन्होंने कहा- हमने एहतियात के तौर पर बर्ड फ्लू प्रभावित 10 किलोमीटर के एरिया में सभी पोल्ट्री फॉर्म के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। इस इलाके में मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। बाहर से भी पशु-पक्षियों को लाने-ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हम पूरी तरह से सतर्कता बरत रहे हैं। ——————————- ये खबर भी पढ़ें… इंस्टाग्राम दोस्त से मिलने गया, तब से लापता, बिजनौर में पीटने का आखिरी VIDEO; नेता के भतीजे को पुलिस ने छोड़ा यूपी के मेरठ का रहने वाला ATM करेंसी वैन का ड्राइवर अमित आर्य 11 जुलाई से लापता है। वह इंस्टाग्राम दोस्त ज्योति राजपूत से मिलने बिजनौर गया था। उसका आखिरी वीडियो सामने आया है। इसमें चार-पांच लोग खेत में उसे न्यूड कर पीट रहे हैं। गोली मारने की बात कर रहे हैं। इसमें एक आरोपी रालोद के पूर्व जिलाध्यक्ष का भतीजा है। मेरठ पुलिस ने वीडियो के आधार पर उन लोगों से पूछताछ की। मारपीट (शांति भंग) के मामूली आरोप में गिरफ्तारी दिखाकर पल्ला झाड़ लिया। पढ़ें पूरी खबर
उत्तराखंड में बगुले, फिर UP में मरी मुर्गियां:बदबू नहीं फैलती तो बर्ड फ्लू का पता नहीं चलता, 50 हजार से ज्यादा जिंदा दफनाईं
